बुआ को नींद की गोली देकर दिया लम्बे लन्ड का मज़ा!

Hindi Sex Story : ये कहानी तब की जब में गांव पढ़ाई के लिए गया, ओर सोते हुए बुआ की चूदाई करने का मौका मुझे मिला। पढ़िए कैसे मैंने बुआ को चोदा।


हेलो दोस्तों, आज में आपके लिए लेकर आया हूं एक खास लड़के की कहानी जिसका नाम किशोर श्रीवास्तव है, उसने मेरी काफी कहानियां पढ़ी है, उसी ने मुझे ये कहानी मेल की तो बेहतर होगा उसी की ज़ुबानी आप इस कहानी को सुने।


मेरा नाम किशोर श्रीवास्तव है, मै उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूं। मेरी लंबाई 5 फुट 6 इंच है। मेरा जिस्म उमर के लिहाज़ से अच्छा है रंग रूप से मैं काफी सुंदर दिखता हूं।


स्कूल में मेरा स्वभाव काफी शांत किस्म का रहता है। मैं लड़कियों से बहुत कम बात चीत करता था ऐसा नहीं के मुझे कोई डर था लेकिन में काफी शर्मीला सा था।


उसके अलावा में अपनी बुआ को बहुत पसंद करता था, वो मुझे बहुत प्यारी लगती थी मैं जब जब उनसे मिलता तो अक्सर उनके करीब रहने की कोशिश करता उनको छूने की कोशिश करता था।


मैने अपने फोन में उनकी बहुत तस्वीरें सेव कर रखी थी शायद ही कोई ऐसी रात होती जब में उनके याद कर के मूठ नहीं मारता हूंगा।


बुआ के साथ वो सुहाना मौका मुझे तब मिला जब मैं B.Sc की तैयारी करने गांव में उनके घर पर रहकर पढ़ाई करने के लिए गया। 


मेरी बुआ मेरा साथ ट्यूशन जाती थी। 


तब मेरी बुआ की उम्र 25 साल थी और मेरी उम्र 20 साल थी। मेरा मन बुआ को चोदने के लिए अक्सर मचला करता था।


मैने उनको कई बार नहाते हुए नग्न अवस्था में भी देखा था। उनके रंग गोरा व छोटे छोटे बूब्स थे जिन्हें देखकर मेरा मन उनको चूसने का करता रहता था लेकिन मैं कभी उनसे कुछ कह नही पता था। 


रातों में जब वो सो रही होती तो मैं कभी कभी उनके कमरे जाकर उनके हुस्न को देखता रहता, डरते डरते एक दो बात मैने उनके चूंचे भी सहलाए थे वो हमेशा गहरी नींद में होती तो उनको मेरे अरमानों का पता नहीं चलता था।


मैने सोचा अगर बुआ को अपने नीचे लेना है तो कुछ तो करना पड़ेगा, मैने धीरे धीरे अपनी कार्यवाही आगे बढ़ाई।


अब मैं उनके लिए लगभग रोज़ अपने पास से चॉकलेट या गिफ्ट लाता वो मुझे बहुत प्यार करती थी गिफ्ट्स देखकर वो छोटी बच्ची की तरह खुश हो जाती ओर मेरे गाल चूम लेती.


एक दिन वो और मैं शॉपिंग के लिए गए तो तो मुझे एक छोटी कैंटीन मैं छोड़कर ब्रा पैंटी वाली दुकान में चली गई कुछ देर में वो आई और हम घर की तरफ चल दिए। 


रस्ते में उन्होंने मुझसे पूछा “और बता छोटे, क्या तेरी कोई गर्ल फ्रेंड है?” मैने शर्मा कर ना में सर हिला दिया।


वो मुस्कुराई फिर बोली “क्या रे, कैसी लड़की पसंद है तुझे”?


मैने थोड़ा हिम्मत करते हुए कहा “आप के जैसी।”


उन्होंने तिरछी निगाहों से मुझे देखकर बोला “मुझमें क्या पसंद है तुझे।” 


मैने भी हकलाते हुए कह दिया “आपका चेहरा बहुत प्यार है, आपके होठ आपकी आँखें और आपके बूबूं मुझे बहुत प्यारे लगते है”। आप इस Family Hindi Sex Story को Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


बूबूं कहते ही में डर गया सोचने लगा कि अब डाट पड़ेगी मगर बुआ कुछ नहीं बोली उन्होंने बस इतना कहा “अच्छा तुझे मेरे बूब्स पसंद है?”  ऐसा कहते हुए उन्होंने अपने चूंचे दबाए।


फिर हम घर आ गए, पूरे रस्ते और कोई बात नहीं हुई मैं बस उनके बूबे देख रहा था और वो मेरी नज़रे देख रही थी।


घर आते ही वो फ्रेश होने गई तब तक मैने सारे बैग्स खोल डाले मैं उनकी ब्रा हाथ में लेकर चूमने लगा उनकी क्रीम रंग की ब्रा बहुत मुलायम थी।


मैने उसे काफी देर चूमा मैने ध्यान दिया तो बुआ मेरे पीछे ही खड़ी हो उनको देखकर मैने झट से समान को वापस रख दिया।  मैने इसे मुंह बनाया जैसे समान रख रहा हूं मुझे लगा शायद बुआ ने कुछ नहीं देखा क्योंकि उन्होंने मुझे कुछ कहा नहीं था। 


अगले दिन कुछ दिनों के लिए उनके पिता जी, दादी और बाकी सब लोग शादी मे गए थे, मेरे कल से एग्जाम्स थे तो मैं ओर बुआ नहीं गए।


मेरे मन मै बुआ के लिए हवस काफी बढ़ चुकी थी मैं दोपहर के समय एक पीछे पर नींद की गोली का नाम लिखकर मेडिकल पर गया।


उसी रात दादी ने आलू के पराठे बनाकर रख दिए थे और कहा था स्वीटी गरम कर देना और खा लेना साथ में किशोर भी खा लेगा उनके खाने में मैने वो गोली पीस कर मिला दी।


मेरी बुआ का नाम स्वीटी श्रीवास्तव है और वो कंपटीशन के लिए पढ़ती थी। इसलिए घर वाले भी उनको मेरे साथ रुकने की बात मान गए थे।फिर क्या दोस्तों हम दोनो घर मे अकेले थे।


बुआ ने पूछा खाना लगाए मैंने मना कर दिया ।


मैने कहा "दोनों साथ में खाएंगे थोड़ी देर और रुक जाओ। मैं हिंदी सेक्स कहानियां पढ़ रहा था। वो आकर मेरे पास बैठ गई।


उन्होंने पूछा - क्या कर रहे हो फोन में ?


मैने कहा - कुछ नहीं, चलो खाना लगाओ। 


मेरा लन्ड खड़ा था निक्कर में से दिखाई दे रहा था।


मैने कहा " चलो! " उन्होंने कहा " फोन रखो चलो। " 


जब मैं खड़ा हुआ तब मेरा लन्ड निक्कर के ऊपर से दिखाई दे रहा था ।मेरा लन्ड मोटा और लम्बा है। 


8 इंच लम्बा मनो निक्कर को फाड़े दे रहा था। उनकी नज़र सीधी मेरे लन्ड पर पड़ी।


उन्होंने मुझे वहीं छोड़ दिया और शर्माते हुए आगे चली गई किचेन में जाकर खाना गरम किया और हम दोनो ने खाना खाया।


मैं उस रात उनके कमरे में गया वो बस एक निक्कर में और छोटी सी टी शर्ट में लेटी थी।


मुझे उस समय मुझे बिल्कुल परी जैसी लगी, मैने कदम आगे बढ़ाए उनके पास जाकर चेक करा की वो जागी हुई है या गोली ने काम दिखा दिया है।


जब मुझे पूरा यकीन हो गया तो मैने उनको काफी देर तक किस करा फिर उनकी निक्कर को उतारा, मेरे सामने मेरी प्यारी बुआ की नंगी गोल मोल चूत थी।


मैं उसके करीब गया थोड़ी सी उसकी खुशबू ली फिर उसपर किस कर ली। मैं धीरे धीरे चूत को सहलाने लगा चूत भी थोड़ी थोड़ी खुलने लगी।


फिर मैने अपनी ज़बान उसके छोटे से छेद में डाल दी, मैं धीरे धीरे कर के चूत के अंदर तक जीभ ले गया, आज मेरा पूरा इरादा था कि बुआ को चोद कर जाना है।


इसकी शुरुआत मैने उनको ज़बान से चोद के की।


तभी बाहर से बर्तन गिरने की आवाज़ आई, मेरी गांड़ फट गई उस समय अगर बुआ की आँख खुलती और मुझे ऐसे देखती तो मेरा आखरी दिन होता।


मैने आवाज़ सुनकर बाहर भगा तो हरामज़ादि बिल्ली मेरा काम बिगाड़ कर भागी थी। मैं वापस कमरे में लौटा तो बुआ नि आधी नींद खुल चुकी थी, मुझे अफसोस था के मेरा काम बिगाड़ गया था। 


अगले दिन में बिल्कुल ऐसा था जैसे पिछली रात कुछ हुआ ही न हो, शाम को बुआ और मैने खाना खाया फिर सोने के लिए तैयारी करने लगे।


हमारे कमरे अलग है। लेकिन आज उन्होंने कहा "किशोर मैं भी तुम्हारे कमरे में सो जाती हूं।"


मैने कहा "ठीक है!", फिर हम लोग लेट गए फिर स्वीटी बुआ ने कहा "कुछ अच्छा नहीं लग रहा है।" 


मैने पूछा - क्यू?


उन्होंने कहा - मम्मी होती है, तब ठीक रहता है।


मेरा उनको चोदने का मन था। मैने कहा - ठीक है अब सो जाओ।


उन्होंने कहा - ठीक है, गुड नाइट , ओके बाई।


मै तो सोच रहा था की अगर आज नही चोद पाया तो फिर कभी नही चोद पाऊंगा ।


उन्होंने अपना मुंह मेरी तरफ कर दिया। उनकी महकती हुई सांसे मैने सुंघी वाह! क्या महक आ रही थी।


उन्होंने हाफ पजामा और बिना ब्रा के बस शर्ट पहन रखी थी। फिर मैने थोड़ी हिम्मत करी, उनके मुंह के पास अपना मुंह ले गया। हम बस ऐसे ही लेटे रहे रात बहुत तेज़ी से गुज़र रही थी।


रात 12 बजे का समय हो गया था मगर मुझे नींद नही आ रही थी। फिर उन्होंने अचानक अपना हाथ मेरे लन्ड पर रखा और अपना मुंह मेरी तरफ कर दिया। 


अब दोस्तों क्या बताऊं मेरा लन्ड कबू में नही रहा। उनके गुलाबी होंठ मेरे होठों से हल्के टच हो रहे थे मेरा लन्ड उनकी जांघों में हल्का हल्का छु रहा था। 


मुझे लगा उन्होंने नींद में ऐसा किया होगा मगर मुझे अच्छा लगा तो में ऐसे ही लेटा रहा, तब थोड़ा हिला ओर ज़बान निकाल कर उनके होठों को थोड़ा सा चखा डर से मेरी फट रही थी मगर वासना मेरे दिमाग में बैठ चुकी थी।


मैने बुआ के चूचों पर हाथ रखा फिर थोड़ा सा सहलाकर देख बुआ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी फिर क्या दोस्तों मैने अपना मुंह थोड़ा आगे बढ़ाया और उनके होठों पर किस किया। 


अब मेरे लन्ड से थोड़ा सा पानी जैसा कुछ हल्का हल्का बाहर आ गया।


मुझे और भी ज़्यादा गर्मी महसूस होने लगी, मैं अपनी बुआ की गर्म खुशबूदार सांसों को अपने अंदर लेने लगा बुआ की हल्की सी हमममम! निकली।


फिर क्या दोस्तो मैने अपना मुंह उनके होठों पर रखकर बहुत प्यार से किस किया।


ऐसा करने से जब उनकी नींद नही खुली। फिर मैने उनको पीठ की तरफ से सीधा लेटा दिया और उनके ऊपर लेटकर किस करना शूरु किया अब मेरा लन्ड उनकी छोटी चूत मे रगड़ने लगा।


मैने अपनी जीभ उनके होठों में दबाई, मुझे शक हुआ के वो जाग चुकी है बस वो सोने की नाटक करती रही है।


तो अब मैने अपना निक्कर निकल दिया मैं बस सेक्स के ख्यालों में ही था और जब उनके होठों को मैने अपने हाथ से छुआ तो लगा जैसे कटनारियल है।


अब मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था मुझे सोते हुए बुआ को लन्ड का मज़ा देना था।


मैने उनकी निक्कर उतारी अब वो निचे से बिल्कुल नंगी थी उनकी चूत को मैने सहलाया ओर फिर अपने लन्ड को उनके मुंह के पास ले गया। आप इस Antarvasna Desi Sex Story को Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


उनके होंठो पर लन्ड हल्का हल्का लगाया मेरे लैंड से जो हल्का पानी निकला था वो उनके होंठो पर लग गया।


मैं उनके निप्पल दबाने लगा, बूब्स को मसलकर चूसने लगा मेरी इस हरकत से वो कर्राई आह! की हल्की आवाज़ हुई।


फिर क्या बताऊं दोस्तों इतना मज़ा आने लगा की में अपने अपको रोक नही पाया ओर मेरे मुंह से आवाज़ निकलने लगी आह! उह! आआह! 


फिर मैने अपना लन्ड उनके मुंह मे डालने की कोशिश करने लगा उन्होंने अपने दांत मज़बूती से दबा रखे था। 


बुआ की चूदाई तो आज करनी ही थी।


फिर मैने लन्ड को हटाकर ज़बरदस्ती की और उनके मुंह को अपने थूक से गीला किया। फिर अपना 8 इंच का लौड़ा उनके मुंह मे डालना शुरू किया। 


भाई क्या कहूं बुआ लन्ड मुंह मे लेने को तैयार नही थी। 


मैने अपने हाथों से मुंह खोला और लन्ड मुंह के अंदर कर दिया। अब उन्होंने हलके से चटकारा लिया फिर मैं लन्ड को अंदर बाहर करने लगा लेकिन मेरे लन्ड का सिर्फ चौथाई हिस्सा ही अंदर गया।


फिर मैने अपना लन्ड मुंह में डाले डाले ही अपने सारे कपड़े उतार दिए ओर अपने लन्ड को बाहर निकाल कर उनकी शर्ट उतार दी।


उनके गोरे गोरे चूचों को देखकर मेरा मन किया की मैं उनके बूब्स तो बस खा जाऊ अब में उनके नंगे चूचों को मसलने लगा।


लेकिन मेंने किसी तरह से अपने आप को कंट्रोल किया और अपना लन्ड फिर से उनके मुंह मे डाला अब बहुत आसानी से उन्होंने मुंह मे लन्ड ले लिया ।


फिर मैने अपना लन्ड उनके मुंह मे डाले डाले ही उनके ऊपर उल्टा लेट गया ओर उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी और बुआ ने मेरा लन्ड चूसा।


मुझे उनकी चूत में कही भी कोई छेद नही दिख रहा था बस छोटे छोटे बल ऊपर थे।


फिर जब छेद दिखा तो मैं भाई क्या बताऊं मुझे वो चूत नही मिली थी मानो स्वर्ग मिल गया था। मैने चटकारा ले ले कर खूब चूत चाटी। ऐसा लग रहा था की आइसक्रीम है।


फिर मैने अपना लन्ड उनके मुंह से बाहर निकाला मेरा लन्ड और उनकी चूत दोनों गीले हो चुके थे। लेकिन अभी भी बुआ का नींद का नाटक चालू था।


फिर क्या दोस्तों मैने उनकी चूत के छेद पर अपना लौड़ा रखा और हल्का सा झटका दिया मेरा लन्ड फिसल गया।


ऐसा 4-5 बार करने के बाद फिर मैने लन्ड पर थूक लगाया, कसकर उनकी चूत मे अपनी जुबान डाली। बस फिर वो जाग गई ।


उन्होंने कहा किशोर, मन मेरा भी बहुत दिन से कर रहा था।


लेकिन मैं बस तुमको किस करना चाहती थी इतना नहीं सोचा था। 


ये सब ना करो बहुत दर्द हो रहा प्लीज़ वो मेरे सामने हाथ जोड़ने लगी।


अब मुझसे रुका नही जा रहा था मुझे बुआ की चूदाई करनी थी मैने उनको कहा " कुछ नही होगा " और फिर उनको ज़बरदस्ती बिस्तर पर लिटा दिया।


अपना लन्ड उनके हाथ मे दिया। उन्होंने कहा "उफ़ ! मम्मी ये तो बहुत बड़ा है, मेरी फट जाएगी।"


मैने कहा "थोड़ा इसको गीला कर लो" तो बिना कुछ कहे उसने मेरा लौड़ा अपने मुंह मे ले लिया बुआ ने लन्ड चूसा।


उसे गीला कर दिया फिर मैने बुआ की टांगो को फैलाया और अपना लौड़ा उनकी चूत पर रखा बस वो चिल्लाने लगी तो मैने उनका मुंह अपने हाथ से दबाया। 


मैने बोला - चुप नहीं तो पड़ोस में कोई सुन लेगा। 


उन्होंने कहा - मुंह मे चोदलो, चूत में ना डालो बहुत दर्द करने लगी है। आप इस Hot Sex Story को Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मैने कहा - अभी अच्छा लगेगा। 


मैने फिर से छेद पर लौड़ा रखा। बस अबकी बार उनको बेड पर झुकाया और उनकी गांड़ के नीचे तकिया रखा।


मैने मारा एक बहुत ज़ोर का झटका। कसम से आधा लन्ड अंदर हो गया बस वे लगी चिल्लाने।


मम्मी आआह! बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊंगी । मैने कहा प्लीज़ चुप हो जाओ धीरे से करूंगा फिर धीरे धीरे आधा ही डालता निकालता रहा।


अब बुआ की चूत और गीली हो चुकी थी। उनको भी आराम मिलने लगा था , थोड़ा वो भी अपनी गांड़ मेरी तरफ बढ़ाने लगी मनो मेरा साथ देने लगी हो।


सुबह के 5 बज गए थे बाहर उजाला हो गया था। अभी मैं दो बार झड़ा था बुआ की चूदाई के दौरान वो तीन बार झड़ गई।


फिर क्या दोस्तों दरवाज़े पर अंकल दूध लेकर आते है वो आकर आवाज़ दे रहे थे तो मैने लन्ड को जल्दी से बाहर निकाला और बुआ का मुंह अपने लौड़े के पास किया जल्दी से मुठ मारकर उनके मुंह मे सारा माल गिरा दिया।


सारा माल अंदर ही पिलाया। 


फिर उन्होंने कहा "अब बाद में कर लेना अभी जाने दो तुम्हारा इतना बड़ा लन्ड है कैसे कोई ले पाएगी”


बुआ ने मुझे किस किया मेरे लैंड को किस किया हम लोगो ने अपने कपड़े पहने और बाहर निकले।


अंकल ने पूछा बहुत देर कर दी क्या हुआ, तबियत नही ठीक है ? बुआ ने कहा “नही कल सीढ़ी से गिर गई थी। तो कमर मे दर्द है।”


फिर वो मेरे पास वापस आई कहने लगी देखो उन्होंने चूत को खोल कर दिखाया चूत दिखाते हुए कहा "भाई खून निकल रहा है जो रुकने का नाम नही ले रहा है”।


मैने कपड़ा लगा कर किसी तरह खून रोका।


फिर हम दोनो साथ मे बाथरूम मे नहाए बुआ ने अपनी चूत चटवाई मुझसे, और कहने लगी चटवाने मे मज़ा ज़्यादा आता है । मैने कहा "फिर कब करोगी"। 


उन्होंने कहा "जब तुम्हारा मन करे"।


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