कामसिन स्टूडेंट को पटाकर क्लास में ही चोद दिया 02

Student Teacher Sex Story : अभी तक आप सभी ने इस कहानी के पहले भाग "कामसिन स्टूडेंट को पटाकर क्लास में ही चोद दिया!" में पढ़ा था की कैसे मैंने अपनी कामसीन स्टूडेंट की Antarvasna भड़का दी थी अब पढिए कैसे मैंने उसकी चुदाई की शुरुआत क्लास में ही की!


अभी तक आपने पढ़ा :-


काजल मेरे बिल्कुल करीब आ कर खड़ी हुई फिर मेरे अंदर से आती हुई चॉकलेट की खुशबू को सूंघती हुई अपनी सीट पर बैठ गई।


सेंटर पूरा खाली था उसने बहुत कामुक आवाज़ के साथ मुझे बुलाया “प्रवीण सर, आज क्या सिखाएंगे।”


उसकी बड़ी बड़ी आँखें मेरी पेंट में उभरे लन्ड को निहार रही थी।


अब आगे :


पहले तो मैने उसे काम बताए कि कंप्यूटर में आगे किया करना है, फिर जब वो अपने काम को करने लगी तो 


मैं अपने हाथ से उसकी मस्त मोटी टांगे सहलाने लगा। उसकी सलवार इतनी पतली थी मुझे ऐसा लग रहा था कि वो नंगी ही बैठी है।


धीरे धीरे काजल की सांसे तेज़ होने लगी थी, वो मुस्कुरा भी रही थी और शर्मा भी रही थी। 


उसने मुझसे कंप्यूटर में एक ऑप्शन के बारे में पूछा तो मैं उसके पीछे आकर खड़ा हो गया फिर झुककर उसके सख्त मोटे हाथों पर हाथ रखकर उसकी समस्या को सुलझाने लगा।


उसके बालों में से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी, वो दुपट्टा तो कभी पहनती ही नहीं थी और आज तो ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी।


मेरे लिए खुद पर काबू रखना अब मुश्किल हो गया था घड़ी ने मुझे आवाज़ देकर कहा 2 बज गए है बस एक घंटा बाकी है जो करना है जल्दी करो।


जिस समय लड़के की कोशिश रंग लाए और लड़की अपनी गर्मी उसके पानी से ठंडी करने के लिए तैयार हो जाए तो फिर पीछे हटना सबसे बड़ी बुज़दिली होती है जबतक कोई अच्छी वजह तुम्हारे पास न हो और फिर उस बेज़्जती से तुम उभर नहीं पाओगे।


मैने एक लंबी सांस ली फिर धीरे धीरे अपने हाथ उसके ऊपर सहलाते हुए चूचों की तरफ ले गया, मुझे अभी भी थोड़ी घबराहट थी।


मैंने जैसे ही चूंचे पकड़े तो उसकी अआह! निकल गई।


उसका गला बिल्कुल गुलाब जामुन जैसा लग रहा था, एक टक उसके गले को देखते हुए मेरे होठों ने उस मक्खन वाले गले को चूम लिया।


मेरी इस हरकत से वो सिहर गई, मैं आराम आराम से चूमते हुए उसके गालों तक पहुंचा।


मैने उसके कानो को चूमा फिर गालों को चूमा, एक हाथ से उसकी मोटी चूंची दबाई वो दब भी नहीं पा रही थी बहुत सख्त थी।


मैने अपनी लाइफ में बहुत चूंचे दबाए है बहुत औरत की चूंची मालिश कर के सेवा प्रदान करी है, परन्तु काजल के चूंची बहुत अलग थी।


मैं जितना ज़ोर से दबाता वो इतना दर्द से आआह! की आवाज़ निकालती फिर मैने एक हाथ उसके गाल पर रखकर चेहरे को अपनी तरफ घुमाया उसकी प्यारी सी आँखों में आँखें डाली।


आँखें मिलते मिलते मैने अपने होठ उसके चॉकलेट जैसे काल होठों पर रख दिए।


उम्मम! युऊमु! उम्मम! युऊमु! 


की मस्त आवाज़ होने लगी मैने अपने हाथों में उसका चेहरा लिया और पूरी मस्ती से उसके गद्दे जैसे होठ चूसने लगा।


थोड़ा सा चूसकर मैने अपनी ज़बान उसके मुंह में डाल दी, वो अपने होठों में मेरी ज़बान दबाकर चूसने लगी।


उसकी चूंची दबाते दबाते और होठों को चूसते हुए मैने काजल को खड़ा करा फिर अपनी गोद में बैठाया मैने उसकी टांगे फैलाकर बिल्कुल चिपकाते हुए अपने ऊपर बैठाया।


काजल का वज़न तब शायद मुझसे थोड़ा ज़्यादा था वो मुझे थोड़ा भरी लगी लेकिन इससे उसकी गांड़ ने मेरे लन्ड के ऊपर चूत को अच्छे से दबा दिया था।


मुझे मोटी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है, न जाने कियू लड़के मोटी लड़कियों को नज़रंदाज़ कर देते है, जब की ऐसी लड़कियों के साथ चुदाई का जो आनंद मिलता है वो किसी के साथ नहीं मिल पाता।


मैने अपनी लाइफ में हमेशा यही कोशिश करी के मेरी दोस्ती मोटी व सावली लड़कियों से रहे।


हम दोनों बिल्कुल एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे, वो पूरी मस्त हो गई थी।


काजल ने अपनी ज़बान मेरे मुंह में ठूस दी, वो मुझसे ज़बान चुसवाने लगी। आप सभी ये xxx Antarvasna Chudai Ki Kahani गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है। 


उसकी चूंची मेरे सीने में दब रही थी, काजल की वासना चरम पर तेज़ी से पहुंच गई वो अपनी चूत को मेरे लन्ड पर घिसने लगी।


मैने उसके कुर्ते में अंदर हाथ डाल कर चूचे भींच लिए, वो बेचारी दर्द से कर्रा गई।


फिर बहुत नाज़ुक सी आवाज़ में काजल ने मेरे कान में बोला “जल्दी कुछ करोना! समय भी कम है!”


मैं उसकी बात सुनकर घड़ी देखने लगा 2:30 बजे का समय हो गया था मेरा मन उसके जिस्म को उसकी मोहक सांसों को महसूस करने का था लेकिन मजबूरी थी तो मुझे मन मारना पड़ा।


अपने हाथों को नीचे लेजाकर मैने अपनी पेंट की ज़िप खोली फिर अपना गोरा सा लन्ड बाहर निकाला मेरे लन्ड के निचले हिस्से पर तिल था।


काजल देखकर बोली “इस तिल का मतलब है आप का लन्ड सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जिनका सौभाग्य अलग होगा।”


वो थोड़ा उठी फिर अपनी शालावार को उतार कर लन्ड के टोपे के ऊपर अपनी छोटी सी चूत का छेद सेट कर के बैठ गई।


आगाह! आअआआअह! 


ओह सर आह!


कहते हुए लन्ड को अंदर लेती हुई बैठती काजल की चूत बहुत टाइट थी मगर वो वर्जिन नहीं थी।


कुछ समय बाद मुझे पता चला उसका एक बेटा भी है उसकी शादी बचपन में कर दी गई थी मगर पति दूसरे देश में काम करता है।


मेरी गोद में चॉकलेटी अपसरा बैठी थी, मैने नीचे से धक्के देकर उसे उछालना शुरू कर।


यूऊउह! पूपूहूूह! अआआह!


प्रवीण सर अआआह! 


फाड़ दो मेरी चूत अआआह!


उसकी आवाज़ों ने मेरा जोश बढ़ा दिया उसका कुर्ता ऊपर कर के मैने चूंचे पीने शुरू कर दिए, वो बिल्कुल कुंवारी लड़की की तरह सख्त थे, मैं उनको पीने लगा।


ओहद्ह! आगाह सर!


आअआआअह! बुझा दो मेरी प्यास!


वो लगातार तेज़ आवाज़ कर रही थी, उसके खड़े निप्पल मुझे मुंह में दबे हुए अच्छे लग रह थे।


उसने अपनी रफ्तार खूब तेज़ करदी वो पगलाई लड़की जैसे उछल उछल कर लन्ड लेने लगी।


आअआआअह! ओहोहो!


हमममम! अआआह ! ओह! मज़ा आ गया


हमममम! मम्मी! आअआआअह!


करते करते हम दोनों करीब 2:50 पर एक साथ झाड़े।


झड़ने के दौरान उसने बहुत ज़ोर से मुझे दबोच लिया उसने जान कर सारा माल अपनी चूत में भरा।


मुझसे अलग होते समय बहुत ज़ोर से काजल ने मुझे कटा फिर होठों को चूम कर अलग हो गई।


जब उसकी चूत से टपकते मेरे लन्ड के रस को देखा तो मुझे अफसोस हुआ के कंडोम होते हुए भी मैने कियू नहीं पहना।


हमने जल्दी से कपड़े ठीक करे सीट और ज़मीन पर गिरा हुआ अपना पानी साफ किया फिर वो जाने से पहले खुशी से मुझसे गले लगी और जाने लगी।


जाते जाते जब आखरी बार मैने उसको देखा तो उसकी आँखों में सुकून के आंसू थे।


मैं भी मुस्कुराया और अपना काम करने लगा।


अब तो वो मेरी परमानेंट माल बन गई थी, मैंने कई बार उसके घर, होटल और एक बार तो गार्डन में भी उसकी चुत मारी थी। अगर ये कहानी भी आपको जाननी हो तो नीचे कॉमेंट करके मुझे जरूर बताए!


तो मेरे साथियों बताइए कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी? मुझे कॉमेंट सेक्शन पर आपका इंतज़ार रहेगा!


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