दीपावली में बहन की जवानी की प्यास बुझाई!

Family ki Hindi Sex Story : कैसे मैंने अपनी 20 साल की जवान Bahan की जवानी की प्यास दीपावली में उसकी चुत की सील तोड़ कर बुझाई! वो पहले से ही मुझे पसंद करती थी और मुझसे चुदवाना..


मेरा नाम विक्की है। मैं 24 साल का हूँ और अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ मेरठ में रहता था। लेकिन अब मै पढ़ाई के लिए नोएडा में रहने लग गया हूँ। यह मेऱी पहल़ी कहाऩी है, जिसमें मैंने अपने मामा की बेट़ी की चुदाई की।


चलिए मैं आपको एक सेक्स से भरपूर कहाऩी सुनाता हूँ।


मेरे मामा एक बैंक में काम करते हैं और नोएडा में रहते हैं। मेऱी माम़ी एक हाउसवाइफ  हैं और उनकी बेट़ी राऩी उनके साथ रहत़ी है।


वह कुछ दिन  पहले ह़ी 20 साल की हुई है। उसका रांग गोरा और शऱीर दुबला-पतला है। मेरे मामा का एक बेटा भ़ी है जो अभ़ी पढाई कर रहा है।


जो  घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वह सिर्फ 4 दिन पहले की है। मेऱी माम़ी ने मुझे नोएडा बुलाया क्योंकी उन्हें दीपावली में अपने माता-पिता के घर जाना था।


रानी अपने Exam की तैयारी के चलते गाँव नही जाना चाह रही थी इसलिए मामी ने मुझे घर पर बुलाया और इसी कारण मुझे करीब पाँच दिन राऩी के साथ रहना पडता है।


जब मैं अपने मामा के घर पंहुचा तो मेऱी माम़ी मुझे दरवाजे पर ही मिल गयी । उन्होंने मुझसे कहा राऩी नहा रह़ी है, इस लिए मैं बैठ जाऊँ और वह चाय बनाकर लाएगी।


यह कहकर मेऱी माम़ी और बाकी गाँव जाने के लिए चले गए।


मैं अंदर गया और बाह ही कमरे में बिस्तार पर लेट गया।


पांच मिनट ह़ी ब़ीते थे तब मैंने राऩी को अंदर कमरे देखा उसने तौलिया लपेट हुआ था। मेरे कमरे की लाइटें बंद थीं, लेकिन उसके कमरे की लाइटें जल रह़ी थीं। फिर जो हुआ वो मेऱी कल्पना से परे था।


राऩी ने अचानक अपने  बदन से तौलिया  हटा दिया! अपऩी बहन को पूऱी नांग़ी देखकर मेऱी आूँखें  खुली की खुली  रह गईं, क्योंकि मैंने जिंदगी में किसी भी लडकी को इतऩी नंगी नहीं देखा था। यह Bhai bahan ki Chudai ki Kahani आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


उसकी लांबाई 5 फुट  6 इंच  है, मैं उसका सह़ी-सह़ी दिगर तो नहीं बता सकता, लेकिन उसके चूची  32 इंच के हैं और कमर बहुत पतल़ी है, और हा उसकी गांड  बहुत सेक्स़ी लग रह़ी थ़ी, शायद 34 या 36 इांच की।


उसे पता ह़ी नहीं था कोई उसे बिना कपडों के देख रहा है। वंहा से मैंने देखा तो  उसकी चूत बहुत खूबसूरत लग रह़ी थ़ी।


मैं बता नहीं  सकता की  उसने अभ़ी-अभ़ी अपने बाल साफ किये है । उसके बूब्स , गांड  और चूत देखकर मेरा लंड खड़ा हो रहा था । वह शायद अपनी ब्रा और पेंटी  ढूंड रही थी।


दो-त़ीन मिनट  ब़ीते ही थे  उसे शक हुआ, मानो घर पर कोई है। उसे मेरे बारे में कुछ पता नहीं था। उसने जल्दी से  तौलिया वापस लपेट लिया और उस कमरे में आ गई जँहा  मैं लेटा हुआ था।


जैसे ह़ी उसने लाइट जलाई, उसने हैराऩी से मेऱी तरफ  देखा और पूछा, "भाई, तुम कब अंदर  आए? और कैसे?"


मैंने उससे कहा, "मैं तब अंदर  आया था जब मामी यहीं थीं।"


उसने फिर  एक और सवाल  पूछा,  "क्या तुमने कुछ देखा?"


अनजान  होने का नाटक करते हुए मैंने पूछा,  "तुम्हारा क्या मतलब है?"


उसने घबराकर जवाब दिया , "मैं कमरे के अंदर  बिना  कपडों के थ़ी।"


मैंने कहा, "हा मैंने सब कुछ देखा... लेकिन मैं क्या कर सकता था... क्यूंकि  एक पऱी उस समय में मेरे सामने थ़ी, और मैं चाहकर भ़ी उससे अपऩी नजरे  नहीं हटा सकता था।"


यह सब सुनकर, वह घबराकर सोर्फे पर बैठ गई। उसके चेहरे को देखकर ह़ी साफ  पता चल रहा था दक उसकी धडकनें बेकाबू हो गई हैं।


वह कुछ देर चुपचाप बैठ़ी रह़ी।


फिर   मैंने पूछा,  "क्या  हुआ?"


मेऱी बहन बोल़ी, "ऐसा नहीं होना चाहिए  था।"


मैंने कहा, "न तो तुम्हाऱी गलत़ी है, न मेऱी। तो फिर डरने की क्या बात है?"


मुझे नहीं पता फिर उसके दिमाग  में क्या आया, लेकिन उसने अपऩी दोनों टंगे  उठाकर सामने मेज  पर रख दीं।वह मेरे ठ़ीक सामने थ़ी, इसलिए  मैं उसकी चुत  साफ दिखाई  दे रही था।


मैंने उससे पूछा,  "तुम क्या कर रह़ी हो?"


हमाऱी पहले कभ़ी ऐस़ी बातच़ीत नहीं हुई थ़ी, इसलिए  मैं खुद को सांभालने की कोशिश  कर रहा था।


उसने कहा, "तुम तो सब कुछ देख ह़ी चुकी हो, तो छिपाने  की क्या फ़ायदा  है? जी  भरकर देखो।"


उसकी गोऱी, नांग़ी टाँगे  और छूट देखकर मेरा लंड  हरकत करने लगा। मेऱी बेचैनी  बढ गई, और मेरा हाथ अपने आप मेरे लैंड को  सहलाने लगा।


यह सब देखकर उसने पूछा, "क्या कर रहे हो?"


मैंने कहा, "जिसके  सामने एक आधी नंगी पऱी बैठ़ी हो, वह कैसे होश में रह सकता है?"


फिर  उसने कहा, "यह पऱी अभ़ी पूऱी तरह से नंगी हो सकत़ी है, क्यूंकि तुम तो सब कुछ देख ह़ी चुके हो। लेकिन  पहले मैं देखना चाहत़ी हूँ  तुम अपने हाथ से क्या सहला रहे हो।"


और क्या चाहिये  था मुझे? मैंने जल्दी ही  अपऩी पैंट, और अंडरवियर उतार दिया और अपना लंड  उसके सामने कर दिया।


उसने शॉक  से उसे देखा और पूछा, "क्या यह इतना बडा है?" मैंने कहा, "हा यह इतना बडा है।"


उसने पूछा,  "क्या मैं इसे छू सकत़ी हूँ?"


मैंने कहा, हाँ बिलकुल  वह  सोफे  से उठ़ी, तौलिया  हटाया, मेरे पास आई और दोनों हाथों से मेरे लंड  को पकड लिया।


मेऱी आूँखें नशे में बांद हो गईं।


तभ़ी मेऱी नाक में एक अजीब  स़ी खुशबू आई, मेऱी बहन के  शऱीर की खुशबू। राऩी मेरे लंड  को सहला रह़ी थ़ी।


मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रखा, दिर ध़ीरे-ध़ीरे उसे उसकी गांड  तक ले गया, और मुझे ऐसा लगा जैसे  मैं मक्खन पर हाथ चला  रहा हूँ।


उसके बाद, मैंने अपऩी जीभ  उसकी नांग़ी जांघ  पर फिरनी  शुरू कर द़ी।


उसने कहा, "भैया, रहने दो।"


मैं रुकने वाला  नहीं था। आगे बढते हुए, मैंने अपऩी जीभ  उसकी चुत  पर रख द़ी।


उसे बदा़श्त नहीं हुआ और उसने मेरा लंड  अपने मुँह  में ले लिया  और उसे चूसने लग़ी। उसने पहले कभ़ी ऐसा नहीं किया  था। वह  पास खड़ी रह़ी और मेरा लैंड  चूसने लग़ी, उसके बाद  मैं वहीँ  लेटा उसकी चुत  चाट रहा था।


हम इस अवस्था  में कुछ  देर तक एक-दूसरे का आनांद लेते रहे। फिर मुझे लगा मेरा  लंड  झडने वाला हाँतो मैंने उसे बताया, लेकिन  वह लंड के नशे मैं खोई  दुनिया में खोई हुई थ़ी। 


तभ़ी, मेरा लंड झड़  गया। उसका कुछ हिस्सा  उसके मुँह में चला गया। फिर ही उसने अपना मुँह  हटाया, मेरा स्पर्म  उसके पूरे चेहरे पर लग  गया। यह Desi Sex stories in hindi आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


उसने अजीब सा मुँह बनाया और पूछा, "भैया, यह क्या है?"


मैंने उससे कहा, "यह स्पर्म  है।"


उसने कहा, "तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया?"


मैंने उससे कहा,  "मैंने तुम्हें बताया तो थापर तुमने सुना ह़ी नहीं।"


उसने कहा, "ठ़ीक है, अब तुम्हें मेरा रस प़ीना होगा।"


मैंने कहा, "नहीं, मैंने अभ़ी तक नहीं पिया  है। और अब बाद में करेंगे ।"


उसने पहले अपना चेहरा धोया।  फिर वह पूऱी नांग़ी होकर घूम रह़ी थ़ी, तो उसकी गांड देखकर मेरा लैंड फिर से खड़ा  हो गया।


अब वो वापिस आकर मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और अपनी जीभ मेरे मुँह में दे दी। यह हम दोनों के ही जीवन का पहला किस  था। मैं उसकी तो वो मेरी जीभ को चूसने लगी।


थोड़ी देर किस करने के बाद मैं उसकी चूचियों पे जीभ फिराने लगा।


बारी - बारी से दोनों चूचियों को चाटने के बाद वो उठी और घूम कर दुबारा से मेरे लन्ड को मुँह में ले लिया।


अब उसकी गोरी, मोटी गांड व बिना बालों की चूत मेरे मुँह से बस थोड़ी दूर थी. तो मैंने भी लपक कर उसकी चूत पर अपनी जीभ से चाटने  लगा ।


लगभग 10 मिनट तक दोनों इसी हालत में रहे तो मैंने कहा- इस बार पूरा स्पर्म मुँह में ही लेना. मैं भी तुम्हारा पानी मुँह में ही ले लूंगा।


वो पहले तो मना करती रही फिर मान गई।


कुछ ही देर में मुझे झटके लगने लगे व उसकी चूत से भी कुछ बहने लगा. दोनों ने एक दूसरे का स्पर्म  पिया और अलग हो गये।


मैंने उसे कहा- कोई आ सकता है इसलिए बाकी काम रात में करेंगे।


तो वो मान गई और हम दोनों ने अपना मुँह धोकर कपड़े पहन लिए।


दिन में जब वो किचन में खाना बना रही थी तो मैंने उसके गांड पे अपना लंड लगा दिया.


वो बोली- भैया रहने दो ना, रात में जो मर्जी कर लेना पर अभी काम करने दो।


मैंने एक लिप किस किया और जाकर टीवी देखने लगा।


रात में उसने खाना बनाया और दोनों ने एक साथ बैठकर खाना खाया। उसके बाद दोनों एक ही बैड पे लेट गये।  


सर्दियां शुरू हो गई थी इसलिए दोनों ने एक कम्बल ले लिया। लेकिन अचानक से वो उठ कर दूसरे रूम में चली गई. वहां से जब वो वापिस आई तो उसने एक सेक्सी सा लाल रंग का गाउन पहना हुआ था।


मेरी ममेरी बहन मेरे पास लेट गई तो मैंने कहा- आज तो हमारी सुहागरात है! तो उसने शर्मा के अपना चेहरा अपने हाथों में छिपा लिया।


मैंने उसका गाउन उतारा तो देखा कि उसने काले रंग की जालीदार ब्रा व पैंटी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत सेक्सी व हॉट लग रही थी।


उसके बाद उसने मेरे कपड़े खुद ही उतार दिए. मैंने नीचे अंडरवियर नहीं पहना था जिसकी वजह से पैंट निकलते ही मैं पूरा नंगा हो गया।


उसने मेरे लंड को सीधा अपने मुँह में ले लिया उसके गुलाबी होठों ने मुझे मदहोश ही कर दिया। मैंने उसकी ब्रा व पैंटी निकालकर फेंक दी और उसे कहा- मेरे ऊपर आओ.


तो हम दोनों 69 में आ गए.


उसकी चूत से एक अजीब सी महक आ रही थी जो मुझे और भी पागल कर रही थी। काफी देर तक इसी हालत में रहने के बाद रानी  को उठने को कहा और उसे अपने लन्ड पर बैठने को कहा।


वो मेरे पेट पर लेट गई। मेरा लन्ड उसकी चूत को छू कर मस्ती से झूम रहा था। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पे रख दिये और हम दोनों एक दूसरे को होठों को व जीभ को चूसने लगे।


4 से 5 मिनट के बाद मैंने उसे उठाया और कहा- नीचे आओ, आज तुम्हारी नन्ही सी चूत का उदघाटन करूँगा। मेरी बहन नीचे बिस्तर पर लेट गई।


रानी डरी हुई थी, बोल रही थी- भाई, मैंने सुना है कि जब पहली बार चुदाई होती है तो बहुत दर्द होता है.


तो मैंने उसे दिलासा दी- मैं आराम से करूँगा, तू जाकर कोई क्रीम ले आ।


उसके बाद रानी ने बहुत सारी क्रीम मेरे लंड  पे लगाई मैंने उसकी चूत पे लगाई। उसे लिटाकर मैं ऊपर आ गया और रानी  को कहा- दर्द होगा पर बर्दाश्त कर लेना, प्लीज़ चिल्लाना मत। यह xxx Hindi Sex Story आप गरम कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।


अब मैंने उसकी एक टांग उठा के अपना लन्ड उसकी चूत पे सेट किया। 


पहला धक्का मारा तो वो अंदर नहीं गया साइड में फिसल गया। कई बार की कोशिश के बाद आखिर में लौड़े का आगे वाला भाग अंदर चला गया पर रानी  दर्द से बिलबिला उठी।


मैं रुक गया क्योंकि वो बहुत नाजुक सी लड़की है। कुछ आराम मिला तो एक धक्का और मारा तो मेरा आधा लंड  उसकी चूत को चीरता हुई अंदर समा गया, पर वो इस झटके को बर्दाश्त नहीं कर सकी और चिल्ला कर रोने लगी।


वो बोली- उम्म्ह अहह हय ओह भैया, प्लीज़ बाहर निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है, बाकी कल कर लेना।


मैं रुक गया और उसकी चूचियों को बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने लगा। जिसमें ध्यान बटने के कारण उसका दर्द कुछ कम हुआ।


अब मैंने एक आखिरी धक्का मारा तो मेरा पूरा लन्ड उसकी छोटी से चूत में समा गया. पर वो तो जैसे बेहोश सी हो गई। जिसके बाद मैं डर गया।


पर जल्दी ही वो होश में आ गई और मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाने लगी। मैं कहाँ मानने वाला था, मैं कभी उसके होंठ चूसता कभी उसकी छोटी-छोटी चूचियाँ चूसता।


लगभग 5 मिनट के बाद मुझे लगा कि वो अपनी गांड हिला रही है. मैं समझ गया कि अब मृणालिनी को दर्द नहीं हो रहा।


मैंने धीरे-2 धक्के मारने शुरू किए तो वो भी मेरे साथ मस्ती में झूमने लगी।


काफी देर तक चुदाई करने के बाद जब मुझे लगा कि छूटने वाला है तो उसकी चूत से निकालकर उसकी मुँह में दे दिया, तभी मेरा स्पर्म  छूट गया जिसे उसने पूरा पी लिया।


अब उसकी बारी थी वो भी उठकर मेरे मुँह के ऊपर बैठ गई। मैं उसकी भावनाओं को समझ गया औऱ उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी इतने में ही वो भी अकड़कर ढीली हो गई।


उस रात हमने अपनी सुहागरात में 3 बार चुदाई की। एक बार तो मैं रानी  की गांड में लन्ड देना चाहता था पर वो नहीं मानी बोली- भाई आज चूत का दर्द झेल लूं, अगली बार गांड का ही उदघाटन करवा लूंगी आप से ही।


उसके बाद हम दोनों कुछ बाते की और मेने उससे पूछा की तू मेरे साथ ऐसी सेक्स करने को कैसे राज़ी हो गयी फिर उसने बताया की वो मुझे पहले से ही पसंद करती थी, और उसकी जवान चुत लंड माँग रही थी,


फिर हम दोनों सो गए, अगले दिन फिर से दिन में यही चुदाई का खेल खेला जिसके बारे में अगली कहानी में बताऊंगा।


तो दोस्तों कैसे लगी दीपावली में मेरी बहन की चुदाई कहानी कॉमेंट करके और रिएक्शन बटन के जरिए जरूर बताए! 😉


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📝 Comments :

Mast maza aagya
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