हमारी पारिवारिक सुहागरात भाग 02

Incent Family Sex Story :अभी तक आपने भाग एक "हमारी पारिवारिक सुहागरात!" में पढ़ा की कैसे हम दोनों की नजदीकियाँ बढ़ने के बाद मॉम की सुहागरात वाले दिन बाजू के ही रूम में हमने चुदाई का खेल शुरू कर दिया था! अब जाने उसके आगे की दास्तां!


उस तनाव से मेरी वासना भड़क गई, मैने पजामे का नाडा खोला फिर उसे नीचे करा मेरे दिमाग का फ्यूज़ उड़ चुका था।


माधव का लन्ड खड़ा हो गया था कुछ पल उस 8 इंच के लन्ड को मैने देखा फिर प्यार से चूमा।


मैने अपनी आँखें बंद करी और उस मूसल लोड़े को चूसना शुरू कर दिया। 


माधव भी हिलने डुलने लगा उसने मेरे बाल सहलाते हुए सर को लन्ड पर दबाना शुरू कर दिया मैने लन्ड को हल्के से काटा जिससे उसकी आह! निकल गई।


उसकी आआह! सुनकर मैं बोली “Good Morning, जान!”


फिर मैं तेज़ी से लन्ड को चूसने लगी, वो बहुत बड़ा था मुझे घबराहट हुई मेरी सील इस मूसल लोड़े से टूटेगी, मैने अपनी पूरी कोशिश की और उस मोटे लोड को गले तक ले गई।


मेरे हलक से गॉग गोग हमममम! की आवाज़ निकलने लगी।


मेरा मुंह थक चुका था, मैने ज़िंदगी में पहली बार लन्ड चूसा था पोर्न देखते समय तो ये सब आसान लगा है मगर था नहीं।


माधव अभी भी कम्बल में मुंह छुपाए हुए था वो कमबख्त लड़की जैसे शर्मा रहा था, उसे देखकर में बोली “आज न छोड़ूंगी तुझे डम डमा डम” कहते हुए में खड़ी हुई उसका लन्ड मेरे थूक से गिला हो गया था।


दिल में उठा है तूफान, डम डमा डम” कहते हुए मैने अपनी सफेद पैंटी उतारी।


आज चोदूंगी तुझे, डम डमा डम” बोलते हुए मैने अपनी सांस रोकी फिर एक लंबी सांस ली और अपनी आँखें बंद करली मेरे सर पर चुदाई का नशा सवार था।


लूटूंगी तेरी इज़्ज़त, डम डमा डम” कहते हुए मैं नीचे बैठने लगी, आआ आआह अआआह! मैने उस लोड़े को अंदर लेना शुरू कर दिया।


मैं आधा ही लन्ड अंदर ले पाई थी की मेरे आंसू निकलने लगे। मेरा सर नशे से घूमने लगा और मेरा पैर चादर पर थोड़ा फिसला जिससे मेरी चूत लन्ड पर फिसल गई।


मेरी उसी पल आअआआअह! की चींख निकल गई मेरी आंखे आंसू से भर गई। ये Antarvasna Virgin Hindi Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


माधव बस थोड़ा हिला लेकिन उसने कम्बल नहीं हटाया, मैं ऐसे ही उसपर लेट गई।


मुझे थोड़ा गुस्सा आया, मुझे बहुत दर्द हो रहा था।


मैं कुछ देर लेटी रही फिर माधव की तरफ से मुझे धक्के महसूस हुए।


उसने अपने मुंह से कंबल हटाना शुरू करा लेकिन मैने मुंह दबा दिया “अब जो करना है ऐसे ही करो” बोलते हुए मैने धीरे धीरे लन्ड पर ऊपर नीचे होना चालू करा।


माधव थोड़ा हिला फिर उसने भी नीचे से धक्के लगाना शुरू करे।


आह! आआह ओह! बेबी उज्ज्फ!


मैने तेज़ी से लन्ड पर चूत को धकेला आह! ओहोहो! बेबी।


आआह जान! तुम्हारा लन्ड मुझे पागल कर देगा अआआह!


ओह बेबी! Yes आह! Fuck! हमममम! बेबी फाड़ने के लिए रखा है क्या इसे।


आगाह, ओहद्ह! आअआआअह!


की आवाज़ तेज़ी से मेरे मुंह से निकलने लगी।


उस लोड़े की सवारी मुझे बिल्कुल घोड़े की सवारी जैसी लगी थी, हम्मम! आगाह! ओह fuck बेबी yes! आह


मेरी आँखें बंद थी मैने माधव के मुंह से कंबल हटाया और अपने होठ उसके होठों पर रख दिए। 


माधव और मैने एक दूसरे के होठों को अब तक बहुत चूस लिया था।


आज उसके होठ मुझे थोड़े सख्त लगे मैने आंखे खोली तो उसका मोटा लन्ड मेरी चूत फाड़ चुका था उसने मेरी सील तोड़ दी थी मुझे थोड़ा अजीब लगा तो मैं उठी उसी समय लाइट आ गई।


मेरे सामने मेरा नया बाप था, मेरे सामने राजेश जी थे वो शेरवानी पहने लेटे थे मैं लहंगा पहने उनके लन्ड को अंदर लिए बैठी थी।


उन्होंने आँखें खोली और आँखें बड़ी बड़ी कर के मुझे देखने लगे।


मेरा मुंह खुला रह गया, मुझे कुछ समझ नहीं आया मैं क्या करूं ये क्या हुआ क्यों हुआ।


जिस आदमी को आज मेरी माँ की चुदाई करनी थी उनके साथ सुहागरात मनानी थी उसी आदमी का लन्ड मेरी चूत में था।


मैं घबराकर वहां से जाने लगी मैने लन्ड निकाला तो वो निकल नहीं रहा था, वो बहुत मोटा था तकरीबन 3 इंच मोटा।


मैने आगाह! इईईईह! आआह करते हुए लन्ड निकाला तो डैड ने मुझे रोक दिया।


मैं सहमी सी उनको देखने लगी, उस आदमी ने वो करा जो मैने कभी दूर के सपनो में भी नहीं सोचा था।


मेरे बाप ने मुझे पलटा फिर मेरे ऊपर चढ़ा मैं उनको रोकने लगी मैने चिल्लाना चाहा मगर उन्होंने अपने कड़क होठ मेरे होठों पर दबा दिए।


फिर उन्होंने मेरी नाज़ुक सी चूत में अपना मूसल लोड़े पेलना मारना शुरू कर दिया।


हम्मम! मम्मम्! उम्मं! 


हम्मम! मम्मम् हम्मम! मम्मम्


की दबी चीख मेरे मुंह से निकलने लगी।


वो तेज़ी से मुझे चोदने लगे उनका मोटा लौड़ा मेरी चूत फाड़ता हुआ पेट तक महसूस हो रहा था।


धीरे धीरे मुझे मज़ा आना शुरू हो गया, मैने उनकी पीठ नोचनी चालू कर दी।


अपनी टांगों को उनके कमर पर बांध लिया, उनको भी इस बात का एहसास हुआ तो उन्होंने मेरे होठ छोड़ दिए।


उनकी चुदाई से मेरी आआह! अआओह! डैडी ओह!


आआह! Yes आआह! हमममम! डैडी।


वो भी अआआह! बेटी तू तो तेरी माँ से भी ज़्यादा मस्त माल निकली आगाह! बहुत टाइट है तेरी चूत।


ओह अआआह! हमममम! डैडी ओह!


उफ्फफ! Yes


उन्होंने फिर मेरा लहंगा और ब्रा निकाल फेंका साथ ही उनको भी मैने नंगा करा। ये Father Daughter xxx Sex Story आप https://garamkahani.com पर पढ़ रहे हो।


डैडी ने मेरे चूंचे पीने शुरू करे, वो लगातार मेरी चूत में धक्के लगा रहे थे आआह! उम्ममम! वो मेरी चूंची को काटते जाते और निप्पल चूसते जाते।


हमममम! आगाह! उद्यम्मम्म्म!


डैडी अआह! मस्त लौड़ा है आपका मेरी मोम के तो भाग खुल गए।


ओह मेरी बेटी ये लोड़ा तेरा भी है जब मन हो चढ़ जाना।


पूरा एक घंटा हमारी चुदाई चली डैडी ने मुझे गोद में लिया फिर मैं पूरी फुर्ती से उनके लोड़े पर बैठी उछलने लगी।


आआह! अआओह! डैडी ओह!


आआह! Yes आआह! हमममम! डैडी।


अवोह्यों! हमममम! आगाह अहाना!


आआह! अआओह! बेटी रूपाली ओह!


आआह! आआह! 


करते करते हम साथ ही झड़ गए, हमने एक दूसरे की आँखों में देखा एक बार प्यार से होठों को चूमा और आधी रात तक ऐसे ही मैं अपने डैडी के ऊपर नंगी सोती रही।


जब मेरी आँख खुली तो मुझे बाहर ओह! हम्मम! आह की आवाज़ें आती सुनाई दी।


 मैं थोड़ा उठी तो देखा डैडी मेरे नीचे सो रहे है आज मेरे बाप ने मेरी सील तोड़ी थी।


मैं शांति से उठी मैने ज़मीन पर पड़ी अपनी ब्रा और पेंटी उठाकर पहनी।


मुझे चलने में बहुत तकलीफ हो रही थी मेरी चाल पूरी बदल गई थी।


फिर ऐसे ही बाहर की तरफ चल दी, मैने अपना फोन उठाया उस पर माधव के 6 मैसेज थे “कहा हो जान? आई नहीं। कहा रह गई बेबी” और तीन खड़े लन्ड की तस्वीरें थी।


मुझे अफसोस हुआ की मैने उसे धोखा दिया है। अपने फोन की लाइट जलाकर मैं कमरे से बाहर निकली।


तो देखा मेरी मोम के कमरे से आवाज़ें आ रही है, मैने अंदर झांका तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई।


माधव मेरी मोम की टांगे हवा में उठाए हुए उनकी चुदाई कर रहा था। उस कमरे की सारी लाइट जलाई हुई थी।


मेरी मोम अआआह! ओहद्ह! हमममम समीर आआह!


आआह और ज़ोर से आहआह! बेटा तुम तो अपने बाप से भी बड़े खिलाड़ी हो।


उनकी बात सुनकर मेरा सारा नशा उतर गया, जिस लड़के से मुझे प्यार हुआ इतने दिन जिसका लन्ड लेने के मैने ख्याल देखे।


जिस लड़के ने मेरे होठ चूसकर सुझा दिए वो मेरा भाई था, मुझे ध्यान आया मैने कभी किसी से उसका नाम लेकर बात ही नहीं की यानी जिसे मैने समीर समझा था वो माधव था।


अब समझी के राजेश जी और इस माधव यानी समीर की शक्ल एक जैसी क्यों थी, दोनों सगे बाप बेटे थे।


मैं आज अपने बाप से चुद गई और मेरा भाई मेरे सामने हमारी माँ को चोद रहा था। ये Maa Bete ki Chudai ki Kahani आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मेरी मोम भी पूरा मज़ा ले रही थी, मेरे आंसू अब सुख गए थे और दिमाग में हज़ारों सवाल थे, क्यों कि हमारी पहली मुलाकात में उसने बोला था की वही माधव है और राजेश जी का दोस्त है।


कैसे हो दोस्तों मैं समीर यहां से आगे की कहानी मैं पूरी करूंगा जब तक मेरी बहन रूपाली ने आप लोगो के लिए ये कहानी लिखी तब तक मैने उसके मस्त नर्म चूंची के सख्त निप्पल चूसे।


वो अभी मेरे लन्ड को अंदर लेते हुए अपनी आहे भर रही है जिस समय आगे की कहानी को मैं लिखना शुरू कर रहा हूं, तो बने रहे हमारे साथ।


नीचे कॉमेंट करके ज़रूर बताए कि आपको यहां तक की कहानी कैसी लगी? और क्या आप इसके आगे की कहानी भी पढ़ना चाहते हैं? ताकि मै वह Story भी आप लोगों के लिए जल्द ला सकु!


कहानी का अगला भाग : "हमारी पारिवारिक सुहागरात भाग 03"


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📝 Comments :

Aah kya Story hai meri chut gili ho gai is Family sex story se to! 💋🥒

Maa ko buddha pati ka nhi pr jawan bete ka khun se bhara loda bohot mittha lagta hai.