सम्मू के लन्ड से चुदी शुभी की बुर हुई तहस नहस 03

Antarvasna Desi Sex : जैसा कि आप लोगो ने मेरे पिछले भाग 'सम्मू के लन्ड से चुदी शुभी की बुर हुई तहस नहस 02' में पढ़ा कि सम्मू जब दूसरे शहर जाने लगते है तब किस तरह से मेरी बुर को चोदते है :



आज रात भर सिर्फ और सिर्फ अपना टोपा फुला कर  तुम्हारी बुर चोदूँगा  फिर तुम्हारी इन बड़ी उभरी हुई चूतड़ों के बीच छुपी हुई गाँड़ को भी मारूंगा!


आज तुम्हारी इतनी चुदाई करूँगा की अगले 2-3 हफ्ते तक तुम्हे बुर चुदाने की ख्वाहिश न जगे चाहे कल तुम बीमार ही हो जाओ डॉक्टर से इलाज करवा लेना लेकिन आज मैं रुकने वाला नही हूँ!


क्योंकि आज लन्ड भी सारी रात खड़ा ही रहेगा चुदाई चाहे जितनी करूँ चाहे जितनी बार झडूँ लेकिन लन्ड को खड़ा ही पाओगी!



अब आगे पढ़ें इस भाग में की आगे क्या हुआ?


मैं बोली अच्छा ठीक है तुम मुझे सारी रात चोद लेना गाँड़ भी मार लेना, लेकिन पहले इस भूखी बुर का पेट तो भर दो बुर को अपने लन्ड का भोजन तो दे दो! नही तो मैं चिल्लाने जा रही हूं फिर तुम जानना जो होगा तुम ही जिम्मेदार होगे!


सम्मू मुस्कुरा कर बोले ठीक है चिल्लाओ तुम्हे जितना चिल्लाना है मैं तुमको रोकूंगा नही और तुम्हारे चिल्लाने से जो होगा वो भी मैं ज़िम्मेदार हूँ!


“सच मे चिल्ला दूँगी” मैने कहा


सम्मू बोले - चिल्लाओ ! 


प्लीज सम्मू चोद लो न बुर को देखो तुम्हारा लन्ड भी भड़क रहा है बुर न मिलने से जबकि बुर तो तुम्हारे लन्ड को चाह रही है


सम्मू बोले : चिल्लाओ मेरी जान क्या पता किसकी किस्मत खुल जाए और इतने खूबसूरत कमरे में चारो तरफ ऊपर नीचे लगे शीशे में कोई आकर तुम्हारी बुर को सुकून दे दे लेकिन आज ऐसा नही होगा मैं मतलब , सिर्फ मैं ही आज चोदने वाला हूँ


ये मेरा टेलीग्राम चैनल SandhyaSharmaSs दिए गए नाम से ही सर्च कर लेना, चैनल अभी नया ही बनाया है, इसलिए ज़्यादा सब्सक्राइबर नही है।


सम्मू का गोरा गोरा लन्ड लाल लाल हो चुका था लन्ड की सारी नसें लन्ड पर उभर कर लन्ड की खूबसूरती में और बढ़ोत्तरी कर रही थीं!


नसें ज़्यादा उभरने से लन्ड खूबसूरत होने के साथ वाकई में मोटा हो गया था लन्ड की लंबाई भी लगभग 2 इंच बढ़ गई थी लन्ड बढ़कर और लम्बा हो चुका था।


ये सब सच था पाठकों आप चाहो तो खुद आज़मा सकते हो जब आप भी ज़्यादा देर तक अपनी बीवी की बुर नही चोदोगे तो आपका  लन्ड भी मोटा और लंबा हो जाएगा इसको कभी भी आज़मा लेना।


मेरे ख्याल से सम्मू वही  अमेरिकन दवा खाये थे जो कि लन्ड को सारी रात खड़ा रखती है, यानी वियाग्रा!


फिर सम्मू ने मेरी धधकती बुर पर तरस खाया और अपने लन्ड की शांति , और मेरी बुर की शांति के लिए लन्ड को मेरी धधकती बुर पर रखकर टोपा चिकनाई हुई बुर में पेल दिया!


आहह,,,,, आउच,,,, शी,,,,,,, हाय,,,,, हाय,,, की आवाज़ तेज़ हो गई। यह Desi Sex XXX Kahani आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


ज़ालिम मर्द ने चूची को दबाना ही छोड़ दिया था जिससे चुचियाँ छत में दिख रहे शीशे को फाड़ने को तैयार थी, मेरा भी हाथ नही खुला था कि मैं अपनी गोल मटोल चुचियों को अपने ही हाथों से दबाती ,मसलती, और मींजती!


लेकिन मेरी बुर को सम्मू के लन्ड का घुसना खूब  भा रहा था सच मे ऐसे मज़े पहले नही लिए थे।


मैंने अब सम्मू ने जैसे ही टोपा बुर में डाला, मैं तुरन्त अपनी गाँड़ को उठाकर पूरा लन्ड लपकने लगी।


लेकिन ज़ालिम ने यहां भी मुझे मात दी और लन्ड को पूरा बुर में लेने से पहले ही उसने मेरी कमर पर हाथ रखकर गाँड़ उठाने ही नही दिया


लेकिन फिर भी  सम्मू ने लन्ड की ठोकर बुर में इतनी तेज मारी की लन्ड सीधा बुर फाड़ता हुआ  बुर में जा घुसामैं ऐंठ गई, आह , धीरे से मारो मेरे राजा!


लेकिन सम्मू अब रुकने वाले नही थे, 20 मिनट तक अपना पूरा लन्ड निकालते और पूरा लन्ड अंदर डाल डाल कर चोदते रहे मेरे एक्शन रिएक्शन हर धक्के में बदल रहे थे।


आज बेड भी दुहाई मांग रहा होगा फिर सम्मू अपना खुद नीचे लेट गए लन्ड खड़ा करके और बोले अब तुम आओ शुभी अपनी बुर से मेरे लन्ड को चोद दो।


मेरे हाथ बंधे हुए थे लेकिन पैर तो खुल ही चुके थे मेरी बुर में आग लगी हुई थी शोले भड़क रहे थे मैंने आव देखा न ताव और अपने बंधे हाथ को हवा में झुलाते ऊपर उठे हुए ही सम्मू के लन्ड पर बैठ गई।


आई,,,,,,,,,, मर गई""""""""""'',,,,,,,,,,, मैं मरी,,,,,,,,,,, चिल्लाई


और झटके से उठ खड़ी हुई क्योंकि सम्मू का लन्ड एकदम से पूरा खा लिया था, तो दर्द बहुत तेज़ उठा, उसके बाद फिर धीरे धीरे नीचे लेते सम्मू के खड़े लन्ड पर बुर रखकर बैठती गई। यह Desi Sex stories in hindi आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


जब लन्ड पूरा मेरी बुर में जड़ तक समा गया और सम्मू क लन्ड के जड़ के पास बनी हुई बालों की डिसाइन वाला गोल घेरा भी बुर में समा गया तो मैं कूद कूद कर सम्मू के लन्ड को चोदने लगी।


अपनी तपती हुई बुर को सम्मू के लन्ड से चोदने लगी इतनी तेज तेज़ उठ बैठ कर मैं चुदाई कर रही थी कि पूछो मत भचाक , भचाक , की आवाज़ गूंजने लगी कमरे में।


और सम्मू मेरी हवा मे झूलती हुई चूची को निहार रहे थे जो कि तेज़ तेज़ चोदने से छाती भी  भच भच की आवाज़ कर रही थी।


आधे घण्टे तक ऐसे चुदने और चोदने के बाद मैं झटका मार रही थी झड़ने वाला


मैं बोली : सम्मू मेरी चुचियों को दबाव न चुचियों दबाओ और मेरे निप्पल्स को चुसो!


सम्मू ने तुरन्त हल्का सा उठकर मेरी एक चूची की घुंडी मुंह मे रखे और दूसरे हाथ से मेरी दूसरी हवा में झूलती चूची को दबाने लगे।


जिससे अब चुचियाँ को भी दबवाने से मज़ा आने लगा, फिर सम्मू ने मेरी कमर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर मुझे ज़ोर ज़ोर अपने लन्ड पर पटकने लगे जैसे मै कोई गुड़िया हु।


और हम दोनों एक साथ झडने लगे और सम्मू ने मुझे कसकर अपनी दोनो बाँहों में भींच लिया और अपना मुंह मेरी छातियों में घुसा लिया।


सम्मू के लन्ड का पानी और मेरी बुर का पानी दोनो एक साथ निकले और मेरी बुर को कुंआ समझकर भर दिया सम्मू जब झड़ गए तो उनके  लन्ड ने ढेर से मनी , वीर्य मेरी गुदाज़ बुर में छोड़ दिया।


लगा जैसे बुर में आग के शोले निकले हों इतना गरम था सम्मू के  लन्ड का पानी मेरी बुर ने भी पानी छोड़ दिया था  जिससे दोनो ही पानी  मेरी गुदाज़ गदराई बुर में भरा हुआ था।


सम्मू लन्ड को बुर में डाले पड़े थे हम दोनों बेड पर लेट गए।


कुछ देर के बाद जब सम्मू ने लन्ड को बुर से बाहर खींचा और निकाला तो कम से कम 1 गिलास भर कर  पानी मेरी चुदी चूत ने बाहर निकाला जिससे चादर और गीली हो गई


10-15 मिनट के बाद भी मुझे लग रहा था कि मेरी बुर पानी छोड़ रही है। ये सच था मैंने हाथ को अपनी बुर के चुद चुके छेद पर रखा तो मेरी हथेली में चिकना गाढ़ा पानी आ गया था।


सम्मू देखो - आज ये अभी तक मेरी बुर पानी उगल रही है क्या बात है


“कुछ नही” सम्मू बोले। यह Desi Sex stories in hindi आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


तुम जाकर बाथरूम हो आओ तब बताता हूँ, फिर सम्मू ने मेरे बंधे हाथ खोले चुचियों को चूमा  निप्पल पर दांत कटे और मुझे बाथरूम जाने को बोले।


मैं थकी सी लड़खड़ाते हुए अपने हाथों से अपना पेट पकड़े हुए बाथरूम गई और जो पेशाब करने बैठी तो बैठी रह गई।


कम से कम 10 मिनट तक रुक रुक कर पेशाब आता रहा , और मैं पेशाब करती रही।


10 मिनट के बाद आई तो सम्मू का लन्ड हवा में छलांग मार रहा था, सम्मू अब शायद गाँड़ मारें मैंने सोचा।


मैं धीरे धीरे चलती हुई सम्मू के पास जाकर सम्मू के ऊपर अपनी दोनो छातियां रखकर लेट गई।


लेकिन सम्मू ने मुझे उठाया और बोले उठो और घोड़ी बन जाओ अभी मैं तुम्हारी गाँड़ मारूंगा।


सम्मू के खड़े लन्ड का स्पर्श पाकर बुर भी खिल रही थी, लेकिन सम्मू को अब मेरी मोटी और दोनो चूतड़ों के बीच छुपी हुई गाँड़ को मारना था


मैं बेड पर ही लेटकर बोली सम्मू लिटाकर ही गाँड़ मार लो न।


सम्मू ने कहा : नहीं, तुम घोड़ी या कुतिया बनो मैं तुम्हारी गाँड़ को ऐसे ही मारूंगा!


अच्छा ऐसा करोएक बार फिर से मेरी बुर चोद दो फिर तुम सारी रात गाँड़ मारते रहना मैं कुछ नही बोलूंगी।


चलो ठीक है , सम्मू बोले चलो मैं फिर से तुम्हारी बुर चोद देता हूँ, लेकिन इसके बाद गाँड़ ही मारूंगा तुम्हारी 


ठीक है, मैं बोली


बुर में खुजली फिर से शुरू हो गई थी चुदाई की इसलिए मैं अभी गाँड़ मरवाने के चक्कर में नही थी।


सम्मू बोले - तुम फिर भी घोड़ी या कुतिया बन जाओ! मैं तुम्हारी बुर को पीछे से चोद दूँगा।


मैं उठी  सम्मू के लहराते लन्ड को मुंह लिया और लन्ड पर दाढ़ वाले दांत से फिर दांत काटा।


सम्मू फिर मस्त हो गए और मुंह को फिर से चोदने लगे, कुछ देर के बाद लन्ड को मुंह से  बाहर निकाला तो लन्ड से लार टपक रहा था।


मैं घोड़ी बन गई तो सम्मू ने  मेरी बुर को चूमा और बुर को थपथपाया, मैं फिर गनगना गई  चुचियाँ तन गई रोंगटे खड़े हो गए। मैं घोड़ी बन गई थी


सम्मू ने लन्ड को बुर में टिकाया और टोपा धीरे से अंदर पेल दिए


आहह,,,,, जल्दी डालो सम्मू  आग बुर में फिर भड़क उठी है आह,,,,,, उन्ह,,,,,, उन्मह,,,,, 


चुप तेरी तो! सम्मू ने एक ज़ोर का तमाचा मेरी बड़ी सी चूतड़ पर मारा और दोनो हाथों से कमर को पकड़े बिना ही एक जोरदार लन्ड का धक्का मारा की मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मैं गिर पड़ी और बुर से लन्ड निकल गया। यह Desi Sex stories in hindi आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


मैं फिर उठी सम्मू बोले ऐसे ही चुदाओगी तब तो चुद चुकी तुम, तुम भी नह सम्मू आज ज़ालिम बने हो ऐसा लग रहा है की घोड़ा घोड़ी को चोद रहा है।


मैंने कहा , और फिर से घोड़ी बन गई इस बार सम्मू ने अपने हाथों से कमर को पकड़ कर बुर में लन्ड डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगे मैं भी मस्ती में चूतड़ हिलाती  घोड़ी बनकर बुर चुदा रही थी।


सम्मू के धक्के तेज़ होते जा रहे थे, तो मेरी चूतड़ कहाँ पीछे रहने वाली थी फच फच फकफक फचाक की आवाज़ कमरे में फिर से गूंजने लगी।


सम्मू ने इतनी तेज चोदना शुरू कर दिया था की अगर सम्मू पकड़े न होते तो मेरा बैलेंस फिर से बिगड़ गया होता।


मैं झूम झूम कर चुदने लगी। यह Antarvasna Hindi Sex Story आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


अचानक , मेरा बदन ऐंठा और मैं झड़ने लगी, मैंने जोरो से बेड पर पड़ी चादर को हाथों में भर लिया 


आहह,,,,, अहा,,,,,, उइ मम्मी कहते हुए मैं झड़ गई, लेकिन सम्मू के लन्ड का झटका अभी भी मेरी बुर में पड़ रहा था मतलब अभी भी सम्मू झड़े नही थे।


अब सम्मू की उंगलियां की चुभन  मेरी कमर पर तेज़ हो रही थी, यानी अब सम्मू भी झड़ने वाले थे सही था सम्मू ऊंह ऊंह कहते हुए सारा पानी चूत में फिर से भर दिया। XXX Desi Sex


मैं जैसे ही सीधी होकर खड़ी हुई फिर से बुर में भरा हुआ पानी चादर पर गिरने लगा और कुछ जांघो से होता हुआ पैरों से गिर रहा था


लेकिन पानी आज बार बार ज़्यादा ही गिर रहा था पानी गिरता रहा और मैं फिर लेट गई, सम्मू ने लन्ड को मेरी चुचियों के बीच रगड़ना शुरू कर दिया।


जिससे लन्ड में फिर से तनाव आने लगा और लन्ड फिर खड़ा हो गया सम्मू आज तुमने क्या खाया है , कौन सी दवा ली है जो इतनी जल्दी जल्दी लन्ड खड़ा हो रहा है


बस वही वियाग्रा खाई है मेरी जान


तब तो आज मुझे तुम मार ही डालोगे क्या चोद चोद कर नही जान।


सम्मू ने कहा कही कोई ज़्यादा चुदाई से मर जाती है?


अब सम्मू का लन्ड चुचियों की रगड़ से तनकर खड़ा हो गया था मैं अपनी खैर मनाने लगी क्योंकि सम्मू का लन्ड तुरन्त के तुरन्त खड़ा हो रहा था चुदने के बाद आराम करने का मौका नही मिल रहा था 


सम्मू ने मुझको उठाया मैं उठी फिर घोड़ी बनी और सम्मू ने लन्ड को गाँड़ पर सेट किया और पेलने की कोशिश करने लगे, क्योंकि मैं गाँड़ मरवाती नही इसलिए गाँड़ बहुत टाइट थी।


सिर्फ पहली बार उस टेलर मास्टर, के साथ ही सम्मू ने मेरी गाँड़ मारी थी, उसके पहले या आज तक उसके बाद नही।


सम्मू लन्ड का टोपा गाँड़ में टिकाकर टोपा गाँड़ में खोंस दिए ऐसा लग रहा था कि जैसे गाँड़ में लोहे की रॉड घुसी जा रही हो।


मैं दर्द से आह , आह कर रही थी, गाँड़ को आगे ले जा रही थी लेकिन सम्मू ने कमर पकड़ ली थी तो अब लन्ड गाँड़ में घुसकर गाँड़ मारने ही वाला था।


मैंने अपने दांतों को भींच लिया की चीख न निकल जाए। यह Desi Sex stories in hindi आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


उधर सम्मू मुंह पकड़कर लन्ड को पेलने लगे रुक रुक कर मेरे दर्द की परवाह करते हुए सम्मू ने करीब 5 मिनट के बाद पूरा लन्ड गाँड़ में पेल दिया।


मेरी गाँड़ फ़टी जा रही थी गाँड़ में लन्ड नही लोहे..


कहानी का अगला पार्ट : 'सम्मू के लन्ड से चुदी शुभी की बुर हुई तहस नहस 04'


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