सहेली की चुदाई के लिए की कॉल बॉय का जुगाड़ 02

Bhabhi Family Sex : आपने इस कहानी के भाग "सहेली की चुदाई के लिए की कॉल बॉय का जुगाड़!" में पढ़ा की कैसे रीमा उस दिन Antarvasna से अपनी चुत मेरे से गीली करवा चुकी थी अब इस Call Boy Sex Story में पढ़िए की भाभी की हालत खराब कैसे हुई जब मैने उसकी चुदाई एक मोटे लन्ड वाले Call Boy से करवाई।


आधी रात हो चुकी थी। हमारे पूरे घर में सन्नाटा था, सिर्फ़ दीवार घड़ी की टिक-टिक कर रही थी और बाहर कुत्तों के भौंकने की आवाज़ गूंज रही थी । 


मेरी सासू भी माँ सो चुकी थीं, उनका मेरे कमरे से काफी कमरा अलग था। मैंने कॉल कर के रीमा को अपने बेडरूम में बुला लिया था। 


वो अभी भी वही लाल सलवार सूट पहने थी जो मूवी में पहना था, पर अब उसकी आँखों में वो शर्म नहीं थी, उसकी आंखों में अब हवस भरी चुदाई की सिर्फ़ भूख थी… एक ऐसी भूख जो न जाने कब से दबी हुई थी।


उस चुदक्कड़ को अंदर खींचकर मैंने दरवाज़ा अंदर से लॉक करा और हाशमी को मैसेज किया – "आ जा कुत्ते, माल तैयार है।"


पाँच मिनट बाद हाशमी चुपके से छत से कूदता हुआ ऊपर से अंदर घुस आया। उसने काली टी-शर्ट और लोअर पहना था, बदन पर वही चॉकलेट की खूशबू थी जो अब मेरा दिमाग घूम रही थी।  ये Antarvasna Threesome Sex Story आप GaramKahani.com पर पढ़ रहे है।


कुत्ते हाशमी उसकी आँखें रीमा को देखकर चमक उठीं। रीमा भी बेड पर बैठी थी वो उसे घूर रही थी, उसकी साँसें तेज़ थीं, चुन्नी सरक कर कंधे पर लटक रही थी, उसके 36 के मम्मे ऊपर-नीचे हो रहे थे।


मैंने मुस्कुरा कर कहा, "हाशमी… आज तू मेरा नहीं, रीमा का है। पूरी रात इसकी चूत और दिल दोनों को ठंडक दे दे।


मैं सिर्फ़ देखूँगी और बताऊँगी कि ये रंडी कितनी गरम है।" आज इसकी चुदाई की वीडियो बनाऊंगी मैं और इसे दिखाऊंगी इसकी असलियत।


हाशमी ने हल्के से सिर हिलाया और रीमा के पास बेड पर बैठ गया। रीमा ने शरमाते हुए आँखें नीची कर लीं। हाशमी ने बहुत प्यार से उसका चेहरा ऊपर उठाया और कहा, "रीमा… डर मत, मेरी जान अब हममें कैसी शर्म। 


मैं तुझे वो सुख दूँगा जो तेरा पति नहीं दे पाया। बस मुझे अपना बना ले, मुझे मौका दे।" उसने रीमा के गाल पर हल्का सा किस किया। रीमा की साँसें और तेज़ हो गईं। 


मैं बेड के कोने पर बैठ गई, अपनी नाइटी ऊपर चढ़ा कर अपनी चूत सहलाने लगी मुझे भी रीमा के जिस्म को देखकर उसे चोदने का मन हुआ काश मेरे पास भी लन्ड होता तो आज इसकी चूत मैं फाड़ती। 


मेरी चूत पहले से ही गीली थी, आज मैं सिर्फ़ देखने वाली थी, पर मेरा बदन भी चुदाई की आग में जल रहा था। हाशमी ने धीरे-धीरे रीमा की चुन्नी उतारी। फिर उसकी सलवार का नाड़ा खींचा। 


रीमा ने कुछ नहीं कहा, बस आँखें बंद कर ली और एक एक पल को महसूस करने लगी। उसकी सलवार नीचे सरक गई, उसकी काली वी-शेप पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी, चूत के दाने के नज़ारे साफ़ दिख रहे थे। 


हाशमी ने अपना हाथ रीमा की जाँघों पर फेरा, वो ऊपर-ऊपर से उसे छूकर तड़पा रहा था… फिर वो पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा।


साली रीमा की मुँह से पहली सिसकारी निकली, "आआह्ह… हाशमी… कितना अच्छा लग रहा है…"


हाशमी ने भी गरम होकर पैंटी एक झटके में नीचे खींच दी। रीमा की गुलाबी चूत बिल्कुल साफ़ थी, छोटे-छोटे बाल, फूली हुई फाँके, उसमें से गरमा गर्म रस टपक रहा था। 


हाशमी ने आगे बढ़कर अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और जीभ चूत के अंदर डाल दी।


रीमा अहो में सुबकने लगी "ओओओ माँ… आआआह्ह्ह… हाशमी… क्या कर रहा है… उउफ्फ्फ़… मर गई…!"  ये XXX Bhabhi, Call Boy se Chudai ki Kahani आप Garamkahani पर पढ़ रहे है।


रीमा का पूरा बदन हाशमी के छुने से काँप उठा था। वो हाशमी के सिर को जोर से चूत के छेद में दबाने लगी, उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे लन्ड की जगह पूरे हाशमी को ही अंदर ले लेगी आज।


 हाशमी की जीभ उसकी चूत में अंदर-बाहर होनी शुरू हुई, वो कुत्ते की तरह चूत के दाने को चूस रहा था, चप-चप की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी ये आवाज़ मेरी हवस भड़का रही थी।


मैंने भी अपनी नाइटी उतार दी, साथ में ब्रा-पैंटी भी मुझसे गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी लेकिन मुझे ये तड़प अच्छी लग रही थी। 


मेरे 38 के मम्मे हवा में लटक रहे थे। मैं अपनी उँगलियाँ चूत में डाल कर उन दोनों की रास लीला देख रही थी। मेरी चूत से भी हल्का हल्का पानी बह रहा था।


हाशमी ने फिर रीमा को लिटाया और उसका कुर्ता ऊपर उठा दिया। रीमा की काली ब्रा में उसके मम्मे फँसे हुए थे। हाशमी ने उसकी ब्रा का हुक खोला और उसके दोनों मम्मे आज़ाद हो गए। 


रीमा के गुलाबी निप्पल तने हुए थे। हाशमी ने एक मम्मा मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, वो दूसरे को हाथ से मसल रहा था। 


रीमा कामुक आवाज़ में तड़प रही थी, "आआह हाशमी… चूस… जोर से चूस मेरी जान… मेरे मम्मे फाड़ दे…मैं तेरी हूं आआह्ह… कितने दिन से कोई ऐसे नहीं चूसा…"


हाशमी ने फिर अपना लोअर उतारा। उसका 6.5 इंच का लौड़ा पूरी तरह तना हुआ था, उसका सुपारा लाल हो रहा था, उसकी नसें फूली हुई थी। रीमा ने उसे देखते ही अपना हाथ बढ़ाया और पकड़ लिया।


वो इठलाकर बोली "वाह हाशमी… कितना मोटा है तेरा लन्ड… मेरे पति का तो आधा भी नहीं… आह्ह… इसे मेरी चूत में डाल दे मेरी जान…अगर तूने मेरी प्यास अच्छे से बुझाई तो मैं अपनी चूत तेरे नाम कर दूंगी।"


हाशमी ने रीमा की टाँगें चौड़ी कीं और लौड़ा चूत के मुँह पर रगड़ने लगा। रीमा की कमर धीरे धीरे वासना से ऊपर उठ रही थी, "डाल ना… प्लीज़… अब नहीं सहा जाता…" रीमा तड़पकर बिनती करते हुए बोली।


हाशमी ने उसे एक जोर का धक्का मारा। उसका पूरा लौड़ा एक बार में अंदर चला गया।


"आआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह… माँ कसम… फट गई मेरी चूत… कुत्ते ओओओओ… कितना मोटा है, चोदने को बोला है साले जान से मारने को नहीं!" रीमा चीख पड़ी। हाशमी ने धीरे-धीरे चोदना उसे शुरू किया। हर धक्के में रीमा की चीखें कमरे में गूँज रही थीं। 


पछाक-पछाक-पछाक… लौड़ा चूत में अंदर-बाहर होता जाता… चूत से चर-चर की आवाज़ आती जाती… रीमा के मोटे मम्मे उछल रहे थे। हाशमी ने जोश में आते हुए अपनी स्पीड बढ़ा दी। ये Bhabhi Ki Hindi Sex Story आप GaramKahani.com पर पढ़ रहे हो।


रीमा को मज़ा आना शुरू हुआ तो बड़बड़ाने लगी "चोद… हाशमी अआह… जोर से चोद… फाड़ दे मेरी चूत ओऊहह्ह्ह… आज तक किसी ने नहीं चोदा ऐसे…आआह आआह्ह… मर गई…आआह मैने अपनी चूत तेरे नाम की ओह! आ रही हूँ…!"


रीमा का पहला ऑर्गेज़म आया। उसकी चूत से फव्वारे की तरह पानी निकला उसकी रस भरी छींटे मेरे ऊपर भी आई, हाशमी का लौड़ा पूरा भीग गया था। मगर हाशमी नहीं रुका, वो और तेज़ रीना की चूत चोदने लगा।


मैं अब खुद को रोक नहीं पाई। मैं भी बेड पर चढ़ गई और रीमा के मुँह के पास अपने मम्मे लटका दिए। रीमा ने किसी बच्चे की तरह मेरे निप्पल चूसने शुरू कर दिए। 


मैं हाशमी को देख कर बोली, "कुत्ते… मेरी सहेली को रंडी बना दे आज… पूरी रात चोद इसे…आज से हम दोनों तेरी रण्डी है और तू हमारा पालतू।"


हाशमी ने मुझे खुशी भरी आंखों से देखा उसने फिर रीमा को घोड़ी बनाया। रीमा जल्दी से गांड़ उठाकर घोड़ी बन कर खड़ी हो गई, 


उसकी 36 की गोल-गोल गांड हवा में लहरा रही थी। हाशमी ने पीछे से लौड़ा फिर उसके अंदर पेल दिया।


 मैने रीमा की गांड़ पर थप्पड़ मारे हाशमी ने भी थप्पड़ों से उसकी गाड़ पर तबला बजाया अब तो कमरा सिर्फ़ थप्पड़ों की आवाज़ से भर गया, रीमा की गांड़ लाल हो गई।


थप्प… थप्प… थप्प… हर धक्के में रीमा की गांड लाल हो रही थी। हाशमी उसकी गांड पर थप्पड़ मार रहा था, "ले रंडी… ले… कितने दिन से प्यासी थी ना… आज तेरी चूत की सारी प्यास बुझा दूँगा…"


रीमा जोरो से चिल्ला रही थी, "हाँ आगाह… मैं रंडी हूँ… तेरी रंडी आआह… रोज़ी की रण्डी हूं ओह चोद मुझे… फाड़ दे… आआआह्ह…मैं फिर आ रही हूँ…अआआह संभालो मुझे!"


उसका अब दूसरा ऑर्गेज़म आया… रीमा का बदन बुरी तरह काँप गया था वो बेड पर गिर पड़ी, मुझे उसकी फिक्र हुई।


 हाशमी ने उसे फिर सीधा किया और अपने लौड़े को उसके मुँह में बेदर्दी से ठूँस दिया, लेकिन रीमा पूरी चुदक्कड़ बनगई थी।


"चूस… रंडी… अपने चूत के रस वाला लौड़ा चूस…" वो बोला। रीमा ने जैसे भूखी शेरनी बनकर लौड़ा चूसना शुरू किया।


वो सालीपूरा लौड़ा गले तक ले जा रही थी, उसके ऊपर अपनी रस भरी लार टपका रही थी। हाशमी उसके बाल पकड़ कर मुँह चोद रहा था।


मैं अब हाशमी के पीछे चली गई। उसकी गांड पर जीभ फेरने लगी। हाशमी की साँसें तेज़ हो गईं। वो बोला, "रोज़ी… तू भी रंडी है… आज दोनों को साथ चोदूँगा।"


हाशमी ने रीमा को फिर लिटाया और लन्ड में ठरक भर कर मेरे ऊपर चढ़ गया। पहले उसने मेरी चूत में दो उँगलियाँ डाली, फिर अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे दिया। 


मैं जोर-जोर से उसे चूसने लगी। रीमा भी जोश में आ गई वो नीचे से मेरी चूत चाट रही थी। हम तीनों का 369 बन गया। कमरे में सिर्फ़ चूसने-चाटने की आवाज़ थी।


फिर हाशमी ने रीमा को फिर चोदा… इस बार तो बहुत ही देर तक चोदा। रीमा ने अपने चरमसुख में चार बार झड़ी। आखिर में हाशमी ने अपना माल रीमा के मम्मों पर छोड़ा। 


वो गाढ़ा-गाढ़ा वीर्य उसके मम्मों पर फैल गया। रीमा ने सारा माल उँगली से उठा-उठा कर चाट लिया।


हम लोगों को चुदाई का खेल खेलते हुए सुबह के 5 बज चुके थे। रीमा तो चुदाई के बाद हाशमी की बाहों में सोई थी वो उससे एक पल के लिए भी दूर होने को राजी नहीं थी, मैं अपनी दोस्त के लिए खुश थी मुझे उसके चेहरे पर सुकून था।


 मैंने खुशी से हाशमी को किस किया और बोली, "शाबाश मेरी जान… तूने मेरी सहेली का घर बचा लिया। अब ये और में तेरी रखैल है।"


हाशमी मुस्कुराया, "रोज़ी… तू तो मेरी रखैल है पहले से है ना?" मैंने उसका लौड़ा फिर पकड़ लिया, "हाँ… और हमेशा रहेगी… अब दोनों बहनें मिल कर तेरा लौड़ा चूसेंगी…रात भर तूने हमारी सेवा करी अब हम तेरी सेवा करेंगी।"


रीमा की आँख खुली, उसने मुस्कुरा कर कहा, "रोज़ी… थैंक यू… आज पहली बार मुझे लगा कि मैं औरत हूँ, मुझे मेरा प्यार मिल गया। हाशमी… अब से तू मेरा पति है… जब चाहे चोदना, मैं तैयार हूँ।"  


फिर हम तीनों फिर सो गए, नंगे… एक दूसरे से लिपट कर। हमारा रिश्ता आज भी कायम है रीमा अपने घर में खुश है हाशमी ने उसकी गोद में एक सुंदर सा बेटा भी दिया है जो बिल्कुल हाशमी जैसा है।


ये कहानी आप सभी को कैसी लगी मुझे कॉमेंट करके व hashmilion5@gmail.com पर मेल कर के ज़रूर बताना।


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📝 Comments :

Loda jitna lmba n tagda utna hi jyada sukh bhosde ko milta hai.

House wife hu
Figar 36 32 36
Koi h jo meri chut ka pani nikal de
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