कामवाली को माँ बनाकर उनकी प्यास बुझाई!

Desi Aunty Sex Story में मैने बताया है की करीब आधे घंटे बाद में अपने चरमसुख को पहचा तो मैंने पूछा, "कहां डालूं?" वो बोली, "चूत में ही डालना जान, मैं पालूंगी तेरी औलाद को!" 


हाय फ्रेंड्स, मैं मोहित हूं और आज मैं अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना लेकर आया हूं, जो मेरे और मेरे घर की कामवाली आंटी के बीच की Naukar Malik Sex Story है।


मैं कुचामन का रहने वाला हूं, और मेरी उमर अभी 19 साल की है। मैं कॉलेज में पढ़ता हूं, और घर पर मैं, मेरी छोटी बहन, मम्मी और पापा रहते हैं। हमारा घर काफी बड़ा है, और घर के कामकाज के लिए हमने एक कामवाली आंटी रखी हुई है। 


उनका नाम रेखा है, लेकिन मैं उन्हें हमेशा आंटी ही बोलता हूं। आंटी हमारे घर सुबह-शाम आती है, झाड़ू-पोछा, बर्तन धोना, कपड़े धोना सब करती है। 


आंटी की उमर करीब 32-33 साल की होगी, वे शादीशुदा है, और उसके पति एक फैक्ट्री में काम करते हैं। आंटी के एक छोटा बेटा है, जो 3 साल का है और कभी-कभी उसके साथ आता है। 


आंटी का घर हमारे घर से थोड़ी दूर है, लेकिन वो रोज आती-जाती है, अब तो हमारे घर में वो फैमिली मेंबर जैसी हो गई है।


अब आंटी की बॉडी के बारे में बताता हूं, दोस्तो, वो क्या कमाल की माल है! आंटी का फिगर 34-32-36 है, मतलब उसके बोबे 34 इंच के, कमर 32 इंच की पतली, और गांड 36 इंच की मोटी और गजब गोल है। 


उसके बोबे इतने टाइट और बड़े हैं की जब वो झाड़ू लगाती है या झुकती है, तो वो उछलते हुए मुझे दिखते हैं,और मुझे देख कर साड़ी के ब्लाउज से बाहर आने को बेताब रहते हैं। ये Desi Aunty Ki Antarvasna Sex Story आप Garam Kahani पर पढ़ रहे हैं।


उसकी कमर इतनी पतली है कि लगता है बस एक हाथ में आ जाए, लेकिन गांड इतनी भरी हुई और मटकती है कि चलते समय वो नागिन की तरह लहराती हुई चलती है, जैसे कोई हॉट मॉडल हो। 


आंटी का रंग गोरा है, चेहरा गोल, होंठ गुलाबी और मोटे है, आंखें काली और बड़ी, बाल लंबे काले है। 


वो ज्यादातर साड़ी ही पहनती है, लेकिन कभी-कभी सलवार कुर्ता भी उनके हुस्न से रगड़कर अपनी हवस बुझाता है उस समय और उसमें वो और भी सेक्सी लगती है। 


उसके बोबे इतने परफेक्ट शेप के हैं कि ब्रा में भी वो उभरे रहते हैं,और गांड इतनी टाइट कि जींस पहनकर चल दे तो हर लड़का दीवाना हो जाए। 


मैं तो शुरू से ही आंटी पर फिदा था, क्योंकि वो घर में काम करते समय कभी-कभी झुकती, तो उसके ब्लाउज से बोबों की दरार दिख जाती, 


या साड़ी सरक जाती तो कमर नंगी हो जाती। मैं चुपके से देखता रहता, और रात को उसके नाम की मुठ मारता रहता।


आंटी हमारे घर में काम करती थी, तो मेरी उससे रोज बात होती थी। वो खुले विचारों की थी, हंसती-मुस्कुराती, और कभी-कभी मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी पूछती। 


मैं भी मजाक में उसके साथ फ्लर्ट करता, जैसे कभी उसकी कमर पर हाथ रख देता, या गांड पर ब्रश कर देता जब वो झाड़ू लगा रही होती। 


वो हंसकर टाल देती, लेकिन कभी गुस्सा नहीं करती। एक दिन आंटी का मोबाइल खराब हो गया था,तो वो हमारे घर आई और बोली, "बेटा, जरा फोन लगाना, मेरा फोन काम नहीं कर रहा।" 


हमारे घर में लैंडलाइन था, तो मैंने कहा, "हां आंटी, आओ।" वो फोन के पास खड़ी हो गई, और मैं उसके पीछे खड़ा होकर फोन डायल करने लगा। 


मैंने बहाने से अपनी बॉडी उसकी गांड से टच कर ली, और अपना लंड जो पहले से ही खड़ा था, उसकी गांड पर सेट कर दिया। 


आंटी की गांड इतनी मुलायम और गोल थी कि मेरा लंड उनकी गहराई में दब गया, और मैं धीरे-धीरे रगड़ने लगा।


 आंटी ने कुछ नहीं कहा, बस फोन पर बात करने लगी। मैंने फोन दे दिया, और तब तक बाथरूम में जाकर आंटी के नाम की मुठ मार ली। 


मेरा लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, और उस समय फटने वाला था।मुठ मारकर मैं अपने रूम में आया, और आंटी बात खत्म करके मेरे पास बैठ गई। 


हम बातें करने लगे, और बातों-बातों में बात सेक्स पर आ गई। मैंने पूछा, "आंटी, आपकी सेक्स लाइफ कैसी है? अंकल के साथ?" 


आंटी ने पहले कुछ सोचा फिर सांस भरकर दबी आवाज़ में कहा, "क्या बताऊं बेटा, तुम्हारे अंकल तो बस काम में लगे रहते हैं। ये Desi Naukrani Sex Story आप Garam Kahani पर पढ़ रहे हैं।


साल में 10-12 बार ही करते हैं, और आजकल तो बिल्कुल नहीं। मैं तो प्यासी रहती हूं।" मैंने मजाक में कहा, "आंटी, मैं मदद कर दूं आपकी?"आंटी ने एक सेक्सी मुस्कान दी और चली गई। उस मुस्कान से मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। 


थोड़ी देर बाद मैं आंटी के घर गया, क्योंकि वो हमारे घर के काम के लिए कुछ सामान लेने गई थी, लेकिन घर पर उसका बेटा सो रहा था। 


मैंने पीछे से आंटी को पकड़ लिया और उसके बोबे दबा दिए। आंटी चौंककर बोली, "नहीं मोहित, कोई आ जाएगा।" 


लेकिन मैंने उसे घुमाया और किस कर लिया। उसके होंठ इतने रसीले थे कि मैं चूसता रहा चूसता रहा। आंटी पहले थोड़ा विरोध करती रही, लेकिन फिर साथ देने लगी। मैंने उसके ब्लाउज पर से बोबे दबाए, जो इतने सॉफ्ट थे जैसे रुई की गेंद होती है। 


आंटी आह! आयामजमह! उह कर रही थी। तभी मम्मी का फोन आ गया, तो मुझे जाना पड़ा। जाते-जाते मैंने कहा, "आंटी, तुम सलवार कुर्ते में बहुत सेक्सी लगती हो।"


अगले दिन आंटी फिर आई, इस बार वो काले सलवार कुर्ते में थी। वो क्या कयामत लग रही थी ये बस मेरा लन्ड जानता है!उनका कुर्ता टाइट था, उसके बोबे उभरे हुए थे, और सलवार में गांड मटक रही थी। तब घर पर कोई नहीं था, सिर्फ मैं था।


 आंटी ने कहा, "बेटा, फोन लगाना।" मैंने लगाया और उसके पास बैठ गया। मैंने उसके होंठ पर उंगली फेरी, गर्दन पर, फिर कुर्ते में हाथ डालकर बोबे दबाए। 


उसके बोबे इतने बड़े और टाइट थे कि ब्रा में भी दबाने में मजा आ रहा था। मैंने ब्रा का हुक खोल दिया, और कुर्ते पर से ही निप्पल काटने लगा। आंटी सिसकारियां ले रही थी। 


फिर मैंने उसकी नाभि चाटी, जो गहरी और सेक्सी थी। आंटी गर्म हो गई, आंटी मेरी टी-शर्ट में हाथ डालने लगी।मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोला, और पैंटी पर से चूत सहलाई। 


उनकी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने उंगली अंदर डाली और खूब चाटी, फिर आंटी को उंगली चटवाई। मैने उनकी पैंटी उतारी, तो चूत गुलाबी और क्लीन शेव्ड थी। आंटी ने फोन काटा और मुझे चूमने लगी। 


उसने मेरे कपड़े उतारे, मेरा लंड देखकर बोली, "वाह, 6 इंच का! मेरे पति का तो 4 इंच का है।" वो मुझे सहलाने लगी, चूसने लगी, चूमने लगी। 


लेकिन तभी उसका बेटा रोया, और डोरबेल बजी। आवाज़ से पता चला की पोस्टमैन था।आंटी ने कपड़े पहने और सॉरी बोलकर चली गई, क्योंकि उसे अपनी बहन को लेने जाना था।


अब आंटी की बहन (जो ओरिजिनल में ननद है, लेकिन यहां सब बहन कहते हैं) आने वाली थी। ये XXX Maa Ki Chudai Ki Kahani आप Garam Kahani पर पढ़ रहे हैं।


मेरा मन Aunty Ki Chudai को तड़प रहा था मगर मैं उसके घर नहीं जा सकता था। 


दो दिन बाद मेरे फैमिली वाले गांव चले गए शादी में, वो भी 5 दिनों के लिए। मैं अकेला था, एक अकेला 19 साल का लड़का घर संभाल रहा था। 


मम्मी ने आंटी से कहा, "रेखा, मोहित का ध्यान रखना।" अंकल भी बाहर गए थे काम से, तो आंटी की बहन उसके घर आई हुई थी। 


शाम को आंटी ने मुझे खाने के लिए बुलाया। मैं गया, आंटी काले गाउन में थी, वाह!क्या मस्त लग रही थी! गाउन टाइट, बोबे उभरे, जिनमें गांड दिख रही थी। 


लेकिन उनकी बहन के होने से कुछ नहीं कर सका। हमने साथ खाना खाया, और खूब बातें की। 


आंटी बोली, " आज तुम यहीं सो जाओ, हम दोनों अकेली हैं।" मैं भी खुशी खुशी रुक गया। वो और उनकी बहन एक रूम में सोए, मैं दूसरे में।


 रात को वासना से नींद नहीं आई तो मैं मोबाइल पर Garam Kahani.com पर सेक्स स्टोरीज पढ़ रहा था,


मैं आंटी के घर में मुठ मार रहा था, तभी आंटी आई। मैंने उत्तेजना से उसे पकड़ा, फिर चूमने लगा। गाउन पर ज़ोर से बोबे दबाए, फिर गाउन उतारा। वो काली ब्रा-पैंटी में थी,


बोबे 34 इंच के उभरे हुए मुझे भड़का रहे थे पैंटी में चूत की शेप दिख रही। मैंने ब्रा-पैंटी उतारी, आंटी ने मेरे कपड़े उतारे। हम दोनों नंगे हो गए। मैं उसके बोबे चूसे जा रहा था, एक को दबाया, दूसरे को मुंह में लिया। 


आंटी हम्मम! आगाह! आउच! आअआआअह! भरी सिसकारियां ले रही थी।फिर चूत मैने उनकी सहलाई, वो गीली थी, जो मैने खूब चाटी, जिस वजह से वो झड़ गई। 


मैंने उन्हें साफ किया। आंटी ने मेरा लंड चूसा, जैसे पोर्न में कोई हीरोइन हो, उन्होंने टोपे पर जीभ फेरी और पूरा मुंह में लिया मेरी उत्तेजना उन्होंने इतनी बढ़ाई के मैं झड़ गया उसके मुंह में ही।


फिर मैने बहुत देर उनको किस किया, उनके बोबे चूसे। आंटी तड़प कर बोली, "अब चोद भी दे!" मैंने चूत पर तेल लगाया और लंड डाला, लेकिन उनकी चूत टाइट थी। तो मैने जोर से धक्का दिया, मेरा टोपा अंदर गया, जिससे वो चिल्लाई। 


मैंने उनको शांत करने के लिए किस किया, फिर थोड़ा रुका। मैने अब धीरे-धीरे उन्हें चोदा, वो भी धीरे धीरे झड़ी, मगर मैने धक्के चालू रखे जिससे पच-पच आवाज आई। 


मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, मेरा लन्ड आंटी की बच्चेदानी पर लग रहा था। आंटी बेधड़क अआआह! ओह आआह राजा आआह!जान चोद मुझे! ओह अआआह बुझा मेरी प्यास! 


अआआह हम्मम आआह!


वो अपनी पूरी शिद्दत से मुझसे चुदवा रही थी, मैने पहली बार अपने से बड़ी औरत को चोदा था।करीब आधे घंटे बाद में अपने चरमसुख को पहचा तो मैंने पूछा, "कहां डालूं?" वो बोली, "चूत में ही डालना जान, मैं पालूंगी तेरी औलाद को!" 


उनकी बातों से मुझे अधिक जोश आ गया मैने भी तबाद तोड़ धक्के पेले ऐसे ही करते करते हम साथ झड़े। वह अब तक 3 बार झाड़ी थी फिर हम नंगे लेटे रहे। मैंने उसकी बहन की चुदाई के बारे में कहा, वो बोली, "मैं बात करूंगी।" 


मैं देख चुका था गेट पर उनकी बहन खड़ी थी, वो अपने बोबे दबा रही थी। मैंने तब अनदेखा करा, और जान कर आंटी को जोर से चोदा। 


ताकी फच-फच आवाज उसके भी कानो में गूंजे , आंटी भी चुदासी होकर बोली, "अआआह! ओह और जोर से!" जब हम झड़े। 


तो आंटी को डर लगा के कोई गड़बड़ न हो जाए का, इसलिए अगले दिन पति से चुदवाया, और प्रेग्नेंट हो गई। बच्चा मेरा ही था, मुझे बाद में उन्होंने बताया।


लेकिन अभी, आंटी ने दुबारा गांड चुदवाई। मैंने बताया बहन चुदासी है, आंटी ने देखा झांककर खिड़की पर। आंटी ने अपनी बहन को भी बुलाया। बहन मेरे सामने शर्माते हुए आई, वो अभी वर्जिन थी। 


हमने उसे नंगा किया, मैंने उसे प्यार से चूमा, और लंड डाला, वो कुंवारी चूत फटने पर , अआआह माँ आह गाह अआह, चिल्लाई। आंटी ने उसका मुंह दबाया, मैंने फिर उसे आराम से चोदा, उसकी सील टूटी। 


फिर दो दिनों तक मैने उसकी चूत, गांड, मुंह सब चोदा। हम तीनों मजे लेते रहे। फैमिली को वापस आने में ज़्यादा दिन लगे, तो हम तीनों ने और मजे लिए। आंटी मेरी रखैल बन गई, मैने उनकी चूत और गांड़ हर पोजिशन में चोदी। आज भी


वो दोनों बहने मेरी रखैल है और आंटी तो मुझे अब तक 15 20 आंटियों की चूत दिलवा चुकी है।


ये Kamuk Antarvasna Sex Story आपको कैसी लगी? कॉमेंट व hashmilion5@gmail.com मेल में ज़रूर बताए!


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