भाई बहन के चुदाई भरे योग आसन!

ये Family Incest Sex Story दो Bhai Bahan के बारे में है जिसमें उन्होंने ने मिलकर सर्द मौसम को अपनी चुदाई के अलग अलग आसनों की गर्मी से गरमा दिया जानिए ये चुदाई का रिश्ता कैसे पनपा!


मेरे प्यारे भाई-बहनों, सुनो ये कहानी गुजरात के एक छोटे से गांव की है। गांव का नाम है कच्छ का कटोरा, जहां सर्दी के दिनों में हवा ऐसी चलती है कि हड्डियां तक कांप जाती हैं।


यहां की ठंड में आदमी क्या, जानवर भी एक-दूसरे से चिपक कर सोते हैं। ये कहानी है नरेंद्र और उसकी बहन रेखा की। रेखा 22 साल की जवान लड़की है।


उसकी गोरी-चिट्टी चमड़ी ऐसी लगती के, जैसे दूध में नहाई हो। उसका जिस्म 34-28-36 का था उसके बड़े-बड़े मम्मे जो किसी भी मर्द को पागल कर दें, 


उसकी पतली कमर और चौड़ी गांड जो चलते वक्त मटकती है। गांव की लड़कियां उससे जलती हैं, कहती हैं कि रेखा तो शहर की हीरोइन जैसी है और नरेंद्र, 


उसका छोटा भाई, जो 20 साल का जवान लड़का है व गांव में खेतों में काम करता है, इसलिए बदन मजबूत, चौड़ा सीना, लंबी-चौड़ी बाहें है।


 नीचे 7 इंच का लंबा, 2.5 इंच मोटा लन्ड है जो किसी भी औरत की चूत को फाड़ दे। दोनों भाई-बहन एक ही घर में रहते हैं अपने मां-बाप के साथ। लेकिन सर्दी की वो रातें, 


जब ठंड इतनी पड़ती है कि रजाई भी कम पड़ जाती है, वो सर्दी दोनों भाई बहन को करीब ला देती हैं।ऐसा ही एक सर्दी का मौसम था, नवंबर का महीना। गांव में दिन भर धूप निकलती थी।ये Behan Bhai Ki Sex Story आप Garam Kahani पर पढ़ रहे है।


 लेकिन रात होते-होते हवा ऐसी ठंडी हो जाती कि शरीर सुन्न पड़ जाता। मां-बाप को एक बार किसी रिश्तेदार की शादी में जाना पड़ा, वो भी एक हफ्ते के लिए दोनों को अकेले छोड़ कर चले गए। 


घर में सिर्फ नरेंद्र और रेखा अकेले रह गए। रेखा का काम घर संभालना था, खाना बनाना, जानवरों को चारा देना। नरेंद्र दिन भर खेत में काम करता, शाम को थक कर घर आता। 


पहली रात ही ठंड ने दोनों को परेशान कर दिया। रेखा ने कहा, "भाई, आज ठंड बहुत है,रजाई में भी कंपकंपी लग रही है।"नरेंद्र ने हंस कर कहा, "दीदी, गांव की ठंड तो ऐसी ही है, आदमी को एक-दूसरे की गर्मी चाहिए।" 


वो मजाक में कह रहा था, लेकिन रेखा के मन में ये सुनकर कुछ हलचल हुई। रेखा को चुदाई का शौक था, स्कूल के दिनों से ही। वो चुपके से गांव के लड़कों को देखती और तेल लगाकर , 


अपनी चूत सहलाती लेकिन अपने सगे भाई के बारे में कभी नहीं सोचा था।रात को दोनों अलग-अलग कमरों में सोए। लेकिन आधी रात को रेखा की नींद टूट गई।


ठंड से उसके दांत किटकिटा रहे थे। वो बिस्तर से उठी, अपने भड़कीले जिस्म पर रजाई लपेटी और नरेंद्र के कमरे में चली गई।


 "भाई, मुझे ठंड लग रही है, तेरे पास सो जाऊं?" नरेंद्र नींद में था, लेकिन बहन की आवाज़ से जाग गया। "आ जा दीदी, यहां जगह है।" दोनों भाई बहन एक ही रजाई में लेट गए। 


शुरू में रेखा की पीठ नरेंद्र की तरफ थी। लेकिन ठंड से बचने के लिए वो पीछे सरकती गई और उसकी गांड नरेंद्र के लन्ड से टच हो गई।नरेंद्र का लन्ड सुबह-सुबह हमेशा खड़ा होता था, लेकिन अब ठंड में भी सख्त होने लगा। 


रेखा ने अपने छोटे भाई का लन्ड महसूस किया, लेकिन कुछ नहीं कहा। वो सोच रही थी, "भाई का लन्ड कितना बड़ा लग रहा है, मेरी गांड में गड़ रहा है, पता नहीं दिखने में कैसा होगा।" 


नरेंद्र भी अपनी दीदी के जिस्म को करीब पाकर गर्म हो रहा था, लेकिन डर से कुछ नहीं कर रहा था। सुबह दोनों उठे तो बिल्कुल नॉर्मल थे, जैसे कुछ हुआ ही न हो।दूसरी रात फिर वैसी ही ठंड थी। इस बार रेखा पहले से अपने भाई के लिए तैयार थी। 


वो नहाने गई, वो बाथरूम में नंगी होकर नहा रही थी। गांव का बाथरूम पुराना था तो दरवाजे में झिरी थी। नरेंद्र बाहर से पानी भर रहा था, तभी उसकी नजर झिरी पर पड़ी। 


अंदर रेखा नंगी खड़ी थी, उसके गोरे जिस्म पर पानी बह रहा था। उसके मम्मे बड़े-बड़े थे, गुलाबी निप्पल सख्त होकर तने हुए थे। उसकी चूत पर हल्के बाल थे, उसकी चूत के गुलाबी फांकें चमक रही थीं। ये Family Antarvasna Incest Sex Stories आप Garam Kahani पर पढ़ रहे हो।


उसकी गांड इतनी चौड़ी थी की नरेंद्र का लन्ड पैंट में तन गया। वो चुपके से देखता रहा और अपना लन्ड सहलाने लगा। रेखा को शक हुआ, लेकिन वो मुस्कुराई। 


उसने सोचा "भाई है, देख ले, क्या फर्क पड़ता है।" वो जानबूझ कर अपनी चूत पर साबुन लगाने लगी, फिर उंगली अंदर-बाहर करने लगी। नरेंद्र बाहर खड़ा मुठ मारने लगा, लेकिन अचानक रुक गया।


शाम को रेखा खाना बना रही थी। नरेंद्र काम से आया, वो थका हुआ था। "दीदी, आज ठंड और बढ़ गई है।" रेखा ने कहा, "हां भाई, रात को फिर साथ सोएंगे।" 


रात को दोनों लोग फिर आए एक रजाई में। इस बार रेखा अपने भाई की तरफ मुंह करके लेटी। ठंड से वो नरेंद्र से चिपक गई। उसके मम्मे नरेंद्र की छाती पर दबे जा रहे थे।


 नरेंद्र का लन्ड रेखा की जांघों के बीच गड़ने लगा तो रेखा की सांस तेज हो गई। "भाई, तेरी गर्मी अच्छी लग रही है।" नरेंद्र ने हिम्मत करके अपना हाथ रेखा की कमर पर रखा। 


रेखा भी पीछे नहीं हटी। धीरे-धीरे उसका हाथ ऊपर सरका धीरे धीरे वो मम्मे पर आ गया। रेखा की आह! निकली, "ओह! भाई, क्या कर रहा है?" 


लेकिन वो रुकी नहीं। नरेंद्र ने चूंची को दबाया, निप्पल को मींजा। रेखा भी फिर गर्म हो गई औरअपनी चूत सहलाने लगी। नरेंद्र का लन्ड पैंट फाड़ने को तैयार था।


अगली सुबह रेखा अकेली थी। ठंड भी कम थी, लेकिन उसकी ठरक बढ़ गई थी। वो बेड पर लेटी, उसने अपनी पैंटी उतारी और चूत रगड़ने लगी। उसकी चूत गुलाबी, रस से भीगी हुई थी। 


उसने उंगली अंदर डाली, रेखा आहें भरने लगी। तभी नरेंद्र कमरे में आ गया, दरवाजा खुला था। वो नज़ारा देखने रुक गया, वो खामोशी से रेखा की नंगी चूत देखता रहा। रेखा ने देखा, लेकिन रुकी नहीं। 


वो टांगें फैलाईं अपने भाई को चूत के दर्शन दे रही थी, उसने मज़े से चूत दिखाई।रेखा बोली "भाई, देख ले, तेरी बहन की चूत कितनी गर्म है।" नरेंद्र का भी लन्ड तन गया। 


वो पास आया,उसने अपना लन्ड निकाला। वो 7 इंच लंबा, मोटा था, उसका सुपारा पूरा लाल था। वो बहन की चूत देखकर मुठ मारने लगा। रेखा भी देखती रही, अपनी चूत रगड़ती रही। 


दोनों की नजरें मिलीं, दोनों की आंखों में वासना भरी थी। नरेंद्र ने मुठ मार कर वीर्य रेखा की जांघों पर गिरा दिया।रेखा मुस्कुराई, "भाई, कितना गर्म है तेरा माल।"


अब दोनों में शर्म कम हो गई थी। मां-बाप अभी नहीं लौट ने थे। चौथी रात ठंड और तेज थी।ये Badi Didi Ki Chudai Ki Kahani आप Garam Kahani पर पढ़ रहे है।


दोनों एक कमरे में थे। रेखा ने कहा, "भाई, आज नंगी सोएंगे, गर्मी ज्यादा मिलेगी।" नरेंद्र भी सहमत हो गया। दोनों ने कपड़े उतारे। रेखा का नंगा जिस्म चमक रहा था, गोरा बदन, बड़े मम्मे, गुलाबी निप्पल, पतली कमर, चौड़ी गांड, गुलाबी चूत और नरेंद्र का मजबूत बदन, चौड़ा सीना, मसल्स व बड़ा लन्ड। 


दोनों बहन भाई रजाई में घुसे, और एक दूसरे के नंगे जिस्म से चिपक गए। नरेंद्र का लन्ड रेखा की चूत पर रगड़ने लगा। रेखा ने उसे पकड़ा, सहलाया। 


"भाई, तेरा लन्ड कितना मोटा है, मेरी चूत फाड़ देगा।" नरेंद्र ने उसके मम्मे चूसे फिर निप्पल काटे। 


रेखा उफ्फ! ओहद्ह भाई! ओहद्ह! आहें भरने लगी, "आह भाई, चूस ले मेरे मम्मे, काट ले।"नरेंद्र थोड़ा नीचे सरका, नीचे जाकर रेखा की चूत चाटने लगा। जीभ भी अंदर डाली, दाने को भी चूसा। 


रेखा चिल्लाई, "आह! भाई, चाट मेरी चूत, पी ले मेरा रस।" रेखा इतने में झड़ गई, उसका रस निकला रस को नरेंद्र ने पिया। फिर रेखा ने नरेंद्र का लन्ड मुंह में लिया, उसने भाई के लन्ड को चूसा जैसे कोई लॉलीपॉप।


 "भाई, तेरा लन्ड कितना स्वादिष्ट है।" नरेंद्र ने उसके बाल पकड़े, और मुंह में तेज़ी से चोदा। फिर वो बोला, "दीदी, अब चोदूं तुझे।" रेखा ने भी कसमसा कर टांगें फैलाई, "हां भाई, घुसा दे अपना लन्ड मेरी चूत में।"


नरेंद्र ने मिशनरी पोजिशन में लन्ड सेट किया। सुपारा चूत की फांकों पर रगड़ा, फिर धक्का मारा। आधा लन्ड अंदर गया, रेखा ज़ोर से चीखी, "आहअआआह ! भाई, फट गई मेरी चूत, ओंह्ह्ह!।" 


नरेंद्र ने फिर धक्का देकर पूरा घुसाया, और दबाकर चोदने लगा। वो जोर-जोर से धक्के लगा कर, मम्मे मसलते हुए अपनी बहन को पेलने लगा।


 रेखा की गांड गेंद की तरह उछल रही थी। वो बहकाती हुए बोली "चोद भाई, जोर से चोद! आगाहहमममम, आह्ह्य!, फाड़ दे मेरी चूत।" नरेंद्र ने भी स्पीड बढ़ाई, उसने अपनी बड़ी बहन को 10 मिनट चोदा।


 रेखा तब तक दो बार झड़ी। फिर उसने पोजिशन बदली, और डॉगी स्टाइल बनाया। रेखा घुटनों पर आई, गांड ऊपर करी। नरेंद्र ने पीछे से लन्ड घुसाया, उसने बहन की गांड पकड़ी, फिर जम कर धक्के मारे। 


आह "दीदी, तेरी गांड कितनी मस्त है, मस्त मटक रही है।" रेखा बोली, "हां भाई, चोद मेरी चूत, ओंह्ह्ह थप्पड़ मार गांड पर।"  ये Family में Bhai Behan ki Antarvasna Desi XXX Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे हो।


नरेंद्र ने थप्पड़ मारे उसने मार मार लाल कर दी बहन की गांड। उसने चोदते-चोदते लन्ड निकाला फिर रेखा की गांड की दरार में रगड़ा। 


वो बोला "दीदी, गांड मारूं?" रेखा डरी, "नहीं भाई, पहले चूत ही फाड़।" उसने डरते हुए बोला।फिर वो काउगर्ल पोजिशन में आई। रेखा ऊपर बैठी, लन्ड चूत में लिया और घोड़े की तरह लोड़े की सवारी करते हुए उछलने लगी। 


उसके मम्मे उछल रहे थे, नरेंद्र ने उन्हें कसकर पकड़े, फिर ज़ोर से मसले। "दीदी, तेरे मम्मे कितने बहुत बड़े हैं। " रेखा इठलाते हुए बोली, "चूस भाई, पी ले मेरा दूध।" 


रेखा उछलती रही, चूत लन्ड पर रगड़ती रही। फिर रिवर्स काउगर्ल बनी, उसने गांड नरेंद्र की तरफ करी। नरेंद्र ने बहन की गांड फैलाई, चूत चोदते हुए उसने अपनी उंगली गांड में डाली। 


रेखा एकदम चिल्लाई, "आह भाई, गांड में उंगली करदी तूने, मजा आ रहा है, अआआह! हरामी है तू!"


नरेंद्र उंगली अंदर-बाहर कर के चोदता रहा। रेखा फिर से झड़ी, फिर दोनों 69 पोजिशन में आए। रेखा अब भी ऊपर थी चूत नरेंद्र के मुंह पर, लन्ड मुंह में लिए चरमसुख ले रही थी। 


दोनों एक दूसरे को चाटते-चूसते सर्द रात को गर्मी देते रहे।नरेंद्र जीभ से चूत चोद रहा था, रेखा लन्ड गले तक ले रही थी। "भाई, तेरे लन्ड का स्वाद चूत के रस से मिल कर और अच्छा हो गया।" 


फिर नरेंद्र ने रेखा को दीवार से सटाया और स्टैंडिंग पोजिशन बनाई। उसने ऐसे ही लन्ड घुसाया, उसे गोद में उठा कर चोदा। 


रेखा की टांगें हवा में थी, उसकी चूत फट रही थी। "भाई, जोर से,आआह ओह भाई उम्म्म्हन्हं मैं तेरी रंडी हूं।"


 नरेंद्र ने अब पूरे 5 मिनट चोदा, फिर उसने अपनी बहन को सोफे पर बिठाया, अब उसने स्पूनिंग पोजिशन ली। 


अब उसने पीछे से लन्ड घुसाया, वो अपनी बहन के मम्मे मसलते हुए चुदाई कर रहा था। रेखा की आहें कमरे में गूंज रही थीं।आखिर में नरेंद्र का भी माल निकलने वाला था। वो बोला "दीदी, कहां गिराऊं?"


 रेखा बोली, "मुंह में दे भाई, मैं पी लूंगी।" नरेंद्र ने लन्ड मुंह में डाला, फिर तेज़ी से मुठ मारकर माल गिराया। रेखा ने सारा रस पी लिया। वे दोनों थक कर लेट गए, और एक-दूसरे को सहलाते रहे।


 "भाई, तेरे लन्ड ने मेरी चूत की प्यास बुझा दी।" नरेंद्र बोला, "दीदी, तेरी चूत और गांड ने मुझे पागल कर दिया।"पूरे हफ्ते दोनों दिन-रात चुदाई करते रहे। सुबह खेत में, शाम को घर में, रात को बेड पर। 


वो पोजिशन बदल-बदल कर हार्डकोर चुदाई करते। दोनों ने चुदाई के लिए योगा की तरह अपने चुदाई आसान बना लिए थे।


 रेखा की चूत सूज गई थी, लेकिन फिर भी ठरक कम नहीं हुई। नरेंद्र का लन्ड अपनी बहन के लिए हमेशा खड़ा रहता था।


अगर आगे की कहानी जाननी हो तो नीचे कॉमेंट करके बताए और ये कहानी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट में ज़रूर बताए।


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