बस के सफर में सेक्सी पुलिस वाली को चोदा

Antarvasana Hindi Sex Story : कैसे मुझे बस के सफर में एक सेक्सी पुलिस वाली को चुदाई के लिए उसकी Antarvasa जगा कर उसकी चुत चुदाई करने का मौका मिला! 


तो क्या हाल चाल है मेरे दोस्तों? आप सभी का स्वागत है Garamkahani की कामुक दुनिया में!


तो आइए आप लोगो की कामुकता को बढ़ाते हुए उस इच्छा की तरफ लेकर चलता हूं। जो कम से कम एक बार तो हर किसी के मन में आई होती है।


ये किस्सा तब का है जब मैं अपने गांव एक रिश्तेदार की शादी में जा रहा था। 


मेरे जिन पाठकों ने रिम्मी दीदी की चुदाई वाली मेरी कहानी पढ़ी है वो जानते है मैं कब की बात कर रहा हूं, जो लोग नहीं पढ़ पाए उनको प्यार भरी सलाह है कि इस कहानी के बाद उसे भी ज़रूर पढ़े। 


तो हुए कुछ ऐसा की मैं अपने गांव जाने के लिए बस में बैठा अपने लिए थोड़ा बहुत खाने पीने का सामान लिया और बस की सीट पर आकर सुस्ताने लगा।


कुछ पन्द्रह मिनिट मुझे बैठे हुए होंगे जब बस आगे बढ़ी। बस के आगे बढ़ते ही उसे एक झटका लगा और वोह रुक गई। सबने कंडक्टर को गालियों भरी नज़र से देखा इतने में एक पुलिस वाली मैडम बस में चढ़ी।


मेरी वैसे पुलिस को देखकर थोड़ा फट्टी है हालांकि कभी मेरा पुलिस से कोई पंगा नहीं रहा है और जब भी किसी ऑफिसर से मेरी बात हुई है वो एक खुशनुमा बात चीत थी।


लेकिन फिर भी मैं थोड़ा कम ही बात करना चाहता हूं पुलिस वालों से।


वो मैडम जी घर के कपड़ो में थी लेकिन उन्होंने एक हल्की यूनिफॉर्म जर्सी, फिर भी अपने ऊपर डाल रखी थी मेरे घर में कुछ लोग पुलिस डिपार्टमेंट में है तो मैं पहचान लेता हूं कि किस के जूते कैसे है।


वो मैडम जी मेरे बगल में विंडो सीट पर आकर बैठ गई, जब वो मेरे बराबर में बैठी तो बड़ी ही प्यारी खुशबू उसके पास से मुझे आई।


मैने अपना चेहरा उसकी तरफ करा, वाह! क्या सूरत थी आँख के नीचे हल्का सा तिल उफ्फफ!  वो गोरी मैडम, उनके चमकते गुलाबी होंठ भरे भरे नर्म गाल, उसके बाल धूप की रोशनी में सुनहरे रंग में चमक रहे थे।


अभी तक उसने मेरी तरफ नज़र नहीं की थी।


जर्सी में से बाहर भागते उसके चूंचे देखकर मेरी आग भड़कने लगी। 


उसने शायद जर्सी के अंदर सिर्फ ब्रा पहनी थी क्योंकि मुझे उसका पेट अच्छे से पहचान में आ रहा था।


पेट से मैं नीचे उतरा तो मस्त गोल मटोल गांड़ नीली लेगिंग्स से साफ दिख रही थी। ऐसा लगता था मानो वो उसकी असली गांड़ है और उसपर नीला रंग करा रखा है।


बस थोड़ा आगे चली तो उसने मुझे देखकर समय पूछा, मैने फोन में देखकर उसे बताया तो उसने मुझे अपना छोटा सा nokia का फोन पकड़ा कर कहा “समय ठीक कर दोगे क्या इसका ?


मैने फोन लेकर उसमें टाइम सेट कर दिया। मैने उसके हुस्न का नज़ारा लिया तो मेरा डर खत्म हो गया। दिमाग पर कामुकता, वासना अगर चढ़ी हो तो दूसरा कोई एहसास महसूस नहीं होता ये बात मैने उस पल जानी।


मैने उससे पूछा “आपकी पोस्टिंग कहा पर है मैडम”। वो बोली के मेरी पोस्टिंग इस बार कामगनी गांव में है।


कुछ देर हम यूंही बाते करते रहे, सफर लंबा था एक एक कर के सब सोते चले गए, सिर्फ मैं, वो मैडम और ड्राइवर और उसकी सीट पर कंडक्टर जगे हुए थे।


हमारी वाली सीट सबसे पीछे वाली से दो सीट आगे थी, मैं उस समय एक सेक्स कहानी लिख रहा था तो मेडम ने मेरे फोन में थोड़ा सा पढ़ लिया ।


उसने पूंछा के “ये क्या लिख रहे हो तुम”।


मैने थोड़ा घबराते हुए कहा “मैं इंसानी जज़्बातों को कहानियों में पिरोता हूं बस।”


उसने ऐतराज़ वाली नज़रे मुझ पर डालते हुए कहा “शर्म नहीं आती तुमको, ये अश्लील हरकते करते हो।” 


मैने जवाब दे दिया “अगर ये कहानियां आपको अश्लील लगती है तो यानी आप में इंसान वाले जज़्बातों की कमी है!”


“जानवर अपनी ज़रूरत के लिए सेक्स करते है लेकिन इंसान इस ज़रूरत को एक खूबसूरत तरीके का रूप देते है, मैं बस उस रूप को शब्दों में बयान करने का काम करता हूं”।


वो कुछ सोचने लगी फिर मुझसे कहानी पढ़ने के लिए मांगी, मेरे दिमाग ने सोचा के आज कुछ तो होगा।


वो कहानी पढ़ने लगी, मैं उसके चेहरे को गौर से देखने लगा, उनका सीना सांसों को तेज़ी से अंदर बुलाने और बाहर भेजने लगा। ये XXX Desi Sex Chudai ki Kahani आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मुझे उसके सख्त चमकदार होठों से सांसे निकलती महसूस हो रही थी, उसकी वासना जागती हुई मैने अपनी आंखों से देखी।


मैने उसके होठों देखे उसने अपनी ज़बान से सूखे होठों को गिला किया फिर मेरी तरफ़ देखा।


उसकी नज़रों के जवाब में मैने भी अपने होठों के सूखेपन को गिला कर लिया। फिर उससे अपना फोन लिया।


उसकी सांस बहुत तेज़ थी, वो बार बार अपने हाथ गले के पीछे लेकर गर्दन सहला रही थी।


मैं उसे बस एक टक देखे जा रहा था, उसकी नज़रे मुझसे मिली तो उसने हल्की सी मुस्कान के साथ गुस्से में कहा “मेरे चेहरे पर कुछ लगा है, जो तुम घूरे जा रहे हो अश्लील इंसान!


मेरा डर अब उसके लिए निकल चुका था।


लेकिन फिर भी मुझे सतर्क तो रहना था इसलिए बहुत नर्मी से मैने जवाब दिया “आप दिखने में काफी अच्छी हो सुंदर हो, तो आपने पुलिस बनना ही क्यों चुना, आपके पास तो बहुत ऑफर रहे होंगे।”


वो शांत होते हुए बोली “हां! लेकिन मुझे पुलिस ही बनना पसंद था।”


बस में कुछ झटके लगे जिससे हम दोनों के हाथ एक के ऊपर एक आ गए।


उसका शायद ध्यान नहीं गया मगर मैने हाथ नहीं हटाया।


उसका हल्के से हाथ सहलाते हुए मैने पूछा “आपको कहानी कैसी लगी?” 


वो बोली “बकवास एक दम।” उसने अपना हाथ अभी भी नहीं हटाया और मुझे सहलाने दिया।


तो आपकी तबीयत ठीक नहीं है क्या ? पढ़ते पढ़ते आपकी सांसे भारी हो रही थी।”


वो बोली “तुमसे किसी ने कहा क्या, की मुझे इतनी गौर से देखो”।


मैं उससे थोड़ा ज़्यादा चिपक कर बैठ गया।


फिर बोला “इसमें मेरी क्या गलती आप हो ही इतनी प्यारी सी सुंदर सी, आपकी कही ड्यूटी लगती होगी तो लोग लड़कियों की जगह आपको देखते होंगे”।


इस बार वो हसीं मैने भी मौका मार कर उसकी उंगली पकड़ली और बिल्कुल चिपक कर बैठ गया।


मैं उसकी उंगली से हथेली तक हाथ सहलाता रहा। फिर उसने पूछा “कोई गर्ल फ्रेंड है तुम्हारी”।


मैने कह दिया की थी मगर उसकी शादी हो गई लॉकडाउन में, तब से कोई ऐसी मिली नहीं जो मुझे समझ सके।


अब उसने मेरी उंगलियों में थोड़ी अपनी उंगलियों को फंसा लिया मुझे याद आया अब तक मैने उसका नाम नहीं पूछा है तो मैने नाम पूछा।


उसने अपना नाम मुझे बताया लेकिन यहां आप अपनी पसंद से कोई भी नाम सोच लो क्योंकि हर किसी के दिल में एक नाम व चेहरा ज़रूर होगा।


मैने हिम्मत कर के अपना हाथ उसकी गोल गोल जांघों पर रख दिया और बाते करने लगा।


उसने मेरा हाथ महसूस करते हुए एक पल आंखे बंद की और हल्की !सईसस! सिसकारी निकाली।


मैं उसकी जांघ दबाने लगा वो अब मुझे राज़ी लगी। 


मैं धीरे धीरे अपने दूसरे हाथ से जांघ को सहला रहा था, वो उफ्फम! उफ्फ! की बहुत हल्की आवाज़ निकाल रही थी।


मेरा एक हाथ उसने अपनी उंगलियों में दबा रखा था, मैने दूसरे हाथ से उनके चूंची के पास निप्पल को सहलाना शुरू क्या, वो मुझे नहीं रोक रही थी। 


मेरा लन्ड भी अब तक तन कर तैयार था, मैने हाथ आगे बढ़ाकर उसका एक बूब पकड़ कर दबाया।


उसकी अआह निकल गई , भरे दिन में हम ये काम कर रहे थे वो भी बिना डरे।


मेरी सांसे तेज़ होने लगी, उसकी चूची को दबाते हुए मेरा दिल भी आहे भर रहा था।


मैने अपना हाथ उसकी लेगिंग्स पर रखकर चूत पर ले जाना चाहा , उसने अपना हाथ रखकर मुझे रोक लिया।


वो अपनी बड़ी बड़ी हरी रंग वाली आंखों से मेरी आंखों में देखने लगी, उसके होठों से निकलती गर्म सांसे माहौल को गर्म कर रही थी। ये Police Antarvasna Bus Chudai की कहानी आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मैने हाथ पर थोड़ा ज़ोर दिया और उसकी चूत को छू लिया, उसकी एक महकती सिसकारी मीठी सांसों से बाहर आई।


उसकी चूत की लकीर मुझे महसूस हुई उसने पैंटी नहीं पहनी थी।


वो मेरे हाथ को तेज़ी से दबाए जा रही थी कभी दबाती कभी सहलाती वो अब वासना की आग में पूरी जलने लगी थी।


गर्दन पर से उसका पसीना धूप से मोती जैसे चमक रहा था, मैने बहुत आराम आराम से उसकी चूत की लकीर को सहलाना शुरू किया।


कुछ दो मिनट सहलाते हुए मुझे चूत खुलती हुई मिली जैसे उंगली को अंदर बुलाने के लिए स्वागत कर रही हो। मेरी उंगली थोड़ी थोड़ी गीली हो गई थी।


मैडम जी ने मुझे रोका फिर हांफते हुए बोली “इंतज़ार करो आगे एक ढाबा आने वाला है बस आधा घंटा रुकेगी।” वही कमरे में चलेंगे।


मैं खुश हो गया, लेकिन मैडम जी को ठंडा नहीं होने देना चाहता था , इसलिए चूत सहलाना और बूब्स दबाना चालू रखा।


वो बस अपने होठ दबाए हमममम! मम्मम्! 


आह, सससईस! 


आवाज़ें निकालने लगी।


मैंने ढाबे को खिड़की से करीब आता देख, मैने अपना चेहरा उसके करीब करा और डरते डरते होठों के पास उसे चूमा और गर्दन पर किस कर के लौट आया।


उसने मुझे देखा उसकी आंखे अब लन्ड के लिए पियासी हो गई थी। वो अपने होठ काटने लगी।


बाहर ढाबे को देखकर उसने अपना समान एक तरफ रखा फिर मुझे पीछे पीछे आने का बोल कर बस से बाहर उतरने के लिए आगे बढ़ गई।


बस के ढाबे पर रुकते ही मैडम जी उतरी और वो अंदर मालिक के कैबिन में गई ,पता नहीं उसने क्या बात की लेकिन मालिक ने मुझे काफी हैरानी से देखा।


मैं उसके पीछे पीछे कैबिन में गया, वो मेरी तरफ पीठ किए हुए थी। अंदर जाकर उसने मुझे देखा और कैबिन बंद करने को कहा।


मैने दरवाज़ा बंद किया और उसके पास आकर खड़ा हो गया। मैडम ने अपनी बाहे मेरे गले में बांधी। मेरे शर्ट के बटन खोलते खोलते वो पेंट की ज़िप तक पहुंची।


मैने किस करने के लिए चेहरा आगे करा मगर उसने होठों पर उंगली रखकर मुझे रोक लिया।


उसने मेरे लन्ड को दबाया “चल देखती हूं कितने मज़बूत जज़्बात है तेरे।” ये कहते हुए वो पीछे टेबल पर बैठी फिर मुझे अपने पास खींचकर लन्ड को चूत पर मारा।


हमारे पास समय कम था, मैने जल्दी से उसकी लेगिंग उतारी और अपनी पेंट घुटनों तक ली। उसकी गांड़ एक दम गोल थी बिल्कुल किसी गेंद की तरह।


उसने अपने हाथ मेरी पीठ पर रखे एक हाथ से मेरे बाल अपनी तरफ खींचे और अपने होठ मेरे होठों में दबा लिए।


हम तेज़ी से एक दूसरे के होठ चूस रहे थे। मैने अपने हाथ उसकी गांड़ पर लगाए और ज़ोर से दबाए।


मेरा लन्ड अब बिल्कुल सख्त खड़ा हो चुका था, मैने समय न गवाते हुए उसकी चूत में अपना 6.5 इंच का लन्ड उतार दिया।


हम बेधड़क चुम्मा चाटी में लगे पड़े थे। उसकी कम से कम 32 की चूची मेरे हाथ में थी मैं ज़ोर से उसे गूंध रहा था।


वो अपनी निकलती आवाज़ रोकने के कोशिश में थी फिर भी,


अआह! आह! आआ! बहुत अच्छे।


जैसी आवाज़ हल्की हल्की मुझे सुनाई दे रही थी।


मैने उसकी जर्सी और ब्रा निकालदी उसकी मस्त गोरी चूची पर काले निप्पल देखकर मेरी आग भड़क गई मैने हमारी xxx चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी।


उसकी तेज अआह ! आह उह ! 


साले धीरे कर ! आह आआह!


की आवाज़ कैबिन में आती देख मैने उसके मुंह में अपनी ज़बान दे दी वो मस्त होकर मुझे चूसने लगी।


एक हाथ मैने उसके मोटे चूंचे पर रखा और रगड़ने लगा।


चुदाई करते करते बीस मिनट हो गए थे। बस के निकलने की आवाज़ें आने लगीं थी।


वो बोली “साले बस कर आह! आज ही फाड़ देगा क्या!”


आह ओह! हमममम! आह 


मज़ा आ गया आह! आगाह! उनके मज़े की हद नहीं थी,


ऑफ अयूफ आह!


हम दोनों पसीने में तर थे। मेरा मन उसकी गांड़ मारने को करा लेकिन उसने देरी की वजह से मना कर दिया।


कुछ और तेज़ झटको के बाद वो झड़ गई। 


झड़ते हुए उसकी आराम दायक आअआआअह! ओह! मम! निकली उसने मेरी कमर पर टांगे फांस कर मुझे गले लगाया।


भूखी शेरनी के जैसे उसने मेरे होठ बड़े प्यार से चूसे।


कुछ 2 मिनट होठ चूसकर वो टेबल से उतरी और मेरा लन्ड चूसने लगी। उसने अपनी ही चूत का रस मेरे लन्ड से चाट चाट कर साफ किया।


उसी दौरान मैं भी एक मीठी आआह! के साथ उसके मुंह में ही झड़ गया।


मैने उसकी गर्दन लन्ड में दबाली और गले तक लन्ड की पिचकारी पहुंचाई।


वो बस घुग्घू घाघ! कर के रह गई। जब मेरी पकड़ हल्की हुई तो मेडम जी ने कैबिन की टेबल के पीछे सारे रस की उल्टी कर दी।


मैं थोड़ा मुस्कुराया वो भी मुझे देखकर हसी।


बस निकलने में सिर्फ 5 मिनट थे हमने जल्दी जल्दी कपड़े ठीक करे।


बाहर आते समय मेरा हाथ उसकी गांड़ को दबा रहा था, हम अपनी सीट पर आए तो सब जगे हुए थे पूरे रास्ते न में बोला न वो बोली हम दोनों सिर्फ हाथ पकड़े बैठे रहे।


उसने अपना नंबर देने से मना कर दिया लेकिन मेरा नंबर लेकर बोली के हम दोबारा ज़रूर मिलेंगे।


यह Police Sex Story कैसी लगी रिएक्शन बटन और कॉमेंट करके जरूर बताना, साथ ही आप hashmilion5@gmail.com पर मेल कर के भी मुझे बता सकते है। 


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📝 Comments :

Osm story yaar aishi koi pyar ki pyashi h kya gurgaon near Delhi se pls msg me on telegram JAIJAI91

Very nice