तलाकशुदा पड़ोसी कविता की चुत और गांड चुदाई

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Padosi ki Chudai : ये हिंदी सेक्स स्टोरी मेरी पड़ोसन की चुदाई की है, मेरी पड़ोसन की प्यासी चूत चुदाई की है, उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया। 


मेरी पड़ोसन का नाम कविता शर्मा, वो सिर्फ 28 साल की है और मैं 25 साल का हूं।


उसकी शादी हुई 5 साल हो गई थी। लेकिन शादी के 7 महीने के अंदर पड़ोसन ने अपने पति को तलाक दे दिया, उसका पति जुआरी थे इसलिया पड़ोसन कविता ने उसे तलाक दे दिया।


तलाक होने के बाद कविता हमारे साथ वाले घर में रहने लगी,


हमारे परिवार में सिर्फ 5 लोग हैं मम्मी पापा 2 बहनें और मैं।


कविता बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी है, उसके बड़े घर में शादी हुई थी लेकिन बेचारी का दुर्भाग्य पति पड़ा जुवारी और कभी-कभी शराब की नशे की लत थी।


उसके पति ने कविता को अपने दोस्त से चुदवाने की कोशिश भी की, इसलिया कविता ने अपने पति को तलाक दे दिया।


पति को तलाक तो दे दिया लेकिन रात में लंड की प्यास और सेक्स की भूख में पड़ोसन कविता की हालत खराब हो जाती थी, मैं मन ही मन उसको चोदने का सपना देखता था।


एक दिन हमारे घर कुछ पापा के दोस्त आ गए थे वो लोग कुछ दिन हमारे यहां रुकने वाले थे मेरी पड़ोसन कविता मेरी बहनो की दोस्त बन गई थी।


हमारे यहां महमानो की वजह से कमरे कम पड़ रहे थे तो दीदी ने कहा कि क्यों न हम कविता के यहां सो जाएं?


कविता भी मां से बोली की आंटी इन्हे हमारे यहा सो जाने दो।


तो मैं और मेरी बहन उसके यहां रात में सोने चल दिया उसके यहां 3 कमरे थे तो एक में मैं और एक में मेरी बहन और एक मैं कविता सोने चले गए।


मैं वहा जा कर सो गया फिर रात में मैं सपना देख राहा की एक परी जैसी खूबसूरत औरत मेरे पास आई और मुझसे शादी की, और सुहागरात में मेरा लंड को प्यार से चूसाती थी।


जब मेरा लंड का पानी निकलने वाला था तभी मेरी निंद टूट गई, जब मैंने जाग गया तो देखा कि ये तो मेरा सपना था कि कोई मेरा लंड चूस रही थी, लेकिन इधर सच में कोई मेरे लंड को चूस रही थी!


जब मैंने देखा तो वो मेरी पड़ोसन कविता थी, कविता रात में मेरा लंड चूस रही थी।


 


ये देख कर मैं हैरान हो गया, वो सेक्स की भूखी थी और लंड की प्यासी थी।


आप सभी लोग जानते हैं कि शादी शुदा औरत को अकेले जीवन जीना कितना मुस्किल है, जो एकबार लंड का स्वाद ले ली उसको लंड के बिना जीना हराम हो जाती है।


मैं चुप चाप सो रहा था, वो मेरा लंड को चूस रही थी!


एकदम रंडी की तरह मेरा लंड को पूरा मुँह में लेकर चूस रही थी और अपनी चूत में उंगली डाल कर हिला रही थी, मैं झड़ने वाला था।


तब मैंने आंख खोल दी वो चौंक गई, मेरा लंड को मुँह से निकल दिया और बैठ गई।


कविता ने सोचा था की मैं गहरी नींद में हूँ।


कविता ने अपने मुंह को चादर से ढक लिया, मैंने कविता की गालों पर हाथ लगाया, और बोला “कविता मैं समझ सकता हूं तुम्हारी मजबूरी, कोई बात नहीं, तुम्हारा मन जो चाहता है..”


वो मुझे पकड़ के रोने लगी।


फिर मैंने कविता को समझाया,


ये होता है, शादी के बाद हर औरत की मजबूरी बन जाती है।


फिर कविता ने रोना बंद किया, और बोली “इस तड़पती जवानी मुझे पागल कर देती है, मैं क्या करती हूं कुछ समझ नहीं आता!”


मैंने कविता को इस शर्म से और दोषी महसूस करने से बाहर लाना चाहता था।


हिम्मत करके मैंने कविता की गालों पे किस किया और बोला “कविता तुम बहुत खूबसूरत हो, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, आई लव यू कविता!”


ये बोलकर हिम्मत करके कविता के स्तन पे हाथ लगाया, सिर्फ स्तन पे हाथ लगाते ही कविता को जैसे एक करंट का झटका लगा।


कविता के मुँह में सिस्कारिया निकल गई आह्ह्ह!


अब कविता ने अपने आप को मुझे सौप दी।


मैंने कविता की कमीज़ में फिर से बूब्स को दबाया, और कविता की ब्रा भी उतार दिया, और एक निपल मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे स्तन को दबाने लगा।


कविता मेरे सर को पकड़ के बालों में हाथ काटने लगी।


फिर मैंने कविता की सलवार की तन खोला और सलवार के अंदर हाथ डाला, कविता की चूत पानी पानी हो गई थी।


 


मैं एक उंगली कविता की चूत में डाल दिया।


वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आउचह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह सिस्कारिया देने लगी।


फिर मैंने कविता को बिल्कुल नंगा कर दिया, और देसी स्टाइल में कविता की दो जोड़ी पैर के बीच या गया।


फिर मैंने मेरे लंड की टोपी कविता की चूत की छेद में सेट किया, कविता उत्तेजना में उठ उठ के मेरा लंड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी।


फिर मैंने कविता को पकड़ के मेरी धक्का दिया, और पोक्कच करके मेरा लंड कविता की चूत में समा गया।


कविता औउउउउहह अह्ह्ह्ह करके मुझे जोर से पकड़ लिया और अपनी तरफ जोर से खींचने लगी।


अब मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाल के फिर एक झटका मारा और तो कविता इस बार पागलों की तरह बोलने लगी  “जल्दी पूरा अन्दर करदो, अह्ह्ह्ह चोदो मुझे खूब चोदो अह्ह्ह्हह्ह चोद चोद के मेरी प्यास बुझादो”


मैं और जोर से छोड़ने लगा वो बोली “मुझे रंडी बनालो अपनी, अह्ह्ह्ह उउउउह्ह्ह, आज मेरी चूत की प्यास बुझा दो, और मत तड़पाओ चोदो मुझे खूब चोदो चोद चोद के मुझे औरत बनादो!”


कविता की मुँह से ये सब सुन कर मैं जोश में आ गया और जम कर चुदाई करने लगा।


पोछ्ह्ह फॉस्स्स पोचाअत साउंड से घर भर गया, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओ यस्स्स्स्स्स फक मी चोदो मुझे।


मैं जोर जोर से चोदने लगा, अचानक कविता की चूत में बहुत गरम गरम महसूस हो रहा था और ढेर सारा रस निकल रही थी, कविता झड़ गई थी, अब कविता शांत हो गई। मैं चुदाई जारी रखा।


फिर कविता ने बोला मेरी गांड में कौन डालेगा, आज मैं बहुत प्यासी हूं, मेरी गांड चोदो!


फिर कविता घोड़ी बनी और मैंने पीछे से कविता की गांड में लंड घुसा दिया।


कविता की वीर्य रस से मेरा लंड गीला हो गया था इसलिए एक ही झटके में पूरा लंड कविता की टाइट गांड में घुस गया।


कविता चिल्लाने लगी दर्द के मारे “अह्ह्ह्ह उईई माआआआ अह्ह्ह्हह्ह फाड़ गई मेरी चूत अह्ह्ह्ह, क्या मस्त लंड है तेरी भाई! चोद गांड फाड़ दे मेरी, चोद चोद कर फैला दे मेरी गांड को, बहुत दिनों के बाद मुझे लंड मिला अह्ह्ह्हह्ह!”


मैं कविता की गांड खूब चोदा, फिर मैं झड़ने वाला था, मैंने बोला कविता गांड में ही झड़ दू?


कविता बोली नहीं, आ जा चुत में फिर, मैं कविता के ऊपर चढ़ा, कविता ने अपनी चूत को फैला दी।


मैंने कविता के चुत के बीच एक जोर से धक्का मारा।


फिर कविता अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह क्या मस्त गरम माल है। 


आज मुझे दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी मिल गई, सबसे ज्यादा मस्त लंड से चुदाई मिली, अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह।


मेरे लंड के पानी से कविता की चूत भर गई, फिर मैं शांत हो गया और कविता की चूत से लंड को निकला।


कविता ने कहा लंड का गरम माल जब चूत में पड़ती है, तो बहुत सुकून मिलती है बुद्धू, फिर हम दोनों नंगे सो गए। 


उस रात के बाद रोज रात हमारी चुदाई चलती है, अब कविता बहुत खुश है और मैं, दिन में मौका मिलता है तो उसके साथ सेक्स करता हूं! 


दोस्तों तो कैसी लगी मेरी पड़ोसन की चुदाई कहानी कमेन्ट करके जरूर बताना। 


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