कामसिन स्टूडेंट को पटाकर क्लास में ही चोद दिया!

Student Teacher Sex Story : पढ़िए कैसे मैने अपनी चॉकलेटी कामसिन जैसी दिखने वाली एक स्टूडेंट की Antarvasna को गरम करके जगाया और उसकी चुत को अपने क्लास में ही चोद दिया!


हैलो दोस्तों कैसे है आप लोग? आप सभी का स्वागत है Antarvasna से भरपूर Chudai Ki Kahani के इस मंच पर! जहां आप सभी अपने भीतर भरे कामुकता को यहाँ के xxx Hindi Sex Stories पढ़ कर संतुष्ट कर सकते है। तो चलिए शुरू करते है यह कहानी : 


आज की जो कहानी है वो उन दिनों की है जब मैने कंप्यूटर का कोर्स पूरा करा था। मेरे पास घर में कंप्यूटर नहीं था जिसमें मैं प्रैक्टिस कर सकू इसलिए मैने जिस जगह कंप्यूटर सिखा था वहीं पर टेंपररी जॉब कर ली।


एक दिन सर ने मुझसे बोला के कल से एक नई लड़की तुम्हारे बैच में जुड़ने आएगी उसको अच्छे से सिखाना है।


मैने सर को ओके वाला इशारा करा, फिर सोचने लगा कि अगले दिन उस लड़की को कंप्यूटर सिखाने की शुरुआत कैसे करनी है।


अगले दिन दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक का उसकी क्लास का समय था उसके साथ क्लास में सिर्फ 5 ही स्टूडेंट्स होते थे।


मैने सोचा था कोई बच्ची होगी स्कूल में पढ़ने वाली जिसे नया नया कंप्यूटर सीखने का शोक चढ़ा होगा मगर मेरी सोच गलत निकली जब वो मेरे सामने आई तो मेरी आँखें खुली रह गई।


वो पूरे दो बजे कंप्यूटर क्लास में आई उस समय तक कोई नहीं आया था, उसने आते ही मुझसे पूछा “प्रवीण सर आप ही हो क्या मेरा नाम काजल है मैं नई स्टूडेंट हूं।”


मैने बोला “हां! मेरा ही नाम प्रवीण है।” फिर मैने उसे बैठने की जगह दिखाई।


एक एक कर के सभी लोग आ गए, उस दिन बहुत मुश्किल हुई मुझे सबको कंप्यूटर सिखाने में, बार बार मेरी नज़रे काजल पर जा रही थी।


काजल की लंबाई 5 फुट 2 इंच थी मेरी लंबाई 5 फुट 6 इंच है, वो 19 साल की लड़की थी लेकिन जिस्म बिल्कुल 25 साल वाली लड़की जैसा था।


मैं जितनी बार उसको कुछ बताने के लिए झुकता तो मेरा हाथ उसकी चूंची को छू जाता उसकी चूचियां बहुत सख्त थी ।


30 के साइज़ की चूंची जिसके ऊपर से उसने बिना दुपट्टे का खुले सीने वाला छोटा नीले रंग का कुर्ता पहना था।


मेरा भी मन थोड़ा थोड़ा डोलने लगा, मैने सभी स्टूडेंट्स को अलग काम दे दिया।


पूरे कंप्यूटर सेंटर में कैमरे लगे हुए थे इसलिए मैने जब काजल की जवानी देखी तो उसे उठाकर एक कोने की सीट पर बैठने को बोल दिया, वहां पर कैमरे की नज़र नहीं जाती।


मैं रोज़ ही काजल को उस जगह बिठाया करता था और हमेशा किसी ना किसी बहाने से उसके चूंचे छू लिया करता था।


जब वो मेरे सामने से होकर गुज़रती तो उसकी काली चूचों की घाटी की गहराई मुझे साफ दिखाई देती थी।


मैने पहले दिन से ही कभी उसे दुपट्टा पहनते नहीं देखा काजल का रंग गहरा सांवला था मगर उसके चेहरे पर एक कशिश थी जो खूबसूरत लगती थी।


वो सेहत में काफी अच्छी थी 24 की कमर 28 की गांड़ उसको एक कामुक जिस्म की मालकिन बना देते थे।


मैं हमेशा उसे सभी स्टूडेंट्स से अलग बिठाया करता था।


सभी स्टूडेंट्स की सीट मैने फिक्स कर दी थी, मुझे काजल को देखकर छू कर अपने दिल को तसल्ली देते हुए एक महीन हो गया था, मैने सोचा अपनी बात को थोड़ा अब आगे बढ़ाना चाहिए।


मैने पूरी रात प्लानिंग करी के किस तरह उस मंदाकिनी काजल को मैं अपने लन्ड के नीचे लूं।


मैने अगले दिन से अपनी हिम्मत के खिलाफ जाना शुरू करा।


मैं आम तौर पर उसके पीछे से ही उसको सिखाता था क्योंकि उसकी गहरी घटिया मुझे पीछे से खड़े होकर ही दिख पाती थी, कभी कभी वो बिना ब्रा के आया करती थी।


उसके काले निप्पल मेरा 6.5 इंच का लौड़ा खड़ा कर देते थे, जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं उसके जिस्म से लन्ड को ज़रूर सहलाता।


अगले दिन से मैने उसके सामने सीट पर बैठकर उसे सिखाना शुरू करा, मैं वैसे तो सभी को बहुत आराम से सिखाता हूं कभी किसी तरह की चीख पुकार मैने अपने स्टूडेंट्स के साथ नहीं करी चाहे वो लड़का हो या लड़की हो।


मगर मैं काजल को कुछ ज़्यादा ही प्यार से सिखाता था कोई देखे या न देखे काजल को ये ज़रूर दिखता होगा।


मैने अपनी हिम्मत बढ़ानी शुरू की कभी तो मैं उसे कुछ बताने के बहाने उसके हाथ छू लेता कभी उसकी दोनों टांगे के बीच पैर रख कर बैठता, मेरी इन बातों से वो बस थोड़ा बहुत परेशान होती लेकिन कभी कुछ नहीं कहती।


उसने कभी मुझे परेशान होने वाली प्रतिक्रिया नहीं दी नाही उसने अपने कंप्यूटर क्लास के लिए आने का समय बदला।


मैं बस इसी भरोसे पर अपनी हिम्मत को छूट दे रहा था कि अगर काजल मुझसे परेशान होती तो कम से कम अपना आने का समय तो बदलती ही।


फिर कुछ दिन ऐसे ही काम चलने के बाद मैने उसके हाथ पकड़ना शुरू कर दिए।


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मैं Mouse का कोई भी काम उसे बताता तो उसका हाथ पकड़ कर ही सिखाता।


मैं अपनी सेहत के हिसाब से ठीक ठाक 20 - 22 साल वाले लड़के जैसा था मेरा नॉर्मल सा गोरा चेहरा भूरी आँखें और नर्म आवाज़ किसी भी लड़की को मेरे साथ कंफर्टेबल होने में मदद कर देती है।


अब जब भी मैं उसका हाथ पकड़ते तो वो मुस्कुराती थी, मैं जब भी उसके पीछे आकर खड़ा होता तो उसकी सांसे तेज़ होने लगती ।


उसकी चूंची उभरती और दबती मुझे साफ नज़र आती, मेरा लन्ड जोश मारने लगा था।


काजल भी अब मुझे ज़्यादा देर अपने पास से हटने नहीं देती थी, मैं किसी को कुछ बताने या समझाने जाता तो कुछ ही देर में वो मुझे अपने पास बुला लेती थी।


काजल हमेशा ही बहुत गहरे रंग से अपने होठ सजा कर आती थी, ऐसा लगता जमा हुआ काला खून उसके होठ से बह रहा है इससे वो और भी कामुक लगती।


उसके गाल गांव की औरतों की तरह सख्त थे, बाहों की मोटाई और टांगों की सेहत देखकर कोई नहीं बता सकता के उसकी उमर 19 साल की होगी।


मुझे कंप्यूटर सेंटर में अनुमति नहीं थी के किसी स्टूडेंट को अपना नंबर दे सकू मैं कभी उसको नंबर देने की या उससे नंबर लेने की हिम्मत नहीं कर पाया।


मेरे साथ तब एक और सर पढ़ाया करते थे जिन्होंने एक 40 की उमर की औरत के साथ किसी काम की वजह से नंबर साझा करा था तो उनको सेंटर से निकाल दिया था।


3 महीने तक ऐसे ही छेड़खानी चलती थी इतने समय बाद वो भी मुझे चुदासी नज़रों से देखने लगी थी।


दोपहर के समय बच्चे कम हो गए थे बस 3 लोग मेरे बैच मैं बचे थे 2 लड़के और 1 मंदाकिनी काजल।


उस दौरान हम बस चार लोग सेंटर में होते क्योंकि लंच का समय होता था।


जब जब काजल क्लास पूरी कर के घर के लिए जाती तो मैं दरवाज़े को आधा घेर कर खड़ा हो जाता था।


बाहर वो सबसे आखिर में निकलती उस हिस्से में कैमरा भी नहीं होता था।


वो मुस्कुरातो हुई अपनी नज़रे झुकाती फिर अपनी मोटी सी सख्त गांड़ मेरे लन्ड पर दबाती हुई बाहर निकल जाती।


जब भी वो मुझे दबाती तो मेरी उन्ह्ह्ह! निकलती जिसे सुनकर उसे शर्म आती।


कभी वो मेरे सीने से चूंची को रगड़ती हुई निकलती कभी गांड़ को मसलते हुए निकलती। आप ये Antarvasna Chudai Ki Kahani Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मेरा काजल के आसपास रहना मुश्किल होने लगा था, क्लास के दौरान हमारी बहुत कम बात होती लेकिन हाथ पैर की हरकते भरपूर शरारत करती थी।


एक बार हमारे बड़े सर ने बताया कि कैमरा खराब हो गए है, दो दिनों के लिए आप सबको बहुत सतर्क रहकर काम करना होगा क्यों कि इन दो दिनों में कोई रिकॉर्डिंग हमारे पास नहीं होगी।


मेरे लिए तो ये गोल्डन चांस था, मैने अपनी बैच के दोनों लड़कों को बहाना बनाकर कह दिया कि दो दिन मत आना मैं छुट्टी पर रहूंगा।


सभी बच्चे मेरी इज़्ज़त करते थे क्योंकि मैं पढ़ाने का काम ज़िम्मेदारी से करता था काजल से भी मैने शुरू में काफी फीडबैक लिया अपने पढ़ाने के बारे में तो वो मुझसे संतुष्ट थी।


फिर आया वो हसीन पल काजल आई अपनी पहले दिन वाले नीले कुर्ते को पहने आज वो बिना ब्रा के आई थी उसके निप्पल खड़े हुए साफ चमक रह थे।


उसने काफी पतली शालवार पहनी थी अगर वो किसी कीलें में लग जाती तो पूरी ही फट्टी चली जाती।


मैने पहले उसे कंप्यूटर में करने के लिए असाइनमेंट दिए उसके बाद उसके सामने कुर्सी को बिल्कुल करीब कर के बैठ गया। 


मुझे बस थोड़ा डर था के आज हेड टीचर अपने कैबिन में थे लंच करने नहीं गए थे।


मेरी मंदाकिनी काजल अपने काम को करने लगी अपने हाथ को लेकर मैने उसके घुटने पर रख दिया, उसने तुरंत मुझे देखा और शर्मा कर दोबारा काम करने लगी।


मैं धीरे धीरे अपनी उंगली से उसकी जांघ सहला रह था, मैं जांघ सहलाते सहलाते, उसके घुटने से उसकी गोल मोल गांड़ तक लंबाई नापता धीरे धीरे दबाओ बनाता और नरमी से सहलाता।


उसकी सांसे उसके सख्त होठों से बाहर से अन्दर आती जाती मुझे भी महसूस हो रही थी।


मैने प्यार से उसको पूछा “गर्मी लग रही है क्या?”


उसने अपनी बड़ी काली आँखों में नशा भरते हुए मुझे देखा और हम्मम! का इशारा करते हुए अपने काम पर फोकस बनाने लगी।


मैने अपनी उंगली से थोड़ा और दबाओ बनाकर सहलाना शुरू किया।


उसकी हमममम! ममहुह्ह्ह! की मादक सिसकारी निकली।


उसने मेरी आँखों में आँखें डाली, हम बस 2 मिनट एक दूसरे को देखते रहे फिर मैने अपना चेहरा घबराते हुए आगे करा और नाज़ुकता से उसके निचले होठ को चूम लिया।


उसने अपनी आँखें अधिक चौड़ी करली, वो अपने गले में अटकता पानी निगलते हुए थोड़ा अपने चेहरे को मेरे करीब लाई।


कुछ ही पलो में हमारे होठ आपस में मिल गए, हमने बहुत छोटी सी किस करी लेकिन हम दोनों की हालत इतने महीनो में ऐसी हो गई थी के एक दूसरे के आसपास गरम ही रहते थे।


उसने अपनी वासना से भरपूर आवाज़ में मुझे कहा “आज कोई आया क्यों नहीं ?”


मैने बोल दिया “मुझे नहीं मालूम।”


तो वो एक दम कुछ ऐसा बोली के मुझे कानो पर यकीन नहीं हुआ उसने कहा “कुछ कर लोना।” 


ये कहते हुए उसने अपनी आँखो से मुझे देखते हुए अपनी चूत की तरफ इशारा करा।


अब इसका क्या मतलब हो सकता है वो सभी जानते है, मैने उसके गाल को एक बार चूमा और कहा कि “कल करेंगे।”


अगले दिन हेड सर छुट्टी पर थे, मैने काजल को जल्दी आने के लिए बोल दिया था साथ ही साथ उससे पहले वाले बैच को छुट्टी करवा दी थी।


मैं कभी किसी को छुट्टी नहीं करने देता था इसलिए मेरी बात बच्चों ने आसानी से मान ली।


उस दिन मैने चॉकलेट वाला परफ्यूम लगाया, मेडिकल से कंडोम लेकर पहले ही अपने पास रख लिया था अपना समय बचाने के लिए मैने अंडरवियर भी नहीं पहना।


फिर अगली दोपहर डेढ़ बजे काजल कंप्यूटर सेंटर आई।


वो एक दम मस्त माल लग रही थी, गहरे लाल रंग का टॉप और सफेद शालावार उसपर उसका सांवला रंग उस समय मुझे वो चॉकलेट व गुलाब से भरे गुलदस्ते जैसी लग रही थी।


काजल मेरे बिल्कुल करीब आ कर खड़ी हुई फिर मेरे अंदर से आती हुई चॉकलेट की खुशबू को सूंघती हुई अपनी सीट पर बैठ गई।


सेंटर पूरा खाली था उसने बहुत कामुक आवाज़ के साथ मुझे बुलाया “प्रवीण सर, आज क्या सिखाएंगे?”


आगे की कहानी : "कामसिन स्टूडेंट को पटाकर क्लास में ही चोद दिया 02"


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