वकील मैडम को उन्हीं के चैंबर में दबा कर चोदा 02

आपने इस कहानी के पहले भाग "वकील मैडम को उन्हीं के चैंबर में दबा कर चोदा!" में पढ़ा की कैसे मैंने उन्हे स्कूटी चलते समय गरम करके पटाया और उनके चैंबर में चुदाई करने के लिए उनकी Antarvasna को जगाया! अब पढिए आगे :


अभी तक आपने पढ़ा :-


मैं थोड़ा झुका, फिर उसकी गांड़ को दबाते हुए मोनिका को गोद में लेकर बहुत प्यार से टेबल पर बैठा दिया। मोनिका भी मुझसे लिए वादे को भूल चुकी थी। वो मेरे सर को अपनी तरफ खींचकर चूम रही थी।


मैंने उसकी पैंट खोली और पैरों की तरफ नीचे होकर बैठ गया। मोनिका की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे।


अब आगे :-


 मैंने उसकी पैंट घुटनों तक उतारी और उसकी गांड़ से जांघ तक चूमते हुए चूत की तरफ बढ़ने लगा। मोनिका मेरे बाल सहला रही थी।


 जब मैं उसकी चूत तक पहुंचा तो वो गीली हो गई थी। मैंने मोनिका की चूत पर चूमा तो उसकी चूत धक-धक करने लगी।


मैंने अपनी जीभ से मोनिका की चूत चाटनी शुरू की। उसकी चूत से बहता रस मेरे जोश को बढ़ा रहा था।


मोनिका की ओऊह्ह्ह मोहित! अच्छा लग रहा है आह! करते रहो आआह! हमममम! मोहित ओह! की कामुक आवाज़ें मुझे सुकून दे रही थीं।


 फिर मैंने धीरे-धीरे उसके पेट को चूमकर उसकी शर्ट खोलनी शुरू की।


 नीचे से मैं चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रहा था। मैं उसकी शर्ट को खोलते हुए चूचों की तरफ जाने लगा।


 इतने में मोनिका की आह! उफ्फ ओह मोहित मुझसे रहा नहीं जा रहा, कुछ करो ना! की आवाज़ आई। लेकिन मुझे मोनिका को तड़पाना अच्छा लग रहा था।


 मैं उसके ऊपर चढ़कर चूंची पीने लगा। उसकी चूंची अभी कच्ची थी लेकिन निप्पल कड़क थे। उन गुलाबी निप्पलों को चूसने में जो मज़ा आया उसे शब्दों में बताना मेरे बस में नहीं।


धीरे-धीरे उसके चूंचे चूमता हुआ मैं फिर उसकी गर्दन पर जाकर बैठा। मैंने अपनी पैंट उतारी और अंडरवियर नीचे कर दिया।


वो वासना की आग में जल रही थी। मैंने उसको लंड चूसने का इशारा किया लेकिन उसने मना कर दिया तो मैंने भी बोल दिया कि बिना चूसे नहीं डालूंगा अंदर।


 उसकी मजबूरी थी क्योंकि चुदाई का भूत सिर चढ़ चुका था। मोनिका ने अपने नाज़ुक से होठों पर लंड लगाया फिर बहुत प्यार से चूसना शुरू कर दिया।


 मोनिका की जीभ मेरे लंड के छेद को तरसा रही थी। उसको 5 मिनट लंड चुसवाकर मैं हट गया। मेरा मन था कि उसके मुंह में पानी निकाल दूं।


लेकिन इतना समय नहीं था कि एक बार झड़ने के बाद मैं दुबारा गर्म होने का इंतज़ार कर पाता। मोनिका मचलने लगी थी।


मैं टेबल से उतरा फिर उसकी टांगों के बीच आकर खड़ा हुआ। मैंने मोनिका के घुटने मोड़े फिर उसकी टांगें खोलकर खींचीं जिससे उसकी चूत मेरे लंड पर आकर लगी।


मैंने एक हाथ में मोनिका के चूंचे दबोचे, उसकी दर्द से आओह! की आवाज़ निकली फिर मैंने लंड को चूत पर लगाकर एक धक्का लगाया। मोनिका को मैं उसी के चैंबर में चोद रहा था।


मैंने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। उसकी सील पहले से टूटी हुई थी। मगर उसका जिस्म देखकर लगता नहीं था कि ये XXX अन्तर्वासना चुदाई कर चुकी थी।


मोनिका की ओह! आआह! मोहित आह! चोद मोहित ओह आआह! ज़ोर से आआह! मोहित yes आह! मोहित आअआआअह! की आवाज़ें मेरे कान में जितनी आतीं उतनी मेरी रफ्तार बढ़ जाती।


चोद मोहित ओह आआह! ज़ोर से आआह! मोहित yes आह! मोहित आअआआअह! ज़ोर से आआह! मोहित yes आह! मोहित आअआआअह! करते-करते उसने बताया कि उसका होने वाला है।


 अभी हमें चुदाई करते हुए 5 मिनट हुए थे और मेरा काम पूरा नहीं हुआ था। मोहित yes आह! मोहित आअआआअह! ज़ोर से आआह! मोहित yes आह! मोहित आअआआअह! साअअाआ! बोलती हुई मोनिका की चूत ने रस छोड़ दिया।


मैंने उसकी टांगें पकड़कर घुमाईं। वो मुझे मना करते हुए बोलने लगी, “नहीं प्लीज़ पीछे नहीं, गांड़ मत मारो, जो करना है आगे करो।


मगर मैंने नहीं सुनी। मैंने उसको पलटा फिर उसकी गांड़ में लंड पेलना चालू कर दिया।


मेरा लंड चूत के रस से चिकना हो चुका था इसलिए आसानी से घुस गया। उसकी गांड़ का छेद छोटा था तो उसे बहुत दर्द हुआ।


वो मछली जैसे तड़पने लगी। मेरा उसपर रहम करने का मन नहीं था। मैंने अपना लंड पूरी ताकत से उसकी गांड़ में पेलना शुरू कर दिया।


ये Antarvasna Desi Girl Hindi Sex Story आप Garam Kahani पर पढ़ रहे हो। वो घोड़ी बनी हुई आह! मुओह! मत करो आह! ओह मां दर्द हो रहा है आअआआअह! आह! मोहित नहीं आह! यूपयूफ! आआह! .


करीब बीस मिनट उसकी गांड़ मारते-मारते मैं भी झड़ने को आ गया। वो बोली, “अंदर मत निकालो प्लीज़।


 लेकिन मैंने नहीं सुना। मैंने अपने लंड के रस से मोनिका की गांड़ भर दी फिर थककर उसी के ऊपर गिर गया।


मैं हांफ रहा था, मोनिका मेरे नीचे अधमरी लेटी थी। मैंने उसकी पीठ को चूमा फिर उसे खड़ा होकर कपड़े ठीक करने में मदद की।


मैंने भोला सा चेहरा बनाते हुए उससे कहा, “सॉरी, तुम इतनी खूबसूरत हो कि मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया।


वो मुस्कुराई और मेरे पेट पर घूंसा मारी, “ज़्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो, अब जाओ यहां से।मैं उसके होठों को चूमकर चैंबर से निकल गया।


फिर हम रोज़ चैंबर में जल्दी जाया करते और चुदाई का मज़ा लेते।


कुछ महीनों बाद वो दिल्ली चली गई और हमारा मिलना बंद हो गया, पर मुझे अभी भी हमारी अगली चुदाई का इंतज़ार है।


हमने एक बार दिल्ली में भी थ्रीसम चुदाई के मजे लिए तो अगर वो कहानी जननी हो तो कॉमेंट बॉक्स में बताए! ये कहानी आपको कैसी लगी hashmilion5@gmail.com पर मेल करके भी बताएं!


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