ऑफिस की कुंवारी लड़की की सील तोड़ चुदाई

Office Sex Story : कैसे मैने एक कुंवारी लड़की की चूत चोदकर उसकी सिल तोड़ी थी, वो मेरे ऑफिस में नई आई थी। साथ ही जानिए कैसे मैने उसे और उसकी बहन को भी पटाया और फिर चोदा।


क्या हाल है दोस्तो, आज की कहानी में आप अपने उस पल को याद कीजियेगा जब आपने पहली सील तोड़ी होगी या तुड़वाई होगी।


तो ये उन दिनों की बात है जब मैने एक अकाउंटिंग ऑफिस में टाइम पास जॉब शुरू की थी। मैं वहां कंप्यूटर में एंट्री करता और फाइल्स तैयार करता था।


थोड़े ही समय में, मुझे अच्छा खासा काम सौंप दिया गया था। मैने काम ज़्यादा होने पर आपत्ति जताई। तो सर ने मुझे दो असिस्टेंट देदी।


वो दोनों सगी बहने थी, बड़ी वाली का नाम सीमा था और छोटी का नाम रानी । 


सीमा, निहायत ही गौरी थी। उसे देखकर एक पल को तो मुझे लगता ये पानी से नहाती होगी तो दूध टपकता होगा।


उसका गठीला बदन, कसी हुई गांड़ उसके पास से चॉकलेट की इतनी प्यारी खुशबू आती के बस मन करता उसे खा जाऊं।


उसकी कमर हमेशा कपड़ो से थोड़ी थोड़ी झांकती दिखाई देती। अब तक मेंने काफी चूंचियां पकड़ी है काफी ब्रा उतारी है तो अंदाज़ा कर लेता हूं कि सीमा की ब्रा 30 से कम की नहीं हो सकती थी।


मुझे उसकी टांगों की गोलाई देख कर भूख लगने लगती थी, मैने इरादा बना रखा था कि इस लेग पीस को एक बार तो छू कर स्वाद लेना है।


सीमा मेरे एक तरफ बैठकर कहर ढाती ओर उसकी बहन रानी मेरे दूसरी तरफ बैठकर उस कहर को और बढ़ा देती।


मैं सीधे हाथ की तरफ देखू तो सीमा फिर उल्टे हाथ की तरफ देखू तो रानी जो सीमा की छोटी बहन थी वो अपनी कामुक फिट जिस्म को समेटे बैठी होती थी।


रानी अभी बस जवान होना शुरू हुई थी। उसकी चूची का शेप बनने लगा था। उसका जिस्म अपनी बहन जैसा तो नहीं था मगर जब वो खड़ी होती तो चूत की लाइन और निप्पल के निशान कपड़ो से दिखते थे।


ऑफिस में सब मेरी इज़्ज़त करते थे ,मेरे हाथो में काफी ज़िम्मेदारियों को पकड़ा रखा था सर ने।


मुझे ऑफिस के कोने में एक टेबल मिली हुई थी जिसके नीचे कवरिंग थी । नीचे कोई कुछ करे तो किसी को पता न चले चाहे वो बराबर में बैठा हो।


एक बार मैं रात को घर पर बैठकर लैपटॉप पर काम का रहा था। मैने वॉट्सएप पर लगे स्टेटस देखे तो , तो उनमें एक स्टेटस रानी का भी था।


उसने रोने वाले गाने के साथ अपनी फोटो लगाई थी। ये First Time Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मैने पूछा " क्या बात है इतना उदास क्यों हो?"


वो बोली “नहीं, कुछ नहीं सर।”


मैने थोड़ा ज़ोर देकर पूछा उसने थोड़ा ना नुकर करने के बाद मुझे बताया के उसके बॉयफ्रेंड ने उसे धोखा दे दिया है। मुझे अपने लन्ड पर सुरसुरी महसूस हुई , लन्ड ने कहा कि “भाई यही मौका है।”


मैने उससे बात आगे बढ़ाई उसके दिल को तसल्ली पहुचाने वाली बाते की। उसकी थोड़ी तारीफे करी, उसके बॉयफ्रेंड को खूब गालियां दी।


जिस लड़की का ताज़ा ताज़ा दिल टूटा हो। उससे बात बनाने में समय नहीं लगता। उसी रात उसने मुझसे पूछा " क्या मैं कॉल कर लूं आपको, सर? " 


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मना करने का तो सवाल ही नहीं था , उस रात हमने 2 घंटे बातें की। मौसम से लेकर सेहत भरे फ्लर्ट तक मैने बाते घुमाई थोड़ा डरते डरते मैने बोला की “तुम्हारा फिगर तो इतना मस्त है, तो तुम्हारा बॉय फ्रैंड क्यों छोड़ गया?” 


वो मेरी बात पर हसीं उसकी प्यारी सी आवाज़ फोन पर काफी मीठी लग रही थी।


आखिर तक आते आते उसकी तारीफे कर के मैने उसको इतना आसमान पर पहुंचा दिया कि कॉल काटने से पहले उसने फोन पर मुझे चूम लिया।


अगले दिन सुबह, मैं कंप्यूटर के सामने बैठा काम पर लगा था। सीमा फाइल सेट कर रही थी। रानी बराबर में बैठी पेपर तैयार कर रही थी और टेबल के नीचे मैं रानी के पैर सहला रहा था।


वो अपनी मुस्कान को रोकने की कोशिश कर रही थी मैने पैर सहलाना बंद किया तो उसने सहलाना शुरू कर दिया।


हमने पैरों की उंगलियों को ऐसे जोड़ लिया जैसे हाथों को मिलाते हुए जोड़ लेते है। मुझे हवस की वजह से बाथरूम जाना पड़ा, मैं बाहर आया तो रानी किचन से आ रही थी। 


मैने उसे गाल पर चूमने का इशारा किया और वो जल्दी से चुम्मी देकर भाग गई।


ये रोज़ की बात होने लगी कभी कभी मैं कुछ खाता तो अपना झूठा चुपके से उसे दे देता। कभी चाय आती तो हम आधी चाय पीकर कप बदल लेते फिर एक दूसरे की झूठी चाय पीते।


कोई दिन अगर ऐसा होता की मुझे रानी के साथ अकेले 10 मिनिट मिल जाते तो सब काम धाम छोड़ कर हम एक दूसरे के होठ पीने लगते ऑफिस के दरवाज़े के आगे एक छोटा आने जाने का रास्ता था।


जब भी वो किचन की तरफ जाती हुई मुझे दिखती तो मैं कुछ न कुछ बहाने से उस तरफ चला जाता वहां खड़े इंसान को कोई देख नहीं सकता था और मैं इस बात का पूरा फायदा लेता।


वो कोई सामान लेकर आती तो मैं जानबूझ कर उसके जिस्म से अपना जिस्म रगड़ता वो भी मज़ा लेती हुई अपनी गांड़ या चूची मुझसे लगाती रहती।


ऑफिस में कोई चाय पानी के लिए नही था सबको ये काम खुद करना होता था, तो चाय के लिए दिन बांध लिए थे।


मैं इस काम को करने में अलकस दिखाता था तो सब ज़बरदस्ती मुझे भेजते रानी मेरे पीछे ये कहते हुए आती के “सर पर नज़र रखती हूं, कभी जान कर देर लगाए।”


जब हम किचन में होते तो वो मुझसे चाय बनवाती और में मस्त उसके पीछे खड़े होकर गांड़ पर लन्ड मसलता उधर चाय खोतली इधर हम दोनों अपने जिस्म की गर्मी एक दूसरे के होठों के ज़रिए महसूस करते।


वो रोज़ नए फ्लेवर का लिप बालम लगती और मुझे चखाती। ये Antarvasna Desi Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


किचन में खड़े खड़े मैं उसकी पैंटी में हाथ डालकर चूत को सहलाता जब तक चाय बनकर तैयार होती तब तक मेरी दो उंगलियां रानी की चूत में घूमने लगती किचन में ही उसकी उंगलियों से मैं कर के पानी निकलता वो बहुत मुश्किल से अपनी आहे रोकती।


कुछ दिन हुए फिर मेरे पास सीमा का वॉट्सएप आया "आप मेरी बहन से क्यों बात कर रहे है रातों को ?"


मेरी फट गई। मैने रानी को तुरंत मैसेज कर के बताया , वो बोली "मैने चैट्स डिलीट कर दी थी लेकिन लास्ट कॉल आपकी थी तो उसने अंदाज़ा लगाया होगा बस!"


मुझे सुकून मिला सीमा को बस ये मालूम था के मैने उसकी बहन से बाते की है ये नहीं पता थी के क्या बात की है।


मैने बोल दिया सीमा को "मुझे आप अच्छी लगती हो , तो बस आपकी बहन से ये जानने के लिए बात की के आपकी पसंद न पसंद क्या है!"


मैं बराबर में बैठा दोनों बहनों से एक साथ बात कर रहा था, धड़ा धड़ वाट्सअप इधर से उधर जारा था। सीमा थोड़ा मुस्कुराई उसने एक नज़र मेरा चेहरा देखा , फिर उसका मैसेज आया।


"आपको मेरी बहन से बात करने की जरूरत नहीं है जो पूछना है मुझसे पूछे।" मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे। 


मैने रानी को कह दिया के उसके ऊपर कोई शक न आए इसलिए मैने उसकी बहन को बोल दिया कि मैं उसे पसंद करता हूं।


रानी ने दिल के साथ मुझे थैंक यूं मैसेज में लिखकर भेजा। मैं थोड़ा शर्मा गया एक टेबल पर दो बहने एक समय पर मुझसे पट गई थी।


मेरा लन्ड तन गया। अंडरवियर नहीं पहना होता तो जज़्बात दिख जाते। तब से रोज़ मेरी बात दोनों बहनों से होने लगी। 


दोनों के साथ समय बांध लिया, दोनों ने अलग अलग फोन ले लिए थे। दोनों बहुत अच्छे से एक दूसरे से मेरी बाते छुपाती थी।


जैसे जैसे दिन बीते, उस ऑफिस में मैने जॉब ओवर टाइम शुरू कर दी।


मैं हवस की वजह से काम भी ज़्यादा करने लगा, ताकि देर तक रुक सकू। मेरी मेहनत देख कर सर ने अलग मुझे केबिन दे दिया, केबिन नया था तो कैमरा नहीं था।


मैने सर को एक बार अपनी तरफ से छोटी सी पार्टी दे दी, जिसमें बहाने से उनको समझा दिया कि सीमा को एक घंटा पहले ऑफिस आने को बोले और शाम में रानी का एक घंटा देर से जाने के लिए समय फिक्स कर दे। 


वो मान गए, दोनों बहने अपने समय से खुश हो गई। अब रोज़ सुबह में एक घंटा सीमा के साथ होता और एक घंटा रात को रानी के साथ अकेले मिल जाता।


एक रात सब लोगों के जाने के बाद जब मैं दरवाज़ा बंद कर के आया तो रानी काम निपटा चुकी थी। मैने उसकी कमर पकड़ कर खींचा और अपने होठों में उसके होठ दबा लिए।


वो शायद मेरे इंतज़ार में बैठी थी, उसने भी फौरन मेरे होठ चूसने शुरू कर दिए। मैने उसे गोद में उठाया उसने मेरे पेट पर टांगे बांधी बारी बारी कभी में उसके होठ अपने होठों में दबाता कभी वो मेरे होठ चूसती, हमारी सांसे गर्म हो गई।


मैने होठ चूसते हुए उसके शर्ट में हाथ डाल दिया। सीधा उसकी छोटी चूची के निप्पल पकड़ कर नोच दिए, एक आआह! उसके मुंह से निकली।


मैं उसकी चूचियां मसलने लगा, वो तड़पने लगी गर्मी में लगातार रानी मुझसे होठ चुसवा रही थी। मैने उसकी पीठ अपनी तरफ करी और पेट के बल टेबल पर लेटाया, फिर उसकी पेंट उतारकर गांड़ पर काट लिया फिर थोड़ा नीचे जाकर में चूत चाटने लगा। 


उसके मुंह से आह! ससशस ! हाशमी सर अच्छा लग रहा है आह! की आवाज़ मुझे कामुक बना रही थी।


चूत का स्वाद लेकर में खड़ा हुआ तो उसे वापस घुमाया फिर गोद में उठाकर दीवार से चिपका लिया।


कुछ पल हमने एक दूसरे की आंखों में देखा उसकी नादान आंखों में मस्ती का गुलाबी रंग था।


 मैने उसे थोड़ा नीचे उतारा फिर अपनी पेंट की चेन खोली और लन्ड को चूत में सेट करा।


जब उसकी चूत लन्ड के टोपी पर टिक गई तो मैने उसे पूरा ज़मीन पर उतार दिया, जिससे लन्ड उसकी नाज़ुक चूत में समा गया, आहाआअअह! एक ज़ोर की चीख से उसकी आंखे गीली हो गई।


मम्मी! आह! सर दर्द हो रहा है बहुत! मैने लन्ड अंदर ही रखा और गाल चूमने लगा। गाल चूमते चूमते में उसके गले पर पहुंचा उसको इतनी गर्मी चढ़ी थी के पसीने आने की तेज़, मैने उसके पसीने को चूम लिया।


उसकी थोड़ी हिम्मत बढ़ी और फिर धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया।  


आह! आह! ओह सर! हम्मम! मज़ा आ रहा है! 


मम् हम आह! उसकी चीखे मधुर सिसकारियों में बदल गई थी। उसके चेहरे पर मीठे दर्द वाले सुकून को देखकर मैने रफ्तार बढ़ाई।


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वो खुलकर मुझसे चुदाने लगी। मैं टेबल पर चढ़कर बैठा उसे गोदी में लिया वो मेरे पेट पर टांगे बांध कर बैठ गई। 


अब वो खुद ही लन्ड को चूत में लेने लगी, उछलते कूदते वो आह! आआह! मम्मी आह! करती हुई मज़ा लेने लगी।


उसको पता नहीं क्या शरारत सूझी अचानक अपने मुंह में ढेर सारा थूक जमा कर के मुझे दिखाया उसने फिर मेरे बाल पकड़कर मेरे होठों के ऊपर आई। 


रानी ने पूरा का पूरा अपने मुंह का रस मेरे मुंह में उलट दिया। फिर तेज़ी से उसी रस को मेरे होठों और ज़बान से चूसने लगी।


मैने नहीं सोचा था ये लड़की इतनी मस्त माल निकलेगी।


हम ऐसे ही होठ चूमते हुए लन्ड और चूत की लड़ाई कराने लगे। हमारी आवाज़ें एक हो गई। पूरे ऑफिस में आह उफ्फ! आओह! मम्ह! सर आह! धपाधप चुदाई की आवाज़ गूंज रही थी। 


वो गांड़ उछाल उछाल के लन्ड और चूत को लड़ा रही थी, उसकी चूचियां हिचकोले खाते हुए मेरे मुंह पर लग रही थी, वाह! क्या एहसास था वो। 


करीब एक घंटे बाद फिर प्यार भरी लड़ाई जब हमारी खत्म हुई तो उसके नीचे खून ही खून था आज रानी की सील टूटी थी तो टेबल पर खून देखकर वो घबरा गई मैने बहुत प्यार से उसे समझाया तब जाकर वो शांत हुई।


फिर हमने सब ठीक किया और घर आ गए।


कैसी लगी आपको कहानी कॉमेंट बॉक्स और मुझे hashmilion5@gmail.com में बताइएगा, उसके अलावा आपको किसी खास विषय पर कहानी चाहिए हो तो कॉमेंट बॉक्स में बता सकते है, मैं उसी टॉपिक पर अपनी अगली कहानी सुनाऊंगा।


धन्यवाद!


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