रिम्मी दीदी को शादी में चोदा 02

Bhai Bahan Ki Chudai :  मैने उनकी कमर में हाथ बांध कर आपके होठों के करीब करा उसके कपड़े मुझे मक्खन जैसे लगे जिनसे फिसल कर मेरे हाथ उनकी गांड़ को पहुंच गए.. 


इस कहानी का पहला पार्ट : रिम्मी दीदी को शादी में चोदा 01



उन्होंने मेरी कमर पर अपने हाथ बांधे फिर सहलाते हुए पीठ तक ले गई। में कुछ कहने ही वाला था के मेरे होठों पर उन होने उंगली रखदी, मुझे अपनी नशीली काजल भरी आंखों से कुछ न बोलने का इशारा किया।



अब आगे की कहानी :-


मैने भी उनकी बात मानते हुए अपनी पलके ओके वाले इशारे में बंद कर के खोली। इतने में उनका फोन बजा , उन्होंने बात की तो मेरी मम्मी उनको आधे घंटे के बाद में बराबर वाले गार्डन में आने को बोल रही थी। मम्मी बोली हाशमी को साथ ले आना पता नहीं कहा गया ये लड़का।


दीदी ने मेरे होठों पर जो उंगली रखी थी में उसे चूमने लगा । दीदी बोली के बहुत शैतानी करता है वो कान से पकड़ कर लाऊंगी आप परेशान न हो।


दीदी ने अपने होठ एक अदा के साथ काटे फिर मेरे होठ उंगली हटा कर उसे चूमा और दोबारा मेरे होठ पर रखदी, फिर में उस उंगली को चूमा, फिर दीदी ने उसे दोबारा चूमा और फिर से मेरे होठों पर रखदी मगर इस बार हटाई नहीं।


उन्होंने एक नाज़ुक झटका बालों को दिया, फिर उंगली हटा कर नीचे ऊपर तक चाटा और एक बार मुंह में लेकर बाहर निकाली मेरे आंखों के सामने घुमाते हुए अपने मुंह के रस से भीगी उंगली उन्होंने मेरे होठों पर रखदी।


मैने उसे चूमा मगर उन्होंने उंगली नहीं हटाई उनकी बड़ी बड़ी आंखों की चमक में पता चल रहा था वो किया चाहती है ,मैने उनकी हथेली को पकड़ा फिर उंगली को अपने मुंह में लिया।


फिर प्यार से उसे चूसने लगा में किसी बच्चे के लॉलीपॉप जैसे उसे चूस रहा था। रिम्मी दीदी शर्मा रही थी, उनकी आंखों में मुझे प्यार दिखाई दिया।


उन्होंने फिर अपनी उंगली बाहर निकाली मेरे गले से घुमाकर कान तक हमारे मिले जुले रस की एक लकीर बनाई, फिर उंगली को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी उनकी आंखे मेरी आंखों से हट नहीं रही थी। यह कहानी आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


मेरे पैंट में लन्ड उनकी अदाओं की वजह से फटा जा रहा था, मगर मुझे पता थी के जल्दबाज़ी से सब खराब हो जाएगा।


मैने धीरे से उनकी गर्दन के पीछे बालों में हाथ लिया दूसरा हाथ उनके बूब के साइड में रखा उनके होठों को अपनी तरफ खींचा। उस समय हमने वो पहला किस करा जिसके लिए हम दोनों कितना तड़प रहे थे उसकी असलियत मुझे बादमें दीदी ने समझाई।


हम दोनों एक दूसरे की सांसों को आपस में मिल रहा थे, बे तहाशा एक दूसरे को चूम रहे थे। पूरे कमरे में उम्माह! उम्मं! उन्ह! उम्मौम! उम्माह! की आवाज़ चहल पहल कर रही थी। अगर ये शादी वाला घर न होता तो शांति की वजह पूरे घर में ये चूमने चूमा ने के सुर सुनाई देते।


उम्मम! उम्माह! उम्म्म! करीब 5 मिनट लगातार बिना रुके हमने एक दूसरे के होठों से जलपान करा। हम दोनों के हाथ गरम हो गए थे, अब दोनों के लिए रुकना मुश्किल था।


दीदी पास रखी टेबल पर बैठी , उन्होंने अपना लाँचा उठाया और बोली " आजा हीरो, जो लेना है लेले जो देना है देदे।" 


मैने पेंट उतार दी अंडर वायर आज जान कर नहीं पहना था क्योंकि गांड़ सहलाने का मज़ा लेना था। आगे बढ़कर मैने उन्हें चूमने शुरू कर दिया।


चूमते चूमते में अपना हाथ उनकी टांगों पर घुमाता हुआ चूत पर ले गया , उनकी चूत गीली हो रही थी उन्होंने भी पैंटी नहीं पहनी थी। 


मैने उनकी तरफ देखा उन्होंने आवाज़ में प्यार ओर हवस भरते हुए कहा " मुझे भी गांड़ सहलाने का मज़ा लेना था "।


मैने उनके घुटने दबाकर चूत को लन्ड के पास खींचा। एक एक कर के हमने एक दूसरे के कपड़े उतारे। दीदी दरवाज़ा अंदर आते ही बंध कर चुकी थी तो डर नहीं था।


जैसे ही मैने उन्हें करीब खींचा तो लन्ड चूत पर लगा जिसे उनकी सीसस आह ! निकल गई।


हमने फिर से एक दूसरे को चखना शुरू किया। उनके बूब्स भरे पूरे थे। मेरे हाथ के लिए वो काफी बड़े थे वो पकी हुई कली थी आज में उनको फूल बनाने वाला था।


में धीरे धीरे नीचे गया, चूत तक जाते जाते मैने उनके निप्पल जोर से निचोड़ दिए। उनकी अआह! ने मेरे जोश को बढ़ा दिया।


उन्हें मुझसे बिनती करी " हीरो में बहुत तड़पी हूं, अभी मुझे चोदकर मेरी तड़प शांत कर दे , आगे तू जैसा बोलेगा वैसे में तेरे पास आ जाऊंगी" दीदी ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा " तुझे तेरी दीदी का वास्ता " ओर कह कर हवस से भरी हसी हस दी।


मैने भी उनके वास्ते की लाज रखी। वापस ने चूमता चूमता उनके होठों तक आया 5 मिनिट होठ प्यार से चूमने के बाद उनकी आंखों में देखने लगा।


देखते देखते देखते एक ज़ोर का धक्का दिया और उनकी अआआह! निकल गई। मेरा आधा लन्ड अंदर घुस गया, उनकी आंखों से एक आंसू आया।


मैने रुकने के लिए पूछा तो उन्होंने अपनी दोनों टांगे मेरी कमर पर बांध दी। उन्होंने बोला " आज मत रुकना हीरो। " मैने फिर आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाना शुरू किए ।


आह! आह्ह्य! अआह! की धीमी सिसकारी कमरे में सुनाई देने लगी। जब उनके चेहरे पर मुझे सुकून आता दिखा तो मैने रफ्तार बढ़ा दी।


कुछ पलो में मैने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ी और उनको तेज़ी से चोदने लगा। न मैने कंडोम के बारे में सोचा न उन्होंने कंडोम के बारे में कुछ कहा।


हम दोनों के जिस्म एक बन चुके थे। उनकी आंखों से आंसू आने लगे वो आह! आह! ओह! अआह! करते हुए मुझसे लिपट कर मेरे होठ चूसने लगी। 


उन्होंने जैसा किस मुझे उस समय किया मुझे उसे चूसना कहना ही पसंद है। मैने अपनी ज़ुबान उनके मुंह में डाली वो उसे आइसक्रीम की तरह चुस्ती रही। वो अपनी पूरी तेज़ी से चूत को लन्ड पर धकेल रही थी। यह कहानी आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


दोनों ही अपनी आह! अआह! आहना! की आवाज़ों से एक दूसरे की आग को प्रोत साहित कर रहे थे। करीब 10 मिनिट ऐसा करते करते आह! अआह! सुनते सुनाते एक दूसरे को चूसते चूमते हम अपने चरमसुख की कगार को पहुंचे।


हम दोनों को अंदाज़ा हो गया के हम साथ यह तक आय है ओर साथ ही चरमसुख तक जाएंगे। उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ाई मैने अपनी रफ्तार बढ़ाई।


अआह! अआह! 


ऑफ ऊंह ओह! 


कुछ पल आखिरी सिसकारियों के साथ रिम्मी दीदी ने अपने पानी से मेरे लन्ड को नहलाया ओर मैने अपने लन्ड के पानी की बौछार उनकी चूत में करी।


कुछ दो आखिर के धक्कों के बाद हमने एक दूसरे को बाहों में भर लिया । मैने आगे झुककर उनके माथे को चूमा वो मुस्कुराई फिर बोली " चले हीरो, वरना नज़र लग जाएगी किसी की "।


हमने मिल बाटकर कपड़े पहनने में मैने दीदी से ज़िद कर के ब्रा लेकर अपनी पेंट में याद गार के लिए रखली।


जल्दी जल्दी तैयार होकर हमने एक आखरी रसीला किस किया। जल्दी जल्दी हम बाहर निकले दीदी मेरे आगे थी। मैने आसपास देख कर एक ज़ोर का तमाचा उनकी गांड़ पर जड़ दिया।


उन्होंने बहुत मुश्किल से अपनी चीख रोकी , मुझे गुस्से भरी नज़रों से देख कर बोली " इसका बदला जरूर लूंगी " ओर हम बाहर सब के पास जाकर खड़े हो कर शादी एंजॉय करने लगे।


तो दोस्तों कैसे लगी मेरी ये हिन्दी सेक्स स्टोरी कॉमेंट करके जरूर बताएं! और साथ ही अपनी चुदाई कहानी हमें बताएं। 


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