दोस्त की बहन की शादी में उसकी माँ चोद दी!

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Maa Ki Chudai : दोस्तों पढिए इस सेक्स स्टोरी में की कैसे मैंने अपने दोस्त की माँ की ताबड़तोड़ चुत चुदाई उसके ही बेटी की शादी में कर डाली!


नमस्ते, दोस्तों आपके खिदमत में मेरी तरफ से एक और गर्म Sex Kahani सिर्फ आपके लिए!


यह देसी सेक्स कहानी मेरे और दोस्त की मां के बारे में है कि मैंने उन्हें कैसे चोदा?


चलो मैं आपको बताता हूं, तो हुआ यू कि मेरा एक दोस्त है मनीष हम दोनों काफी करीबी दोस्त हैं इसी वजह से मैंने उसकी मां को हमेशा मम्मी कहकर ही बुलाया है, आज तक मेरे मन में आंटी के लिए कुछ भी गलत नहीं किया था।


ये अभी कुछ दिन पहले की बात है जो अभी करवा चौथ के दिन घटी थी।


तो हुआ यू कि मनीष की बड़ी बहन ईशा की शादी थी करवा चोथ के दिन, वो नेपाली है तो उनमें जादातर दिन में ही शादी होती है।


शादी में काफी लोग आए सबके लिए ठहरने की उत्तम व्यवस्था थी, क्योंकि बहुत बड़ी कोठी है उनकी, इतनी बड़ी कि हमारे मोहल्ले में उनसे बड़ी कोठी किसी की भी नहीं है।


शादी के बाद के बाद आप सब तो जानते हैं कि लड़की वालो की तरफ से सब लोग कितना थक जाते हैं, यही कारण था कि मैं भी बहुत थक गया तभी मुझे एक कमरा खुला मिल गया।


मुझे थकावट में उसी रूम में जाना पड़ गया और ना जाने मुझे कब नींद आ गई मुझे पता भी नहीं चला, मैं कब गहरी नींद मैं सो गया।


रात में मुझे लगा जैसे किसी ने कुछ हल्की हल्की गरम गरम गद्दे जैसी चीज मेरे कुल्हो पर रख दी हो, मैंने ठीक होकर देखा तो में एकदम शॉक्ड हो गया!


मैं देखता हूं ये तो बीना आंटी की मसल झांगे थी, इसे देख अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था और बीना आंटी के लिए आज मेरी भावनाएं बदल गई थीं।


बीना आंटी आज मेरे इतने करीब थी, उनकी गोरी गोरी जंघे देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने उनकी जंघे अलग की और फिर सोने की कोशिश करने लगी, फिर थोड़ी देर बाद वो दोबारा मेरे ऊपर चढ़ी आ रही थी।


अब उनका एक हाथ मेरे कंधे पर था और उनके मोटे मोटे चूचे मेरी कमर को छू रहे थे और आंटी सांस भी ले रही थी जिस वजह से उनके चूचे आगे पीछे हो रहे थे।


अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और इसी वजह से मेरा लंड मेरी पेंट फाड़कर बाहर आने को उतावला हुए जा रहा था।


मैंने आंटी का हाथ हटा दिया और मैं चुपके से आंटी के पीछे जाकर लेट गया और मैंने अपना एक पैर उठाया और आंटी की गांड के ऊपर रख दिया और आंटी कुछ भी नहीं बोलीं।


फिर मैं आंटी से बिल्कुल ऐसे चिपक गया कि हमारे बीच में हवा भी न निकल सके।


 


फ़िर आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने चूचो पे रख दिया और अब आंटी के मोटे मोटे नरम चूचे मेरे हाथ की गिरफ़्तारी में थे!


मैं आपको बता नहीं सकता कि मेरे लोडे की क्या हालत थी, मुझे लगा जैसे मेरे लंड से वीर्य बस छूटने ही वाला है।


फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और थोड़ी देर में आंटी फिर से थोड़ी सी पीछे  की तरफ आईं, जिससे दोबारा मेरा लंड, आंटी के गांड के छेद को टच होने लगा।


अब मुझे लगने लगा था की आंटी गरम होने लगी है और शायद मुझसे चुदवाना चाहती है।


फिर मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ आगे बढ़ाया और सीधे आंटी के बड़े-बड़े चुचो पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा बिल्कुल भी देरी ना करते हुए!


अब आंटी की सांसे बढ़ने लगी थी, फिर मैंने मेरा दूसरा हाथ आंटी की चूत पे रखा, जहां मुझे काफी गरम चूत का एहसास हुआ! वहाँ झांटे भी बहुत सारी थी।


फिर मैंने अपने दोनों हाथ चलाने शुरू कर दिए और एक हाथ से आंटी के चुचे मसल रहा था तो दूसरे से आंटी की चूत सहला रहा था।


अब आंटी ने भी लंबी लंबी सिस्कारियां लेनी शुरू कर दी थी, जिसे मैं समझ गया था कि आंटी गरम हो चुकी है और चुदने के लिए तैयार है।


फिर मैंने आंटी को सिधा किया और उनके ऊपर आ गया और उनके नरम गरम तड़पते हुए हॉटो पर अपने होंठ रख दिए, और खूब दबा के आंटी को स्मूच करने लगा!


बड़े ही रसीले और होंठ थे आंटी के और उनके बदन का परफ्यूम तो और भी आग लगा रहा था, फिर मैंने चेक करने के लिए सब कुछ बंद कर दिया और अलग होकर लेट गया।


तो थोड़ी देर बाद आंटी उठी और कहने लगी क्यू मुझे तड़पा कर अलग लेट गए और मेरा लंड अपने हाथों में पकड़ लिया, फिर कहने लगी एक मिनट रुको और दरवाज़ा लॉक करके वो वापस बिस्तर पर आ गई।


फिर आते ही उसने मेरी पेंट खोल दी और मेरा अंडरवियर भी एक झटके में निकल के अलग कर दिया।


अब मेरा खड़ा हुआ लंड देख कर वो और भी जादा एक्सईटेड होने लगी और फिर उसने बिल्कुल भी देर न करते हुए मेरा लंड एक झटके में मुंह मने ले लिया और उसे चूसने लगी।


मुझे अब कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था, फिर मैंने उसे बाल पकड़े और अपना लंड उसके मुंह में जोर से डाल दिया!


फिर मैं डाल कर जोर जोर से धक्के देने लगा,  वो अब आह्ह्ह आह आह्ह करके आवाज निकाल रही थी।


उसके मुहँ से बहुत सारा थूक भी निकल रहा था, फिर मैंने उसे अपना दोनों और बॉल दिया और चाटने को कहा और वो चाटने लगी, बड़ा ही मजा आ रहा था।


फिर मैंने उसे खड़ा किया और बिस्तर के किनारे में खुद बैठ गया और उसके दोनों पैर हवा में उठा दिया, जिसेसे  उसकी चूत बिल्कुल मेरे मुहँ के सामने थी।


चुत को मैंने जोर जोर से चाटने लगा और वो अह्ह्हह्ह।। उउउउउइ।। आह्ह्ह्ह।।करने लगी, जितना ज्यादा में जीभ  उसकी चूत के अंदर डालता वो और भी ज्यादा तेज, तेज सिस्कारियां लेने लगती।


फिर मैं उठा और अपने और उसकी दोनों तांगे चौड़ी की और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा के एक धक्का मारा तो पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसने एक जोर से आहहह।। आआआहह।। उम्म्म्म।। करके आवाज निकाला।


साथ ही वो नीचे से गांड उछालने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी “चोदो मुझे दबा के चोदो!”


मैं भी खूब दबा दबा के उसकी दोनों तांगे खोल कर उसे चोदने लगा।


फिर मैंने उसे सीधा किया और मैंने उसे अब अपने ऊपर आने का कहा, फिर वो अपनी मोटी मोटी तांगे मोड़कर मेरे लंड  पर आकर बैठ गई, उसके साथ ही मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया।


वो अपने हाथों अपने दोनों मोटे चूचे दबाते हुए मेरे लंड पर उछल रही थी, मैं उसके बाल पकड़ के उसको किस करते हुए उसके हॉटो को चूसने लगा और वो इसी तरह मेरे लंड पर उछलती रही।


फिर मैंने उसे कुतिया बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेलने लगा, ए.सी. चल रहा था पर इस दौरान हम दोनों काफी पसीने में भीग चुके थे।


फिर चोदते चोदते मेरा माल निकलने को था तो मैंने उसके कानों में कहा मेरा निकलने वाला है, तो उसने कहा कि, बाहर निकालना लेकिन आखिरी स्टेज पर बाहर निकलना!


फिर मैंने एक या दो धक्के मारे होंगे और मैंने उसकी चूत में ही पिचकारी छोड़ दी, फिर अपनी चूत से निकलता हुआ वीर्य दिखाने लगी, और कहने लगी कि मैंने तुम्हें मना किया था ना।


फिर मैंने उसे समझाया की - चिंता क्यों कर रही, कुछ भी नहीं होगा।


फिर मैंने उसे बाथरूम में ले गया और उसे पेशाब करवा दिया जिससे उसकी चूत में जो मैंने वीर्य छोड़ा था वो सारा निकल गया।


फिर इसके आगे क्या हुआ ये सब मैं बाद में बताऊंगा, पहले आप सब से जानना चाहूंगा कि आपको ये देसी सेक्स स्टोरी कैसी लगी? 


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