चार पतियों का पत्नियों साथ 'स्वैपिंग' का खेल 03

Hindi Sex Stories : कैसे अब 4 दुल्हनों को हमारे पतियों ने Swap करके चोदा और हमारी चुत और चूचियों से दूध पानी निकाला पढिए इस Husband Wife Swapping Sex Story में!


अभी तक आपने पिछले भाग "चार पतियों का पत्नियों साथ 'स्वैपिंग' का खेल 02" में पढ़ा :


लेडीज़ अपने पहले वाले पर बेड नही 


बैठेंगी , सब अपना बेड बदल लें


सम्मू आगे बोले - फिर जो भी मेन्स हैं वो भी अंधेरे में ही जिस बेड पर जाना चाहे जा सकता है, इससे ये होगा कि कोई भी अपनी बीवी के पास ना जाकर किसी दूसरे के पास जाएगा।


अब आगे :


ना तो किसी जेंट्स को पता होगा कि ये मेरी बीवी है , न तो किसी लेडीज़ को पता होगा कि ये मेरा हसबैंड है , जिसके लक में जो होगी उसको पहले राउंड में इसी तरह से चोदा जाएगा या इसी तरह से चुदेगी


सबको ये तरीका पसन्द आया , और तीनों मर्द ही - हाँ ठीक है, ठीक है! एक साथ बोले।


फिर सम्मू मेन बोर्ड के पास जाकर हॉल की लाइट को ऑफ कर दिए और बोले - सभी लेडीज़ आराम से अपने बेड को छोड़कर दूसरे बेड पर जाए , और कोई अपना घूंघट नही हटाएगी!


सब लोग अंधेरे में पायल और चूड़ियां खनकाती हुई अपना अपना बेड छोड़कर दूसरे बेड पर जाकर बैठ गई


सम्मू फिर बोले - दोस्तों , अब आप तीनो भी जिस बेड पर दिल करे उस बेड पर बैठ जाएं , उसके बाद मैं हॉल की लाइट ऑन करके , जो बेड खाली होगा यानी जिस पर कोई सिंगल ही होगी मैं भी बैठ जाऊंगा!


हाँ ये भी सही है , सभी एक साथ बोले , जिससे किसी की आवाज़ कन्फर्म नही हो रही थी कि कौन बोल रहा है 


हम तीनों के बेड पर अलग अलग मर्द आकर बैठ गए थे , किसी को नही मालूम था कि मैं जिसके पास बैठा या बैठी हूँ वो कौन है।


हाँ अगर कोई औरत घूंघट में से ही देख लेती तो शायद पता चल जाता कि कौन है , लेकिन सब अपना अपना घूंघट ढके हुए थी , फिर इतने अंधेरे में कौन किसको देख सकता था!


सम्मू ने हॉल की लाइट ऑन की , और जिस बेड पर लेडी बैठी थी उस पर जाकर बैठ गए हम सबकी धड़कने बढ़ी हुई थी , किसके साथ मे कौन टाइम बिताएगा यही सोच सोचकर।


मैंने अपने बेड पर बैठे अपने नए हसबैंड को देखने की कोशिश की , लेकिन सिर ज़्यादा झुके होने से देख नही पाई की कौन है मेरा नया हसबैंड!


तो अब शुरुआत करते है इस तरह से की सबकी चुदाई की स्टोरी को उन्ही के शब्दों में बताऊंगी , बारी बारी से मेरे नए हसबैंड ने मेरी पीठ पर धीरे से हाथ रखा , तो मेरा दिल ज़ोर ज़ोर धड़कने लगा। 


फिर उसने मेरी ठुड्डीयों को ऊपर उठाया और अपना हाथ मेरे गले के अंदर डाल कर चुचियाँ पकड़ ली , मैंने आज फिर पहली बार नया अहसास पाया था सुहागरात का!


उसके हाथों के स्पर्श ने मेरे बदन में पहली बार जैसा ही रिएक्शन दिया। ये Group Sex Wife Swaping Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे हैं


यानी पूरे बदन में जैसे करंट दौड़ गया बुर जो चुदाई से अभ्यस्त हो चुकी थीं , चुचियाँ जो दबवाने से मसलवाने से , मिंजवाने से बढ़ गई थी , उनमें भी करंट दौड़ गया 


उधर वो तीनो मर्द भी अपनी नई नई बीवियों के साथ भी शुरुआत कर चुके थे, तो अब सभी की चुदाई की स्टोरी उन्ही के शब्दों में पढ़ें!


विवेक ने जब अपनी दुल्हन का घूंघट उठाया तो उसकी बीवी थी सिमरन यानी सुक्खू की बीवी सिमरन , विवेक की बीवी बन चुकी थी , और विवेक उसका नया हसबैंड बन चुका था।


विवेक ने सिमरन का घूंघट उठाया और सिमरन के होंठो को चूम लिया जिससे सिमरन सिहर उठी सिमरन को आज दुबारा से सुहागरात जैसी फीलिंग हुई थी और विवेक को भी नई दुल्हन चोदने को मिल रही थी।


विवेक ने अपना ऊपर का कपड़ा उतारा और सिमरन को बेड पर धीरे से लिटा दिया और खुद सिमरन के बगल में लेट गया और सिमरन के घूंघट को उतारकर रख दिया।


सिमरन निहायत ही खूबसूरत लग रही थी , उसकी तनी हुई चुचियाँ विवेक को इनवाइट कर रही थी, दोनो एक दूसरे के मुंह मे ज़ुबान डालकर चुसने और चुसाने लगे।


सिमरन का हाथ विवेक की पीठ से होता हुआ विवेक के सर को पकड़ ली और खूब ज़ोर ज़ोर से दोनो एक दूसरे को चूमने और सहलाने लगे।


विवेक सिमरन के कपड़े को उतारने लगा सिमरन भी एकदम नई नवेली दुल्हन की तरह , सिकुड़ी सिमटी बैठी थी, अब ये शर्म थी या एक्टिंग!


लेकिन नही ये एक्टिंग नही हो सकती , क्योंकि यहां पर हॉल में चार मर्द थे और चार औरते चुद रही थी।


इसलिए शर्म ही थी , कोई भला इतना कैसे हो सकता है कि अपने हसबैंड के सामने दूसरे मर्द से अपनी बुर चुदाये और उसको शर्म न आये


विवेक ने सिमरन का कुर्ता उतार दिया और सिमरन की तनी हुई दूध से भरी कठोर चुचियाँ अब सिर्फ ब्रा में थी विवेक ने सिमरन की पीठ को चूमा, सहलाया।


अब सिमरन सिर्फ नीचे सलवार में थी जिसमे से उसकी पैंटी झांक रही थी,और उसकी गोरी जांघे भी बाहर अपने ऊपर के साथियों को नँगा होते देखकर , वो भी नँगी होना चाहती थी।


विवेक ने अपना पैजामा उतारा जो दूल्हे के वेश में पहना था सफारी सूट वाला और अपने लन्ड को आज़ाद कर दिया।


जोश तो सबको था ही, फिर नई नई दुल्हन चोदने वाले थे चारो लोग और चारो औरते नए नए हसबैंड से अपनी बुर चुदाने जा रही थी , सबको नया अहसास होना ही था। ये XXX Antarvasna Chudai Ki Kahaniआप Garamkahani.com पर पढ़ रहे हैं!


विवेक ने सिमरन का हाथ पकड़ कर अपना लन्ड सिमरन के हाथ मे थमा दिया विवेक ने अपने लन्ड के बालों को साफ नही किया था , एकदम काले काले घने बाल थे लन्ड और फोते पर।


सिमरन विवेक के लन्ड को सहलाने लगी विवेक ने सिमरन की चूची को ब्रा खोलकर आज़ाद किया।


सच मे सिमरन की चूची में दूध भरा था , और उसकी चुचियाँ बहुत ही ज़्यादा तनी और टाइट थी, ऐसा इसलिए था कि सिमरन को एक बच्चा था जो कि 4 महीने का था और बच्चे जब होते है तो औरतो की छातियों में दूध आ ही जाता है 


भले ही औरते अपने बच्चों को अपनी छाती का दूध पिलाये या न पिलाएं, ये अलग बात है।


विवेक ने सिमरन की एक चूची को पकड़ा तो उसमें दूध भर होने की वजह से चूची की डिजाइन ही बदल गई , मतलब चूची ऐसी थी जैसे कि गुंथा हुआ आटा।


उस आटे को जैसे चाहो वैसे बना दो, या जहां उंगली रखो वहां उंगली के निशान पड़ जाते है सेम वैसे ही सिमरन की चूची थी


खैर 


सिमरन विवेक के लन्ड को सहलाती और कभी उसके फोते को सहलाती, विवेक ने सिमरन के जांघो को चूमना शुरू कर दिया।


ssss ,,,,,,,,,,,, ऊंह,,,,,,, उह,,,,,,,,,, सिमरन की मस्ती से आवाज़ निकलने लगी।


विवेक ने सिमरन की बालो से साफ और क्लीन बुर को चूमा , और जांघो को सहलाने लगा, फिर सिमरन की दोनो टाँगों को फैलाया और उसकी बुर की फांक से खेलने लगे।


सिमरन ने विवेक की पीठ सहलाते हुए उसका मुंह अपनी चूत पर झुका दिया, विवेक भी सिमरन की बुर में अपनी जीभ घुसेड़ दी और बुर का रसपान करने लगा।


ssss,,,,,, आउच,,,,,,,,,,,, ऊंह ,,,,, आहह फिर विवेक घूम गया यानी 69 कि पोजीशन बनाई दोनो ने 


अब विवेक का लन्ड सिमरन गड़प गड़प करके निगल रही थी और विवेक सिमरन की बुर के रस को बढ़ा रहा था जीभ से बुर की फांकों को , बुर के दानों को कुत्ते की तरह चाट रहा था


सिमरन विवेक का मुंह ही अपनी दोनो जांघो से दबाए हुए थी और विवेक उसकी जांघो में जकड़ा हुआ बुर को अपनी जीभ से चोदने लगा, और दोनो हाथों से सिमरन के चुतड़ को सहला रहा था।


विवेक सिमरन के पैरों की उंगलियों को भी सहलाता और उसकी मोटी मोटी पिंडलियों को भी सहला रहा था उधर सिमरन , विवेक का लन्ड पूरा मुंह मे गटक रही थी।


सिमरन कभी विवेक का लन्ड मुंह से निकालकर , लन्ड का टोपा चूसने लगती, कभी उसका पूरा लन्ड ही हलक तक ले लेती थी।


सिमरन विवेक का लन्ड चूसते हुए विवेक की पीठ और उसकी गाँड़ को भी सहला रही थी , जिससे विवेक भी मस्ती में डूबा था।


सिमरन के दुल्हन वाले कपड़े सब बेड पर छितरे पड़े थे। ये Hot Nonveg Indian Sex Stories आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे हैं


अब तक विवेक ने सिमरन की चूत को इतना चाट डाला था , और जीभ से चोद डाला था कि सिमरन की बुर से लार बह रही थी 


यानी सिमरन की बुर ने चिकना पानी छोड़ दिया था, अब विवेक सीधा हुआ और सिमरन की चुचियो को पकड़ कर  चुचियो को चोदने जा रहा था।


विवेक ने जैसे ही सिमरन की दूध से भरी हुई कठोर और तनी हुई चूची को अपने दोनो हाथों से पकड़ा 


‘छर्र’ की आवाज़ से सिमरन की चुचियों से दूध की धार निकली , और विवेक के लन्ड को सिमरन ने अपने छाती में भरे दूध से नहला दिया।


विवेक एकदम चौंक गया, पहले तो वो कुछ समझ ही नही पाया , यब तक सिमरन ज़ोर से हंस पड़ी , और बोली विवेक ये मेरे छाती का दूध है।


ओह , मैं तो डर गया कि क्या चीज़ है कहाँ से निकली है , विवेक भी मुस्कुरा कर बोला! विवेक के लन्ड से सिमरन की छाती से निकला दूध टपक रहा था।


इस बार विवेक को मालूम हो ही गया था कि सिमरन की छाती दूध से भरी है।


विवेक ने अब थोड़ा घुटनो के बल सिमरन के ऊपर खड़े होकर सिमरन की चूची को पकड़ा और उसकी चूची को दबा दबाकर उसके दूध से अपने लन्ड को नहलाने लगा।


जैसे ही विवेक सिमरन की चूची दबाता , छर्र , छर्र की आवाज़ से सिमरन की कठोर तनी चूची से रस निकलता और विवेक के लन्ड को नहलाती थी।


सिमरन की छाती से दूध निकलकर विवेक के लन्ड को नहलाती और उसके बाद फिर सिमरन पर दूध गिरता था।


जिससे सिमरन का मुंह भी सिमरन की छाती से निकले दूध से तर हो गया था , सिमरन की चुचियाँ भी दूध से तर बतर थीं और विवेक का लन्ड, फोता, और लन्ड के पास के बाल भी सिमरन की चूची से निकले दूध से भीग गए थे।


अब तो कुछ देर तक विवेक सिर्फ सिमरन की चूची ही दबा रहा था।


विवेक ने अब सिमरन की चूची को छोड़ दिया था जिससे सिमरन की एक चूची जिसको विवेक ने दबा दबा कर दूध निकाला था , वो छोटी हो गई थी , सिकुड़ भी गई थी हल्का सा और दूसरी चूची अभी भी वैसी ही तनी हुई कठोर थी।


अब विवेक ने सिमरन की दूसरी चूची जो कि अभी भी दूध से भरी हुई थी।


उसमे मुंह लगा दिया और सिमरन की चुचियो पर उभरे मटर से भी छोटे दाने को मुंह मे रखकर सिमरन की छाती का दूध पीने लगा।


विवेक इस वक़्त सिर्फ सिमरन की छाती का दूध ही पी रहा था , काफी देर के बाद जब विवेक ने अपना मुंह सिमरन की चूची से हटाया तो सिमरन की चूची पर उभरे दाने चूसने से सिमरन के चूचे लाल हो गए थे।


लेकिन अब सिमरन की चुचियाँ नार्मल हो गई थी , अब सिमरन की चूची मुलायम थी।


दूध निकल जाने से सिमरन ने फिर अपनी चूची के निकले दूध से विवेक के भीगे लन्ड को गटक लिया और अपनी ही छाती से निकले दूध का मज़ा चखने लगी।


अब विवेक के लन्ड से निकला हुआ चिकना पानी, और सिमरन की चूची का निकला रस , दोनो का मिश्रण का स्वाद सिमरन विवेक का लन्ड चूस चूसकर ले रही थी।


पाठकों आप सबको लग रहा होगा ये सब कल्पना है लेकिन कभी भी जब अगर इस स्टोरी को गर्ल्स पढ़ रही है तो या जेंट्स पढ़ रहे हैं तो जब शादी होगी और उसके बाद जब बच्चा पैदा होगा तो देख लेना।


गर्ल्स अपनी अपनी चुचियों को उस वक़्त और बॉयज अपनी अपनी बीवियों की चुचियाँ देख लेना जो जैसे लिखा है सब सेम ही रहेगा।


अब विवेक सिमरन की बुर में उंगली करने लगा, जिससे सिमरन मस्ती से आह ऊह ,,,,, ससससस ऊमह ऊमह ,,,,,, कर रही थी।


सिमरन ने अब अपनी टांगे फैला दी थी और विवेक के द्वारा सिमरन की चूत में उंगली करवाने का मज़ा ले रही थी और अपनी छाती से निकल चुके दूध से खाली हो चुकी चूची को अपने हाथों से मसल रही थी दबा रही थी मिंज रही थी।


और विवेक के लन्ड को अपने हाथों से चांटा भी मार रही थी , जिससे विवेक उछल रहा था।


सिमरन अपनी चुतड़ उठा उठाकर विवेक की उंगली को अपनी चूत से बहते पानी से नहला रही थी विवेक इतनी तेज तेज़ सिमरन की बुर में उंगली करने लगा जैसे सिमरन की बुर को अपने लन्ड से चोद रहा हो।


जब सिमरन की बुर में विवेक उंगली करते करते तक गया तब सिमरन को उठाया और सिमरन को घोड़ी बनाकर खड़ा किया और...


आगे की कहानी जल्द ही गरम कहानी डॉट कॉम पर!


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