पड़ोसी वाली नई भाभी कि चुत चोदकर उसे प्रेग्नेंट किया

दोस्तों आज मैं आपको हमारे पड़ोस में ही एक दुकान चलाने वाली भाभी को पटा कर कैसे चोदा और उसे प्रेग्नेंट किया बताने जा रहा हूं।


दोस्तों हम जिस अपार्टमेंट में रहते है, उसी के सामने कुछ घर बने हुए है। उसमें कुछ लोगो ने नीचे दुकानें और उपर घर बना रखे है। कुछ दिन पहले वहा एक नई दुकान किराने के समान की खुली। एक दिन घूमते हुए मैं वहा गया कुछ ठंडे की बोतले लेने।


एक भैया और उनकी पत्नी वहां दुकान पर बैठे थे। मैंने वहा पहुंच कर कुछ कोल्ड ड्रिंक्स के बारे में पूछा तो भैया ने सभी के रेट और फ्लेवर के बारे में बताया। उनकी पत्नी मुझे दुकान के अंदर ले गई और फ्रिज से कुछ कोल्ड ड्रिंक्स निकाल कर पैक करने लगी। मैं भैया और उन भाभी से बातें करने लगा।


उन्होंने बताया की अभी ये मकान परचेज किया है। नीचे दो दुकानें है और उपर दो कमरे का मकान है। हमने नीचे एक दुकान खोली है, और एक दुकान किराये में देने का विचार है।


हम तीनों घुल मिल कर बातें करने लगे। भैया की उम्र लगभग मेरे जितनी ही 36 साल होगी और उनकी पत्नी की उमर 30 साल होगी। उनकी शादी करीब छह साल पहले हो गई थी, लेकिन उनको अब तक बच्चा नहीं हुआ था।


मैं उन्हे बोला: आप दुकान किराये पर क्यों दे रहे है? भाभी जी को काम स्टार्ट कर दीजिए, कुछ लेडीज कपड़ो का या सिलाई जैसा। यहां इस तरह का कोई काम है भी नहीं तो दुकान अच्छी चलेगी।


वो बोले: हम यहां नए है, तो हमें कुछ ज्यादा नहीं पता यहां के बारे में।


तो मैं बोला: अरे भैया आप टेंशन मत लीजिए। हम यहां काफी टाइम से रह रहे है। हम आपकी हेल्प करेंगे।


मैंने उन्हे बताया: मेरी बीवी भी कुछ काम स्टार्ट करना चाह रही है, तो हम लोग मिल कर स्टार्ट कर सकते है। यहां हमारी काफी जान-पहचान है तो हमारी दुकान अच्छी चलेगी।


वो लोग खुश हो गए और बोले: ठीक है, हम विचार करते है।


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उस दिन घर जा कर मैंने मेरी बीवी को इस बारे में बताया, तो वो बोली: ठीक है, ये तो अच्छा रहेगा।


शाम को मैं और प्रिया उनकी दुकान पर गए तो वो दोनो लोग दुकान पर थे। उन्होंने हमे बिठाया और हम बातें करने लगे। तो मैंने उन्हें अपनी पत्नी प्रिया से मिलवाया। उन भाभी जी का नाम रेशमा और भैया का नाम रवि था। प्रिया ने उन्हें बुटीक खोलने का आइडिया दिया।


वो बोली: मेरा बहुत समय से बुटीक खोलने का मन है लेकिन अकेली करने से डरती हूं। अगर आप और हम साथ में करेंगे, तो हम ये स्टार्ट कर सकते है। आपके पास जगह भी मेन रोड पर है।


तो वो लोग मान गए और बोले: चलो ठीक है, हम ये साथ में स्टार्ट करते है।


रेशमा भाभी और प्रिया घुल-मिल गए, और अपनी दुकान की प्लानिंग करने लगे। प्रिया ने एम.बी.ए. की हुई है तो उसके आइडिया किसी को नापसंद नहीं हो सकते। अब वो लोग कभी हमारे घर कभी हम उनके घर जाने लगे।


रेशमा भाभी है भी गजब की सुंदर और अभी तक बच्चे नहीं होने की वजह से उनका फिगर भी मस्त है। मेरा मन कई बार उन्हें देख कर डोलने लगता है। उनके मीडियम साइज के बूब्स लगभग 30 साइज के होंगे, सही साइज नहीं पता अभी तक क्योंकि सिर्फ उन्हें देखा है, छुआ नहीं है अभी तक।


एक दिन रेशमा भाभी हमारे घर आई दिन में, तो प्रिया घर पर नहीं थी। मैं अपने कंप्यूटर पर कुछ ऑफिस के काम में लगा था।


उसने पूछा: भाभी कहां है?


तो मैं बोला: उसकी कुछ दोस्त आई हुई है, तो उन्हीं के साथ गई है और बेटा स्कूल गया है। आप बैठिए।


वो बोली: नहीं मैं बाद में आती हूं।


मैं बोला: अरे भाभी जी, आप बैठिए मैं कोन सा आप को खा जाऊंगा।


मैंने उन्हे पानी दिया और उनके साथ बैठ गया। मैंने जैसे पहले भी आपको बताया मेरी पर्सनेलिटी पर कोई भी औरत फिदा हो जाती है। यही रेशमा का भी हाल था। वो मुझे तिरछी नजरों से घूरती रहती थी। हम लोग बातें करने लगे।


मैंने पूछा: आप कैसे आए?


तो उसने बताया: हमने कुछ फंड अरेंज कर लिए है, तो प्रिया से बात करनी है। काम कब से स्टार्ट करे उसकी प्लानिंग करनी है।


मैं बोला: आप टेंशन ना लें, प्रिया और हम मैनेज कर लेंगे।


फिर इधर-उधर की बातें करने के बाद मैं बोला: आपकी शादी को इतना टाइम हो गया है, आपके कोई बच्चा नहीं है।


वो बोली: अरुण जी हमने काफी इलाज कराया, लेकिन नहीं हुआ। इनके अंदर कुछ प्राब्लम है। मैं तो ठीक हूं मां बनने के लिए।


फिर वो चुप हो गई और मेरी तरफ देखने लगी।


तब मैं बोला: आजकल तो कई ट्रीटमेंट है बच्चा होने के लिए।


तो वो बोली: ना तो हम इतने पढ़े लिखे हैं, और ना ही इतने पैसे वाले। इलाज कैसे कराए?


मैं उनके बगल में बैठ गया, और उनके हाथ पकड़ कर बोला: आप चाहे तो मैं आपको बच्चा दे सकता हूं आपका अपना।


वो बोली: वो कैसे?


मैं बोला: जैसे सभी को होता है।


मैं उनकी हथेली को दबाने लगा। वो मेरी नज़रों में नज़रें डाल कर शर्मा गई और बोली: अच्छा वैसे।


मैंने उनकी जांघो पर हाथ रख दिया। वो फिर शर्मा गई और मुझसे लिपट गई।  वो समझ गई थी मेरा इशारा। अब वो मुझसे चुदने के लिया तैयार थी। मेरा मन तो उसे चोदने का पहले से ही था।


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मैंने उसकी चुचियों को भींच दिया, तो वो एक-दम कांपने लगी, और मेरे मुंह को पकड़ कर किस करने लगी।


अब बिल्कुल हरी झंडी थी। मैं उसे अपने बेडरूम में ले गया, और बेड पर लिटाया। उनकी साड़ी को थोड़ा ऊपर किया, और उनकी गोरी-गोरी जांघों को सहलाने लगा।‌ वो एक-दम मस्त हो गई और लोअर के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया।


मैंने लोअर को नीचे सरका दिया, तो मेरा लंड उसके हाथ में आ गया। मैंने नीचे अंडरवियर नहीं डाल रखा था। वो इतने लंबे और मोटे लंड को देख कर पहले डर सी गई, और फिर उसे घूरती रही। मैंने उनकी साड़ी को पूरा उपर कर दिया तो उसने भी पैंटी नहीं पहन रखी थी। वो नीचे से नंगी थी।


मैंने उसकी चूत देखी तो उस पर काले बाल थे। जब चूत को थोड़ा खोला तो वो अंदर से एक-दम गुलाबी थी, और मेरे पास आने की वजह से चिपचिपी हो गई थी। मतलब उसका थोड़ा पानी निकल रहा था।


अब उसने अपनी साड़ी पेटीकोट उतार दिया, और ब्लाउज के बटन खोल दिए।


वो बोली: एक बार मैं बाथरूम जा कर आती हूं।


वो बाथरूम गई और कुछ टाइम में बाहर आई। मैंने उसको लिटा कर अपना मुंह उसकी चूत पर रख दिया। वो सिसकारियां भरने लगी। वो ‌चूत को धो कर आई थी, इसलिए मुझे कुछ स्मेल नहीं आ रही थी।


जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाला, वो एक-दम मस्त हो गई। मैंने 69 की पोजिशन में उन्हें लिटाया, तो वो अपने आप ही मेरे लंड को कुल्फी की तरह चाटने लगी।


वो बोली: अरुण अब फटाफट मुझे मां बनाने के बारे में सोचो। बाकी सब काम बाद में कर लेना। मैं तो यही रहने वाली हूं, कहा जाऊंगी।


मैंने देर ना करते हुए उसकी जांघें चौड़ी की, और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट कर दिया। मैंने एक झटका जोर का मारा, और मेरा पूरा लंड चूत को चीरता हुआ बच्चेदानी से जा टकराया।


वो जोर-जोर से चीखने लगी, पर मैं उनकी परवाह ना करते हुए दना-दन चोदने लगा। थोड़ी देर में वो शांत हो गई, और वो झड़ गई, जिससे लंड और चूत फटाफट एक-दूसरे के साथ खेलने लग गए।


वो मुझे पकड़ कर चूमने लगी और धीरे धीरे बड़बड़ाने लगी: अरुण मुझे अपने बच्चे की मां बना दो।


करीब बीस मिनट बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया,‌ और अपना सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया। हम दोनों करीब पांच मिनट तक एक-दूसरे पर ऐसे ही पड़े रहे।


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उसने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए क्योंकि प्रिया का मैसेज आ गया था कि वो आधे घण्टे में घर आ रही थी। हमने जल्दी से अपने आप को साफ करके बेडशीट को भी ठीक किया, और ड्राइंग रूम में आकर बैठ गए। वो बहुत खुश थी।


इतनी देर में प्रिया आ गई और बोली: भाभी आप यहां?


रेशमा बोली: वो ही अपने काम को स्टार्ट कब कर रही हो पूछने आई थी।


प्रिया बोली: दस से पंद्रह दिन में अपना काम स्टार्ट हो जायेगा। मैंने सब तैयारी कर ली है। मुझे बस आप साथ हो इतना ही काफी है। बाकी सब मैं देख लूंगी।


रेशमा भी बोली: आप लोगो के मिलने से शायद हमारा भी बरसों पुराना सपना सच हो जाए।


और वो ऐसे बोल कर चली गई। मैंने रेशमा को बाद में भी कई बार चोदा। उसकी चूत के बाल भी मैंने शेव किए। वो बहुत खुश रहने लगी। दो महीने बाद उसे खबर मिली की वो मां बनने वाली थी।


अब उसका भी मां बनने का सपना पूरा होने जा रहा था। मेरी वजह से उसका पति सोचता रहा कि जो इलाज हो रहा था उसका नतीजा था।


खैर हमें क्या है किसी की गोद भरनी चाहिए। प्रिया और रेशमा का बुटीक भी बहुत अच्छा चल रहा है। अब इन लोगों ने अपनी शॉप में काफी आइटम बढ़ा दिए है।


आपको मेरी ये देवर भाभी कि प्रेग्नेंट सेक्स कहानी कैसी लगी कॉमेंट में जरूर बताना!


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