ऑफिस की कुंवारी लड़की की सील तोड़ चुदाई 02

Antarvasna Desi Sex Story : ये कहानी उन दिनों की है जब सीमा अपनी छोटी बहन रानी के साथ मेरे ऑफिस में काम करने आई थी उसकी बहन रानी और मेरे बीच नज़दीकियां बढ़ने लगी थी। 


मेरे प्यारे पाठकों को मेरा प्यार भरा वेलकम। जैसा के आप जानते है मैने एक अकाउंटिंग ऑफिस में जॉब की थी जहां मैने दो बहनों को एक साथ पटा लिया था। तो आज उसी समय के कुछ हसीन पल आपसे बाट रहा हूं।


सीमा को हमारे ऊपर शक होने लगा, हम लोग टेबल पर एक साथ बैठ कर काम करते थे। 


एक दिन मैं दोनों बहनों के बीच में बैठा काम कर रहा था तभी सीमा का वॉट्सएप मुझे आया उसमें लिखा था। “आप मेरी बहन से क्यों बात कर रहे हो?” मैने तुरंत रानी को मैसेज करा उसको बताया कि सीमा का मैसेज आया है उसे हमारी बातों के बारे में कैसे पता चला।


सीमा का ऐसा मैसेज करना खतरे की घंटी थी क्योंकि काफी दिनों से मैं और रानी चुदाई के मज़े ले रहे थे हम एक कप में थोड़ी चाय पीते फिर अपने झूठे कप को बदल कर झूठी चाय पीते।


रानी की ब्रा का साइज़ मैने 2 इंच बढ़ा दिया था।


कभी में बबलगम खाता तो कुछ देर चबाकर चुपके से रानी के मुंह में अपने ही मुंह से पहुंचा देता, आपस में हमारी बबलगम किस आधे दिन तो चल ही जाती। 


हम छुप छुप कर एक दूसरे की वासना को अच्छे से शांत कर रहे थे।


लेकिन सीमा के मैसेज के बाद में घबरा गया। 


रानी ने बोला “उसने पिछले सारे मैसेज डिलीट कर दिए थे सीमा दीदी ने सिर्फ कॉल का समय देखा होगा उनको नहीं मालूम के हमारे बीच में क्या क्या हुआ है।”


मैने रानी पर से शक दूर कराने के लिए सीमा को बोल दिया “में आपको पसंद करता हूं, इसलिए आपकी बहन से आपकी पसंद न पसंद जानने के लिए बात की थी।”


दोनों बहनों के बीच में मैं बैठा था, सीमा ने एक नज़र मुझे देखा फिर थोड़ा मुस्कुराई और उसने रिप्लाई दिया “आपको मेरी बहन से बात करने की ज़रूरत नहीं है। आपको जो पूछना है मुझसे पूछिए।”


ये पढ़कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, सीमा और रानी सगी बहने थी, ऑफिस की दो हुस्न परीयाँ मुझसे एक साथ पट गई थी।


मेरे लन्ड पर मुझे झटके महसूस हुए लेकिन मैने खुद को संभाला, रानी को मैने बता दिया के मैने उसकी बहन को कह दिया है कि मैं उसे पसंद करता हूं ताकि उसपर से शक हट जाए।


उसने दिल और चुम्मी के साथ थैंक यूं का मैसेज करा।


जिन लोगों ने मेरी और रानी के बीच चुदाई की कहानी पढ़ी है वो जानते है कि कैसे मैने बॉस को मनाया कि वो एक बहन को सुबह जल्दी बुलाए और दूसरी को रात में देर तक रोके।


सीमा अगले दिन से सुबह एक घंटा जल्दी आने लगी। जब वो आई तो मेरी आँखें उसपर अटकी रह गई।  ये Antarvasna Desi Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मस्त गदराया हुआ उसका जिस्म था वो सफेद शर्ट पहनकर काली जींस में आई थी। उसके गले के दो बटन खुले हुए थे जिनसे उनके चूंचे बाहर आने को बेताब थे।


उसके अंदर से परफ्यूम की मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी काली जींस में उसकी गांड़ की गोलाई बिल्कुल साफ पता चल रही थी।


उसके आते ही मैने हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए गुड मॉर्निंग कहा, मैने उसकी नाज़ुक गोल मोल हथेली को चूम लिया।


वो शरमाई और मैं हाथ पकड़ते हुए उसे उसकी कुर्सी तक ले आया। 


हम बैठे, मुझे कोई काम नहीं था, वो अपनी फाइल्स सेट करने लगी। मैने एक हाथ उसकी टांग पर रखा और सहलाने लगा।


मैं एक टक सीमा को देखता रहा, मैं उसकी जांघ नर्मी से दबाने लगा धीरे धीरे उसे सहलाते दबाते में चूत के करीब जाने लगा।


अब उसकी सांसे थोड़ी भारी होने लगी, उसकी पकड़ फाइलों पर से कमज़ोर हो गई।


मैं बहुत प्यार से उसकी जांघ सहला रहा था, उसकी आँखें मुझसे मिली।


हाय! उसकी बड़ी बड़ी गहरी आँखें, उनमें झलकती चमक बहुत खूबसूरत थी।


मैने अपना दबाव उसकी जांघ पर बढ़ा दिया, सीमा ने गले में अटका पानी निगला।


वो फाइलें एक तरफ रखते हुए अपने होठों को काटने लगी। उसने रोने वाले गाने के साथ अपनी फोटो लगाई थी। ये First Time Sex Story आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


मैने थोड़ा हाथ आगे बढ़ाया और उसकी चूत को छू लिया, उसके हाथ पकड़कर मैने अपने करीब लिया।


वो उठी अपने पेट को मेरे चेहरे को करीब लाकर खड़ी हो गई, उसकी आँखें मुझे देख रही थी उसके होठों से निकलती गर्म सांसे मुझे महसूस हो रही थी।


मैने चेहरा आगे करा और फिर उसके पेट को चूम लिया मेरे चूमते ही उसकी, ससईससस! निकल गई।


मैने उसकी कमर पर अपने हाथ रखे फिर अपने होठ उसके पेट में दबा दिए उसके मुंह से खुशबू से भरी आआह! निकली। 


अपनी कुर्सी को मैने थोड़ा पीछे करा और सीमा को गोद में बैठाया वो मेरे कंधे पर हाथ ले जाते हुए, अपनी मस्त मोटी गांड़ से मेरे लन्ड को दबाकर बैठ गई।


हमममम! किया गांड़ थी उसकी, जैसे मोटे गद्देदार तकिए से लन्ड दबा लिया हो।


मैने अपने हाथ उसके चूंचे पर रखे और प्यार से दबाए, सीमा के चूंचे 30 के तो होंगे लगभग।


मैं उसके चूंचे के पीछे हाथ ले गया फिर उसे करीब कर के अपने होठ उसके होठों पर रख दिए।


उम्मम! मूहाअ! हमममम!


उसके मीठे होठों को चूसते समय प्यारी प्यारी आवाज़ें कैबिन में गूंजने लगी, उसके होठ मखमल से नर्म थे।


मैं एक एक कर के उसके शर्ट के बटन खोलने लगा, उसके होठ चूसने के, चूमने के बाद मैने उसके नर्म गले को चूमा।


लगातार मैं उसके चूंचे दबा रहा था, उसकी गर्दन पर काटता हुआ मैं उसके निप्पल पर आया। वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी मुझे अपने बूब्स में दबा रही थी।


उसकी टांगे मचलती हुई बता रही थी के सीमा चुदने को तैयार है उसने बताया था के वो अनछुई है यानी आज मुझे उसका उदघाटन करना था।


मैने उसके एक निप्पल को चूसने लगा साथ ही दूसरे निप्पल को उंगलियों में भींचे कर नोचने लगा।


मेरी इस हरकत से वो तड़प उठी, उसने अपनी बाहों में मुझे बांध लिया।


हमममम! आआह! ओह!


मम्म्ह! क्या कर रहे है सर।


उसकी गर्म सांसों से मीठे अल्फ़ाज़ निकल रहे थे जिन्होंने मेरे लन्ड को और सख्त कर दिया।


मैं एक हाथ नीचे ले जाकर चूत सहलाने लगा, उसकी पेंट का बटन खोलकर पेंट को घुटनों तक उतार लिया। 


अब उसकी गांड़ नंगी थी, मैंने उसकी चूत छेड़नी शुरू की। वो पागल सी होने लगी तो अहम्म्म्म! मम्म्ह! की मादक आवाज़ करते हुए अपने होठों पर जीभ फेरने लगी।


सीमा का हाथ मेरे लन्ड को दबाने लगा, वो मेरी लंबाई नापने लगी,अब उसने मुझे चूसना शुरू किया।


उसने मेरे गाल अपने नर्म भारी हाथों में लिए और अपनी ज़बान मेरी ज़बान से लड़ाने लगी।


मम्मम्! हमममम! उम्मं!


अहम्म्म्म! ओओम!


मैने उसे गोद से उतारा टेबल से समान एक तरफ कर के सीमा को टेबल पर घोड़ी बनाया। उसकी नंगी गांड़ के छेद में मैने मुंह दे दिया।


आआह! के साथ उसकी मीठी सी आह निकली मैने एक कदम पीछे लेकर अपने कपड़े उतारे मैं पूरी तरह नंगा हो गया।


मेरे सामने एक मस्त मंदाकिनी लड़की बैठी थी जिसके मोटे चूंचे गोरी जवानी, नर्म नशीली चूत गोल मटोल गांड़ मुझे अपनी तरफ बुला रही थी।


कुछ पल मैने अपने सामने सीमा की नंगी गांड़ नंगी चूत को लन्ड के लिए तरसते हुए देखा।


मैने एक ज़ोर का थप्पड़ उसकी गांड़ और मारा, वो लगभग चीखी “अआआह! सर आपको देखकर लगता नहीं की आप इतने रोमांटिक हो”।


मैं उसकी बात पर मुस्कुराया और अपनी जीभ को सख्त कर के चूत के छेद में डाल दिया, उसकी चूत से नमकीन पानी थोड़ा थोड़ा निकलने लगा था, उसकी चूत चिकनी हो गई थी।


मैं अपनी ज़बान आगे पीछे कर के चूत चाटने लगा, उसकी चुदाई की शुरुआत मैने ज़ुबान से ही कर दी।


आह आआह! Yes आह! सर जी उफ्फ! हमममम!


मुझसे अब नहीं रहा जारा हाशमी सर। कुछ करोना। आह! ओह!


मैने उसे घुमाया दो कदम पीछे लिए। ये Chudai ki xxx Kahani आप Garamkahani.com पर पढ़ रहे है।


वाह! कैबिन की सफेद और पीली रोशनी में सीमा का गोरा रंग उसका बोला सा गोल चेहरा!


मस्त गोल चूंचे हिचकती कमर गोल मोटी गड्ढेदार गांड़ शायद 28 साइज़ तो होगा मलाई जैसी चिकनी नंगी टांगे मेरी वासना की भूख को बढ़ा रही थी।


जहां सीमा की बहन अभी जवान होना शुरू हुई थी वहीं सीमा अपनी जवानी के चरम को पहुंची हुई थी।


मैं आगे बढ़ा उसे टेबल से उतारा फिर खुद टेबल पर बैठकर उसे लन्ड की तरफ इशारा किया वो समझ गई मैं क्या चहरा हूं। 


वो घुटनों पर बैठी उसने मेरी आँखें अपनी आँखो से पकड़ी फिर ज़बान बाहर निकालकर लन्ड को छुआ।


उफ्फफ! सईसस! अआह! 


उस समय की मेरी हालत मैं बयान नहीं कर सकता ,वो धीरे धीरे लन्ड को गले के अंदर लेती चली गई धीरे से उसने होठों को बंद किया फिर मुंह ऊपर नीचे करना शुरू किया।


बहुत अच्छे से वो लन्ड को चूसती रही मैने उसके बाल पकड़कर लन्ड में दबाना चाहा मगर उसने मेरे हाथ पकड़ लिए वो तेज़ी से लन्ड को चूसती रही घाघग़! ग़ऊगग! लन्ड गले में घुसने पर आवाज़ बनने लगी।


कुछ देर में वो उठी और बोली “हाशमी सर अब नहीं रहा जाता, तरस खाइए, आधे घंटे में सब आने लगेंगे में कल तक इंतज़ार करते करते इस आग में मर जाऊंगी! मुझे शांत करो!”


वो गोद में चढ़ी हमने एक दूसरे की आँखों में प्यार और हवस का लाल रंग देखा, उसने अपना हाथ नीचे ले जाकर चूत पर लन्ड टिकाया और आ आ आ अआआह! करती हुई पूरा लन्ड अपनी चिकनी चूत में ले गई।


वो आज तक अन चुदी थी, बहुत दर्द सहते हुए उसने लन्ड लिया जोश जोश में वो एक बार में लन्ड खा गई।


अपनी दर्द भरी आवाज़ रोकने के लिए उसने होठों से होठों को दबा लिया। फिर धीरे धीरे मैने नीचे से और उसने ऊपर से धक्के देना शुरू करे।


आह हमममम! उम्मं!


हमममम! उम्मम!


जितनी ज़ोर से धक्के लगते हमारे होठ उतनी ज़ोर से जुड़ते जाते। 


मेरा मन उसकी दर्द की आवाज़ सुनने का हुआ तो मैने होठ छुड़ा लिए। 


उसकी मादक सिसकारियों वाली आवाज़ दर्द और वासना के सुख में डूबी आहे मेरे जोश को और बढ़ा रही थी।


उसने मुझे अपनी तरफ चूमने के लिए खींचना मगर मैने गले को चूमते हुए धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी।


अआह! सर आह! अआआह 


धीरे सर आह। दर्द होरा है आगाह!


हाशमी सर आह ! धीरे, ओह!


पूरे कैबिन में फचफच की मन मोहक आहे गूंज उठी। 


हमारी टांगे एक दूसरे में फंसी थी, हम दोनों के निप्पल बुरी तरह रगड़ खा रहे थे। दोनों पसीने में तर हो चुके थे।


अआह! आगाह! ओह !


मेरी जान आह! सीमा ओह! बहुत टाइट चूत है, बेबी तुम्हारी। अआह! हम्मम सर! 


मैं आपकी हूं, ये चूत आपकी है जो चाहो करो अआह ! आह ओह! 


धक्कों से हिलते हिलते हमारे होठों से लेकर जांघों तक एक एक अंग रगड़ रहा था।


चलती दौड़ती चुदाई के बीच हमारी आँखें मिली, मुझे उनमें सुकून दिखाई दिया। सीमा का दर्द अब मज़े में बदल चुका था अब वो खुलकर मुझसे चुदवा रही थी।


आह ! हमममम!


आह ओह! हमममम!


हाशमी सर! हाआअ मज़ा आ गया उफ्फफ!


ऑफिस में सब के आने में 10 मिनट बाकी थे जब एक आखिरी आअआअहन! के साथ हम दोनों झड़े।


हमारी सिसकारियों में पता ही नहीं चल रहा था कौनसी किसकी है, जैसे ही हम झड़े तो 2 मिनट बिल्कुल बेजान एक दूसरे पर गिर गए। 


अपने चरमसुख को पाकर हमने एक आखिरी बार होठों को चूमा फिर जल्दी से कपड़े पहने, टेबल पर उसकी सील टूटने के निशान छुटे पड़े थे। 


मैने जल्दी से सब साफ करा उसकी हिम्मत नहीं थी के उठ सके, उस दिन वो टेबल पर से नहीं उठी।


उसकी इतनी हालत खराब थी कि उसे एक हफ्ते की छुट्टी लेनी पड़ी फिर जब दोबारा वो ऑफिस आई तब उसने मुझे अपनी चूत का गुलाम बना लिया।


दोनों बहनों को बादमें मैने प्लान बनाकर एक साथ भी चोदा उस कहानी को जल्द ही आप को सुनाऊंगा। तब तक के लिए अलविदा ये किस्सा कैसा लगा मुझे कॉमेंट करके ज़रूर बताना।


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