भाई की शादी में बहन की चुदाई 01

Bhai Bahan Ki Chudai : पढ़िए कैसे मैने अपने भाई की शादी में आई सबसे हॉट और कामुक बहन को चलाकी से पटा कर चोद दिया और साथ में मैंने अपने भाई और बहन की लाइव चुदाई देखी!


कैसे हो मेरे पाठकों, आज का किस्सा आपको कितना ही सच्चा क्यों न लगे लेकिन इसे सच समझने की गलती न करना वरना फ्लर्ट करना सीख जाओगे। 


हुआ कुछ ऐसा था कि मेरे ताऊ के बेटे की शादी थी महीना नवंबर का था तो बहुत ही शानदार ठंड पड़ रही थी। घर के सभी 18 से 25 साल के लड़के और लड़कियों को ताऊ जी ने अपने घर भिवानी बुलवा लिया था।


सब कज़िस अपना अपना बोरिया बिस्तर बांध कर भाई की शादी की तैयारियां कराने पहुंच गए।


मैं अपने रिश्तेदारों से कुछ ज़्यादा खास परिचित नहीं था, मैं बस अपने ताऊ जी के बेटे निहाल को जनता था और एक दो भाई बहनों को। 


शनिवार राती, मैं उनके घर पहुंचा, जाकर देखा तो 8 से 10 लड़के और 12 से 14 लड़कियां काम में लगे थे, कुछ मुझसे छोटे थे तो कुछ मुझसे बड़े।


मेरी उमर तब 21 थी गांव वाले लड़के जैसा सख्त जिस्म और नोएडा वाले लड़कों जैसा चालू दिमाग था मेरा।


उस समय तक मैने लड़कियों को पटाना शुरू कर दिया था, मैने अपने आपको ऐसे सेट किया था के कोई भी लड़की मुझसे 3 या 5 सेकंड अगर नज़रे मिला लेगी तो वो मुझसे आसानी से पट जाएगी।


ताऊ जी का घर बहुत बड़ा तो नहीं था मगर इतना था के उसमें 6 कमरे थे जिनमें काफी लोग एक समय में सो सकते थे।


मेरे जिस भाई की शादी थी यानी निहाल वो खुद एक आर्किटेक्ट है तो उसने अपने घर को काफी अच्छे से बनाया था।


मैं अंदर गया ताऊ जी, ताई जी और बाकी घर में बड़े बुजुर्गो से मिला फिर निहाल के बड़े भाई रऊफ के पास गया और उसने मुझे बताया की क्या काम करना है।


उसने मुझे पूरे घर में लाइटें लगाने को बोला और कहा कि पैसों के बारे में मत सोचना जो चाहिए हिना से ले लेना और लिखवा देना।


मैं उनसे बात कर के हीना के पास जाने को मुड़ा और एक लड़की से टकरा गया, उसके और मेरे होठ धड़ से मिले के एक नर्म सा दर्द महसूस हुआ।


मैने अपने आपको संभाला अपने होठ को सहलाते हुए नज़रे उठाकर ऊपर देखा, तो सामने एक सोन पारी जैसी लड़की खड़ी थी।


पीला टी शर्ट,उससे बाहर निकलती नर्म सावली सी बाहें, जाली दार चुनरी से झांकता गला, सादी सफेद 6 जेबों वाली जींस, पैरों में स्पोर्ट्स शूज़ पहने अपने नर्म हाथों से वो अपने होठ सहला रही थी।


रऊफ भाई बोले के सम्भाल कर काम करो दोनों। 


उनके सामने ही हम टकराय थे ये बस एक संयोग था, तो किसी ने कुछ नहीं कहा।


उसने अपनी भूरी आँखें नादानी से उठाकर देखी और प्यार से कहा “बेवकूफ गधे, अंधे हो क्या! 


भाई उसने मुझे बस मुंह से गाली ही नहीं दी वहां पर बाकी मुझे फील पूरी हो गई थी। ये Bahan Ki Chudai Ki Kahani आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


लेकिन उसका चेहरा मेरी आँखों में बस गया था, हमारी आँखें पूरे 4 सेकंड मिली रही मैने अपनी ज़बान से इस दौरान एक लफ्ज़ नहीं निकाला था।


वो मुझे कंधे से धकेलते हुए अपनी सहेली के साथ चली गई, उसका चेहरा गालों से गोल और होठों के नीचे से नुकीला था।


जाते जाते उसने पलट कर मुझे देखा और मैने अपने होठों पर ज़बान घुमा कर उसके होठों के स्वाद को अपने दिल में बसा लिया।


ये सब बस पांच मिनट में हुआ लेकिन मुझे लगा के घंटों बीत गए, मैं फिर हिना के पास गया मैने उसे बस थोड़ा बहुत ही जनता था जान पहचान उतनी थी जितनी शादियों में अपने परिवार वालो को खाना खिलाते समय हो जाती है।


हिना ने मुझे 5000रु दिए और कहा हमारे पास दो दिन का समय है और पैसे चाहिए हो तो ले लेना मगर अच्छे से लाइट्स लगाओ। 


जो खर्चा हो मुझे बाद में हिसाब दे देना। हिना को बहुत समय बाद मैने देखा था, उसकी चूची मस्त आकर्षक थी, उसने बहुत सलीके से कपड़े पहने थे फिर भी उसके चूंचे की गहराई मैं देख पा रहा था।


उसके मोटे गुलाबी होठों को देखकर मेरा मन हुआ के यही चूस लूं मगर मुझे अपनी जान प्यारी है तो मैंने ऐसा कुछ नहीं करा।


वो अपनी मस्त मादक गांड़ को हिलाते हुए लकड़ी की कुर्सी छोड़ के उठी मुझे पैसे दिए और बताया कि बाहर इवेंट मैनेजर सुज़ेट होगी रिश्ते में मेरी बहन है वो ख्याल रखूं उसका बाकी उससे बात कर के लाइट के रंग और डिज़ाइन समझ लूं।


मैं बाहर गया, रऊफ भाई से सुज़ेट के बारे पूछा तो वो बोले “जिस लड़की के तुमने लिप्स चखे थे वहीं थी सुज़ेट।”


मुझे एक ही समय में खुशी और डर महसूस हुआ।


मैने घर के बाहर सुज़ेट को देखने गया तो वोह मजदूरों को काम बता रही थी, मैं वहां पहुंचा तो वो मुझे देखते ही भड़की


बोली : “तुम शहर के आवारा लड़के क्या समझते हो की गांव की लड़की को कैसे भी मना पटा लोगे फिर मौज कर के निकल लोगे, जाओ निकलो इधर से नहीं तो यही सूत दूंगी।”


अब मुझे बुरा लगा मैने भी चालू बनते हुए कहा “ओ मैडम! मेरे भाई की शादी है इसलिए यहां आया हूं भले ही आप कितनी ही खूबसूरत सोन पारी लगो इस समय, लेकिन मुझे बस अपने काम से मतलब है।


मुझे आपके इन सुनहरे हाथों और खूबसूरत मॉडल फिगर में कोई इंटरेस्ट नहीं मुझे आप बस लाइटिंग का बताइए।”


वो शर्माती हुई मुझे हल्का सा डाटी फिर बताया की लाइट्स के लिए वो काम करने जा रही है मुझे उसके साथ साथ ही रहना है।


काम करते करते उसने मुझसे मेरा नाम पूछा मैने बता दिया मेरा नाम दीपक है सब प्यार से दीपू बुलाते है!


वो बोली “मैं नहीं बुलाऊंगी।”


मेरी लंबाई 5 फुट 5 इंच है उसकी लंबाई 5 फुट 2 इंच थी, वो सामान पकड़ते हुए मेरे करीब आती तो उसका माथा मेरे होठों के करीब हो जाता।


मैने एक अच्छे बच्चे की तरह उसके काम मैं हाथ बटाया, एक दो बार मार्केट के चक्कर हमने बाइक पर साथ साथ लगाए, अब गांव का रास्ता था तो गड्ढे भी काफी थे।


बाइक जितना झटके लेती मेरी बहन सुज़ेट के चूंचे मुझसे पीठ पर उतने लड़ते, थोड़ा तो मैने भी चांस मारा।


मार्केट में उसने मुझसे कुछ खाने-पीने को पूछा


तो मैने मुस्कुराते हुए कह दिया कि आते ही मैने मुंह मीठा कर लिया था, उसका स्वाद नहीं भूलना चाहता! सोचता हूं आज न खाऊं कुछ।


वो थोड़ा चिड़ी फिर मुझसे चलने को बोला आते समय वो बाइक पर मुझसे दूर होकर बैठी, लेकिन गड्ढों की कृपा थी के वो मुझसे फिर आकर चिपक गई।


रस्ते भर उसने मुझसे कोई बात नहीं की, हम वापस घर आ गए, आते आते देर हो गई थी। रात के 7 बज रहे थे सबको खाने के लिए बुलाया जाने लगा। उसकी सहेलियां आकर उसे ले गई। ये Bhai Bahan Ki Desi Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


जब तक में घर आया तो इतने में निहाल भी आ चुका था, मैं उससे मिला अच्छे से हाल चाल पूछा। 


हमने खूब बाते की मैने उसे सुज़ेट के बारे में बताया तो वो खूब हंसा और बोला “साले आते ही शुरू हो गया” हालांकि जो हुआ उनमें मेरी कोई खास गलती नहीं थी।


मैं और निहाल छुप छुपाकर घर से निकले, उसको उप्टन लगाया जा चुका था और हमारे घर कहते है उप्टन के बाद लड़के को या लड़की को बाहर नहीं निकलना चाहिए।


फिर भी हम बाहर गए मस्त चिकन फ्राई खाए पीए और कुछ देर में घर आ गए, सबने पूछा खाना खालों लेकिन मेरा पेट भर चुका था तो मैने मना कर दिया।


फिर धीरे धीरे सोने का इंतज़ाम होने लगा, सब बड़ों ने खबरदार कर दिया की रात को देर तक कोई नहीं जगेगा क्योंकि अगली सुबह जल्दी उठकर कामों में लगना है।


मैं छत पर लेटने की तैयारी करने लगा, बिस्तर लगाकर घर से बाहर खेत की तरफ वाली सड़क पर टहल रहा था। सामने से सुज़ेट अपनी असिस्टेंट के साथ सिगरेट पी रही थी।


उसकी असिस्टेंट मुझे देखकर बोली “आपने खाना क्यों नहीं खाया?


मुझे ध्यान आया की वो भी वहां खाना खा रही थी जब मुझसे पूछा गया था। तो मैने चांस लेते हुए बोला कि “मैने आते ही मुंह मीठा कर लिया था तो अपना टेस्ट बदलना नहीं चाहता


सुजैट ने हमदर्दी भरी आँखों से देखा और बोली “क्या बकवास है , बेशर्म”।


फिर वो वहां से चली गई, एक-एक कर के सब सोने लगे रात के करीब एक बजे मेरी आँख खुली तो मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा।


काफी देर लेटे रहने के बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं छत पर इधर उधर घूमने लगा।


मैने ध्यान दिया की घर के बाहर दरवाज़े के पास कोई घूम रहा है, मैं आराम आराम से बिना शोर करे वहां जाने लगा , जाते हुए निहाल के कमरे से आह! आओह ! भाई आह धीरे! की मस्तानी सी आवाज़ें आ रही थी।


मैने खिड़की से देखा तो अंदर निहाल और हीना के जिस्म एकदम नंगे आपस में रगड़ खा रहे थे, हिना तेज़ी से आह! आफ आआह! भाई धीरे! ओह ! की आहे भर रही थी।


दोनों भाई बहन की चुदाई मेरी आँखों के सामने चल रही थी।


मेरा मन किया के मैं इस नज़ारे को पूरा देखूं लेकिन मेरा ध्यान तो सोन परी पर था।


मैं दबे पाऊं वहां पहुंचा तो उधर सोन परी यानी सुज़ेट खड़ी थी। वो मुझे देखकर हैरान हो गई, वो मुझसे बोलने लगी “तुमको रात में भी सुकून नहीं है क्या, क्यों पीछे पीछे घूम रहे हो।” 


मैने उसे शांत करने के अंदाज़ में कहा “मुझे खाली पेट नींद नहीं आ रही थी।”


वो बोली “तुम पागल हो! खाना क्यों नहीं खाते जाकर।” ये Antarvasna Chudai Ki Kahani आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मैने उसके चेहरे के रंग बदलते देखकर बोला “यार, कुछ दिन हम यहां रहेंगे फिर पता नहीं कब मिलेंगे जो स्वाद मुझे आज मिला था तुमसे, वो दोबारा तो कभी मिलने से रहा, तो सोचता हूं जितना हो सके उसे महसूस कर लूं।”


अब उसके पास शर्माने के अलावा कोई चारा न था तो वो शर्माते हुए बोली “तुम सच में कुछ नहीं खाओगे क्या ?”


मैने भी ईमानदारी से कहा “मेरी भी एक हद है अगर मैं तुमसे कहूं के कुछ नहीं खाऊंगा तो वो झूठ होगा, लेकिन कम से कम सुबह तक तो तुम्हारे दिए हुए स्वाद के साथ ही रहूंगा।”


फिर उसने जो बोला तो मेरे कानो को यकीन नहीं हुआ वो मुंह फेरती हुई बोली “तुम खालों खाना, तुमको वो स्वाद दोबारा दे दूंगी मैं।”


मेरा ये सुनकर दिमाग घूम गया मैने कंफर्म करने के लिए उससे कहा “क्या कहा तुमने फिर से कहना?”


वो हस्ती हुई बोली “जाओ जाकर खाना खालों, इससे पहले मेरा इरादा बदल जाए।”


मैने उसके गालो को पकड़ा और चूमने के लिए आगे बढ़ा, मगर उसने मुझे रोक दिया वो बोली “पहले खाना खाओ जाकर।”


कहानी का अगला पार्ट यहाँ क्लिक करके पढे : भाई की शादी में बहन की चुदाई 02


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